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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेक्स फ्रीडमैन के यूट्यूब चैनल पर एक पॉडकास्ट के लिए 3 घंटे से भी ज़्यादा समय का इंटरव्यू दिया. इस इंटरव्यू के बाद लेक्स फ्रीडमैन सुर्खियों में हैं.
इंटरव्यू लेने के बाद फ्रीडमैन ने एक्स पर लिखा, “मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 3 घंटे की शानदार बातचीत की. यह मेरी ज़िंदगी की सबसे दमदार बातचीत थी.”
वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने भी एक्स पर कहा, “लेक्स फ्रीडमैन के साथ यह वास्तव में एक दिलचस्प बातचीत थी, जिसमें मेरे बचपन, हिमालय में बिताए गए साल और सार्वजनिक ज़िंदगी की यात्रा सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई.”
फ्रीडमैन इससे पहले भी कई जानी-मानी हस्तियों का इंटरव्यू ले चुके हैं, इनमें अरबपति बिज़नेसमैन एलन मस्क का इंटरव्यू भी शामिल है.
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फ्रीडमैन अपने लंबे पॉडकास्ट के लिए जाने जाते हैं.
वो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की, अमेरिका के बिज़नेसमैन विवेक रामास्वामी, अमेज़न के पूर्व सीईओ जेफ़ बेज़ोस का भी इंटरव्यू ले चुके हैं.
वे अपने हर पॉडकास्ट में अपने मेहमानों से कई घंटे की बातचीत करते हैं, जिनमें वह मेहमानों से उनकी निजी ज़िंदगी से लेकर उनकी सार्वजनिक ज़िंदगी सहित कई मुद्दों पर बात करते हैं.
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कौन हैं लेक्स फ्रीडमैन?
अंग्रेज़ी अख़बार द टेलीग्राफ के मुताबिक, 41 वर्षीय फ्रीडमैन का जन्म वोल्गा नदी के तट पर स्थित रूसी शहर चकालोस्क में हुआ. वह यहूदी धर्म से ताल्लुक रखते हैं. जब वह 11 साल के थे, तब उनका परिवार अमेरिकी शहर शिकागो चला गया था.
बिज़नेस इनसाइडर में प्रकाशित फ्रीडमैन की प्रोफ़ाइल के मुताबिक, उनके पिता अलेक्जेंडर सोवियत संघ के सबसे कुशल प्लाज़्मा फिजिशयन में से एक थे.
फ्रीडमैन ने अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में ड्रेक्सेल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की. वहां से उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन और डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की.
2014 में जब वह अपनी डॉक्टरेट की पढ़ाई पूरी कर रहे थे, तब उन्होंने अपना एक यूट्यूब चैनल भी शुरू किया था. इस चैनल पर वह एआई लेक्चर्स देने के साथ-साथ मार्शल-आर्ट एक्सपर्ट्स का इंटरव्यू भी किया करते थे.
टेलीग्राफ के मुताबिक, ड्रेक्सल यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने के बाद उन्होंने एक साल तक गूगल में काम भी किया. गूगल में वह ह्यूमन सेंटर्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम किया करते थे.
फ्रीडमैन की विवादास्पद स्टडी
बाद में वह अमेरिका के मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में रिसर्चर बन गए. यह यूनिवर्सिटी साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स की पढ़ाई के लिए दुनिया की जानी-मानी यूनिवर्सिटी में से एक है.
2019 में फ्रीडमैन ने तब सुर्खियां बटोरी, जब उन्होंने एमआईटी में काम करते हुए अपनी विवादास्पद टेस्ला स्टडी को ऑनलाइन पोस्ट किया.
इस स्टडी में उन्होंने बताया कि टेस्ला की सेमी ऑटोमेटिक कार चलाते समय ड्राइवर अपने आस-पास के माहौल पर भी ध्यान देते हैं.
बिज़नेस इनसाइडर के मुताबिक, “यह जानकारी इंडस्ट्री के लिए एक झटका थी. ये बात दशकों के रिसर्च के उलट थी, जिसमें यह सुझाव दिया गया था कि खुद से चलने वाले सिस्टम को चलाते समय मनुष्य आमतौर पर विचलित हो जाते हैं.”
एआई के क्षेत्र में कई लोगों ने स्टडी के तरीके पर सवाल उठाने शुरू कर दिए. कई रिसर्चर ने स्टडी के छोटे सैंपल साइज की आलोचना की. साथ ही जानी-मानी एआई एक्सपर्ट अनिमा आनंद कुमार ने 2019 में ट्वीट करके कहा था कि जब उन्होंने अपनी पहली बातचीत में लेक्स फ्रीडमैन से अपने काम को पीयर रिव्यू के लिए भेजने के लिए कहा था, तब लेक्स ने उन्हें ब्लॉक कर दिया था.
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हालांकि, एमआईटी की यह मुहर एलन मस्क की कंपनी टेस्ला के बहुत मूल्यवान थी. क्योंकि टेस्ला की गाड़ियों से होने वाली दुर्घटनाओं के बाद इसका ऑटोपायलट फीचर गहन जांच के दायरे में आ गया था.
वहीं इससे फ्रीडमैन को अपने करियर में काफी मदद मिली. टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने उन पर ध्यान देना शुरू कर दिया.
बिज़नेस इनसाइडर के मुताबिक, जब उन्होंने इस स्टडी को ट्विटर और दूसरे प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया, तब इसके एक हफ्ते बाद मस्क ने फ्रीडमैन को टेस्ला के ऑफिस में आमंत्रित किया. तब मस्क ने उनके पॉडकास्ट के लिए 32 मिनट का इंटरव्यू भी दिया. इस इंटरव्यू के बाद से उनके पॉडकास्ट ने एक नई रफ्तार पकड़ी.
फ्रीडमैन का पॉडकास्ट
फ्रीडमैन ने 2018 में अपना पॉडकास्ट शुरू किया. उन्होंने अपना पहला पॉडकास्ट एपिसोड अपने यूट्यूब चैनल पर 19 अप्रैल 2018 को अपलोड किया. इस एपिसोड में उन्होंने एमआईटी में फिज़िक्स के प्रोफ़ेसर मैक्स टेगमार्क से बातचीत की थी.
बिजनेस इनसाइडर के मुताबिक, शुरुआत में उनके पॉडकास्ट का नाम ‘द आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पॉडकास्ट’ हुआ करता था, जिसे उन्होंने 2020 में बदल कर ‘द लेक्स फ्रीडमैन पॉडकास्ट’ कर दिया.
वह अभी तक अपने इस पॉडकास्ट चैनल पर 400 से ज़्यादा एपिसोड अपलोड कर चुके हैं. उनके चैनल पर मौजूदा समय में 4.61 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं.
फ्रीडमैन की प्रशंसा साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स के क्षेत्र से जुड़े लोग भी करते हैं.
फ्रीडमैन इस वक्त एमआईटी में लैबोरेटरी फॉर इंफोर्मेशन एंड डिसीज़न सिस्टम (एलआईडीएस) में रिसर्च साइंटिस्ट हैं.
एलआईडीएस के डायरेक्टर सैर्तच करामान ने बिजनेस इनसाइडर से कहा, “डॉ. फ्रीडमैन एमआईटी लिड्स और हमारे रिसर्च ग्रुप में एक रिसर्च साइंटिस्ट रहे हैं. मैं उन्हें कई सालों से जानता हूं और उनके विचारों और रिसर्च में हासिल की गई उपलब्धियों से बहुत प्रभावित हूं”.
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मनोलिस केलिस, एमआईटी में कंप्यूटेशनल बायोलॉजी के प्रोफ़ेसर हैं.
वह कई बार फ्रीडमैन के पॉडकास्ट में आ चुके हैं.
अमेरिका के अंग्रेज़ी अखबार बोस्टन ग्लोब के मुताबिक, वह कहते हैं, “लेक्स एक श्रोता हैं. वह सीखने के लिए वहां हैं. वह आपको दीवार पर एक मक्खी की तरह बुलाते हैं ताकि आप उनके साथ सीख सकें. वह कोई एजेंडा नहीं चला रहे हैं या स्मार्ट दिखने की कोशिश नहीं कर रहे हैं”
बोस्टन ग्लोब के मुताबिक, फ्रीडमैन साल 2021 में अमेरिकी राज्य टेक्सस की राजधानी ऑस्टिन चले गए. वहां उन्होंने एमआईटी में अपने रिसर्च पर ध्यान देने की जगह अपने पॉडकास्ट पर ज़्यादा ध्यान देने का फ़ैसला किया.
वह अपने इंटरव्यू में मेहमान से लगभग 3 घंटे से ज़्यादा समय तक कई मुद्दों पर बात करते हैं.
अपने इंटरव्यू लेने के तरीके को बताते हुए वह बोस्टन ग्लोब से कहते हैं, “मैं समय से पहले इंटरव्यू की तैयारी करने के लिए बहुत मेहनत करता हूं, जिसके लिए मैं उस व्यक्ति के ऊपर बहुत रिसर्च करता हूं. फिर जब मैं इंटरव्यू लेता हूं, तो मैं उस व्यक्ति के साथ सहानुभूति रखने की पूरी कोशिश करता हूं. साथ ही ज़रूरत पड़ने पर उन्हें चुनौती भी देता हूं, लेकिन इतना नहीं कि वे चुप हो जाएं. मेरा दिमाग खुद की आलोचना करता है, इसलिए इंटरव्यू लेने के बाद में, मुझे हमेशा लगता है कि मैंने बहुत बुरा काम किया है”.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित