अमेरिका की खुफिया प्रमुख तुलसी गबार्ड ने आज नई दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की। दोनों दिग्गजों के बीच कई मुद्दों को लेकर चर्चा की गई। पीएम मोदी ने गबार्ड को हाल ही में संपन्न कुंभ के अवसर पर एकत्रित गंगा जल एक कलश में भर कर भेंट किया। पिछले महीने दो महीनों के बीच
पीएम मोदी और गबार्ड के बीच दूसरी मुलाकात है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका की खुफिया विभाग की प्रमुख तुलसी गबार्ड के बीच सोमवार को मुलाकात हुई। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच रक्षा, सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ आपसी सहयोग बढ़ाने से जुड़े कई मुद्दों पर बात हुई, लेकिन जिस चीज ने इस मुलाकात को अलग बनाया वह इन दोनों के बीच उपहारों का आदान-प्रदान रहा।

दो महीनों में दूसरी मुलाकात
पिछले महीने दो महीनों के बीच मोदी और गबार्ड के बीच दूसरी मुलाकात है। फरवरी, 2025 में अपने अमेरिका दौरे के दौरान इनकी मुलाकात हुई थी। रविवार को गबार्ड भारत दौरे पर आई हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के दौरान भारत की यात्रा करने वाली गबार्ड नए अमेरिकी प्रशासन की पहली वरिष्ठ अधिकारी हैं।
रक्षा मंत्री से भी मिली गबार्ड
पीएम मोदी से मुलाकात से पहले गबार्ड ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक की। इसमें दोनों देशों के बीच मौजूदा रक्षा संबंधों को प्रगाढ़ बनाने, खास तौर पर अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल व इससे जुड़ी प्रौद्योगिकी को साझा तौर पर विकसित करने के विषय पर गहन विमर्श हुआ।

प्राप्त सूचनाओं के मुताबिक भारत ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग को लेकर पूरी प्रतिबद्धता दिखाने के साथ ही बहुत ही साफगोई से अमेरिका में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों का मुद्दा भी उठाया है। रक्षा मंत्री ने अमेरिकी प्रशासन से एक बार फिर कहा है कि वह भारत के खिलाफ साजिश करने वाले खालिस्तानी समर्थकों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे।
क्या बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह?
गबार्ड के साथ बैठक के बाद रक्षा मंत्री सिंह ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि कि अमेरिका की नेशनल इंटेलीजेंस की निदेशक तुलसी गबार्ड के साथ मिलकर काफी खुशी हुई। हमने रक्षा व सूचना क्षेत्र में साझेदारी पर काफी गंभीर बात की ताकि भारत व अमेरिका के संबंधों को और मजबूत बनाया जा सके।
रक्षा मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि आज की चर्चा में रक्षा क्षेत्र में एक दूसरे की जरूरत के मुताबिक आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करने पर खास जोर रहा ताकि संबंधित क्षेत्र में क्षमता विस्तार हो सके।
अमेरिका भारत का सबसे मजबूत रक्षा सहयोगी
बताते चलें कि पिछले एक दशक में अमेरिका भारत का सबसे मजबूत रक्षा सहयोगी के तौर पर स्थापित हुआ है। दोनों देशों के बीच सभी तीनों सैन्य क्षेत्रों में सहयोग को लेकर कई स्तरों पर काम हो रहा है। फरवरी, 2025 में वाशिंगटन में पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई वार्ता में भी रक्षा सहयोग एक अहम मुद्दा रहा है। कारोबार से जुड़े मुद्दे पर एक दूसरे की नीतियों से अप्रसन्न रहने के बावजूद भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंधों को आगे बढ़ाने को लेकर सहमति है।
NSA डोभाल से भी मिली थीं तुलसी गबार्ड
तुलसी गबार्ड ने एक दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात की है। इस बैठक में दोनों देशों के बीच खुफिया सूचनाओं को साझा करने के विषय पर बात हुई।खास तौर पर आतंकवाद और मादक द्रव्यों के गैर कानूनी कारोबार से जुड़ी सूचनाओं के आदान प्रदान को किस तरह से बेहतर किया जाए, यह चर्चा का विषय रहा है। गबार्ड ने भारत की तरफ से दुनिया के कई देशों के खुफिया विभाग के प्रमुखों की बैठक में भी हिस्सा लिया है। इस बैठक में अमेरिका के अलावा कनाडा, ब्रिटेन के खुफिया विभाग के प्रमुखों ने भी हिस्सा लिया।
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