पीएमओ में राज्य मंत्री (एमओएस) जितेंद्र सिंह ने नेहरु सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि देश उनके कार्यकाल में की गई गलतियों की कीमत चुका रहा है। साथ ही केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) नेहरु सरकार एवं दिवंगत प्रधानमंत्री की विदेश नीति की सबसे बड़ी विफलता है।
आइएएनएस, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) नेहरु सरकार एवं दिवंगत प्रधानमंत्री की विदेश नीति की सबसे बड़ी विफलता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ही वापस हासिल किया जा सकता है।
जितेंद्र सिंह ने नेहरु शासन पर यह तीखी टिप्पणी की
इंडियन सोसाइटी ऑफ इंटरनेशनल ऑ ऑडिटोरियम में जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फोरम और मीरपुर पीओजेके बलिदान समिति द्वारा आयोजित पीओजेके संकल्प दिवस कार्यक्रम में जितेंद्र सिंह ने नेहरु शासन पर यह तीखी टिप्पणी की।पीएमओ में राज्य मंत्री (एमओएस) जितेंद्र सिंह ने नेहरु सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि देश उनके कार्यकाल में की गई गलतियों की कीमत चुका रहा है।
नेहरु खुद को शांति का सबसे बड़ा मसीहा मानते थे
उन्होंने 1947 के बंटवारे को देश के इतिहास की सबसे बड़ी भूल बताया और दावा किया कि यह पंडित नेहरु और मोहम्मद अली जिन्ना की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए किया गया था। सिंह ने कहा कि पंडित नेहरु खुद को शांति का सबसे बड़ा मसीहा मानते थे और इसी कारण उन्होंने एक नहीं बल्कि कई गलतियां कीं। इसका खामियाजा आज पूरा देश भुगत रहा है।
नेहरु ने ऐतिहासिक भूल की
उन्होंने कहा, ”जब भारतीय सेना मीरपुर पहुंच गई थी और भारतीय क्षेत्र को मुक्त करा रही थी, तो अचानक युद्ध विराम की घोषणा कर दी गई। इसी से पीओजेके का मुद्दा पैदा हो गया। इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जाकर नेहरु ने ऐतिहासिक भूल की। इसके कारण भारत आज तक अपनी जमीन वापस नहीं ले पाया है।”
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