प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शणमुगरत्नम से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर चर्चा की। शणमुगरत्नम भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर आए हैं। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया हमने भारत-सिंगापुर व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा की। सेमीकंडक्टर डिजिटलीकरण कौशल विकास कनेक्टिविटी जैसे भविष्य के उभरते क्षेत्रों को लेकर बातें हुईं।
एएनआई, दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शणमुगरत्नम से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर चर्चा की। शणमुगरत्नम भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर आए हैं।
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, हमने भारत-सिंगापुर व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा की। सेमीकंडक्टर, डिजिटलीकरण, कौशल विकास, कनेक्टिविटी जैसे भविष्य के उभरते क्षेत्रों को लेकर बातें हुईं। हमने उद्योग, बुनियादी ढांचे और संस्कृति में सहयोग को बेहतर बनाने के तरीकों पर भी चर्चा की। शणमुगरत्नम की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी बात हुई।
राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन में शणमुगरत्नम के सम्मान में भोज का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सहित प्रमुख नेता उपस्थित थे।
राष्ट्रपति भवन ने एक्स पर कही ये बात
राष्ट्रपति भवन ने एक्स पर पोस्ट किया, राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि सिंगापुर की प्रगति सभी विकासशील देशों के लिए उदाहरण है। सिंगापुर विकास यात्रा में भारत का मूल्यवान भागीदार है।
दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में लोगो जारी किया। इसमें भारत का राष्ट्रीय फूल कमल और सिंगापुर का राष्ट्रीय फूल आर्किड भी शामिल हैं। लोगो में संख्या दोनों देशों के द्विपक्षीय इतिहास में मील के पत्थर को उजागर करती है।
किसानों की समस्याओं को नहीं कर सकते नजरअंदाज: धनखड़
किसानों की समस्याओं पर तुरंत राष्ट्रीय ध्यान की जरूरत है। किसानों को आर्थिक सुरक्षा चाहिए। ऐसे देश में जो अभूतपूर्व तरक्की कर रहा है और जिस तरक्की को रोका नहीं जा सकता, किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते। सभी मुद्दों के समाधान का सार, समय है। लेकिन मैं कहूंगा कि जब किसानों की समस्याओं को खोजने की बात आती है, तब समय सबसे महत्वपूर्ण होता है। सरकार काम कर रही है। हम चाहते हैं कि सकारात्मक सोच के साथ समाधान खोजने के लिए सभी तालमेल के साथ एकजुट होकर काम करें।
यह बात उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को कर्नाटक के धारवाड़ में कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय के अमृत महोत्सव में कही। अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र के वृहद प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि हमें यह जरूर ध्यान रखना चाहिए कि जब किसान आर्थिक रूप से सही होता है, अर्थव्यवस्था आगे बढ़ती है क्योंकि यही किसान की खर्च करने की शक्ति होती है। जब किसान खर्च करता है, अर्थव्यवस्था अपने आप आगे बढ़ती है। और इसलिए हमारे पास एक और सकारात्मक प्रभाव होगा।
किसान खराब मौसम और अप्रत्याशित बाजार के हालात पर निर्भर
उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि सरकार काफी कुछ कर रही है लेकिन किसान खराब मौसम और अप्रत्याशित बाजार के हालात पर निर्भर है। वक्त आ गया है कि कृषि क्षेत्र की प्रमुख परेशानियों का विश्लेषण कर इनसे निजात दिलाई जाए।
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