एएनआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ग्रामीण रोजगार गारंटी के लिए बनाए गए नए अधिनियम वीबी-जीरामजी का जोरदार समर्थन करते हुए कहा कि यह कानून आमदनी, संपत्ति सृजन, कृषि स्थिरता और दीर्घकालिक ग्रामीण उत्पादकता को परस्पर विरोधी प्राथमिकताओं में नहीं रखता। इसके बदले यह कानून इन्हें एक सतत प्रक्रिया के रूप में देखते हुए ग्रामीण रोजगार की नई परिभाषा प्रस्तुत करता है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लिखे गए एक लेख को एक्स पर साझा किया, जिसमें मनरेगा के स्थान पर लागू किए गए इस नए कानून के औचित्य और उद्देश्यों को रेखांकित किया गया है।
पीएमओ ने लिखा-विधेयक लाने से पहले राज्य सरकारों के साथ व्यापक परामर्श, तकनीकी कार्यशालाएं और कई हितधारकों के साथ चर्चा की गई थी।
शिवराज चौहान ने अपने लेख में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि मनरेगा सार्थक परिणाम देने में विफल रहा है। मनरेगा की आड़ में संप्रग सरकार ने जनता को व्यापक भ्रष्टाचार के अलावा कुछ खास नहीं दिया। उन्होंने दावा किया कि नया अधिनियम कांग्रेस द्वारा छोड़ी गई गंभीर कमियों को दूर करने का प्रयास करता है।