पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की रिहाई और बीते चुनावों को रद्द करने की मांग को लेकर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी के हज़ारों कार्यकर्ता मंगलवार को इस्लामाबाद पहुंच गए.
इस विरोध प्रदर्शन में इमरान ख़ान की पत्नी बुशरा बीबी भी हिस्सा ले रही हैं जो पिछले महीने ही ज़मानत पर जेल से बाहर आई हैं. बुशरा बीबी पहली बार इस तरह के किसी राजनीतिक प्रदर्शन में हिस्सा ले रही हैं.
इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तब तक वो पीछे नहीं हटेंगे.
इमरान ख़ान के एक्स अकाउंट से जारी बयान में उन्होंने अपनी टीम को ‘आखिरी गेंद तक लड़ने का’ संदेश दिया है.
इमरान ख़ान ने बयान में क्या कहा
इमरान ख़ान के बयान में कहा गया है, “सैन्य अदालत में मुक़दमे की धमकी देने वालों को मेरा संदेश है कि तुम्हें जो करना है करो, मैं पीछे नहीं हटूंगा.”
उन्होंने अपील की है कि जो लोग अब तक प्रदर्शन में नहीं पहुंचे हैं उन्हें भी डी-चौक पहुंचना चाहिए.
इमरान ख़ान ने आरोप लगाया है कि गृह मंत्री मोहसिन नक़वी के निर्देश पर, रेंजर्स और पुलिस ने पीटीआई कार्यकर्ताओं पर गोलीबारी की, जिसमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोग मारे गए और घायल हुए.
उन्होंने कहा है कि मोहसिन नक़वी को इसका हिसाब देना होगा.
प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए पीटीआई संस्थापक इमरान ख़ान ने कहा कि विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले सभी पाकिस्तानियों को एकजुट और दृढ़ रहना चाहिए.
इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और पीटीआई कार्यकर्ताओं के बीच झड़प और विरोध प्रदर्शन के दौरान पत्रकारों को आंदोलनकारियों द्वारा निशाना बनाए जाने की कई ख़बरें आई हैं.
स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के पत्रकारों का कहना है कि आंदोलनकारियों ने न सिर्फ उनके साथ धक्का-मुक्की की बल्कि उनके उपकरणों को भी नुकसान पहुंचाया.
इंडिपेंडेंट उर्दू की ऐनी शिराज़ी ने बीबीसी संवाददाता फ़रहत जावेद से बात करते हुए कहा कि उन्हें डी चौक में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ के कार्यकर्ताओं ने डराया और धमकी भी दी.
डी-चौक पर हुई गोलीबारी
इस्लामाबाद पुलिस का कहना है कि तहरीक-ए-इंसाफ़ के कार्यकर्ताओं के रेड ज़ोन स्थित डी चौक पर पहुंचने के बाद अज्ञात लोगों द्वारा की गई गोलीबारी में कम से कम छह लोग घायल हो गए.
पुलिस का कहना है कि सभी घायल पीटीआई के प्रदर्शनकारी हैं और अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि फायरिंग किस जगह से की गई.
अधिकारियों ने बताया है कि फिलहाल डी चौक पर पुलिस और रेंजर्स के जवान तैनात हैं. यहां पहुंचने के लिए बुशरा बीबी जिस कंटेनर में सवार थीं, उस कंटेनर को सुरक्षाकर्मी दूसरी तरफ ले गए.
बीबीसी संवाददाता फ़ाख़िर मुनीर के मुताबिक़ डी चौक मंगलवार देर शाम तक पूरी तरह खाली हो गया और पीटीआई के कार्यकर्ता आसपास के इलाक़ों में पुलिस से बचने की कोशिश में दिखे.
विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से ही तहरीक-ए-इंसाफ़ के कार्यकर्ता इस बात पर अड़े थे कि वो इस्लामाबाद के डी चौक पहुंचेंगे और इमरान ख़ान की रिहाई के लिए प्रदर्शन करेंगे.
आख़िरकार मंगलवार दोपहर बाद तहरीक-ए-इंसाफ का विरोध प्रदर्शन इस्लामाबाद के रेड ज़ोन स्थित डी चौक पहुंच गया.
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में प्रदर्शनकारियों को डी चौक पर रखे कंटेनरों पर चढ़कर जश्न मनाते देखा गया.
इस्लामाबाद के डिप्टी कमिश्नर इरफ़ान नवाज़ मेमन ने बीबीसी से बात करते हुए पुष्टि की कि पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने प्रदर्शनकारियों को नहीं रोका.
डी चौक पर धरने का ऐलान
इससे पहले खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर और बुशरा बीबी भी एक कंटेनर में डी चौक के लिए निकले थे, लेकिन पीटीआई कार्यकर्ता कंटेनर और बैरिकेड्स को पार करके पहले ही डी चौक पहुंच गए.
पीटीआई ने मांगें माने जाने तक डी चौक पर धरना देने का एलान किया था.
पीटीआई के पेशावर क्षेत्र के अध्यक्ष और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री के साथ मौजूद अरबाब नसीम ने बीबीसी को बताया कि “बुशरा बीबी और अली अमीन गंडापुर ने मांगें मंजूर होने तक डी चौक पर धरना देने की घोषणा की है.”
डी-चौक इस्लामाबाद शहर में एक बड़ा चौराहा है. इसके पास कई महत्वपूर्ण सरकारी इमारतें मौजूद हैं जिनमें प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद और सुप्रीम कोर्ट शामिल हैं.
पाकिस्तान में इस चौराहे को लोकतंत्र चौक भी कहा जाता है और अक़्सर इसका इस्तेमाल राजनीतिक रैलियों के लिए किया जाता है. कई बार यहां बड़ी रैलियों की वजह से इस्लामाबाद के ट्रैफ़िक पर बुरा असर पड़ता है.
इमरान की पत्नी की राजनीतिक एंट्री
यहां अभी भी हवा में आंसू गैस मौजूद है, जिससे आंखों में चुभन और गले में खराश हो रही है.
सड़क पर अभी भी पत्थर हैं, बैरिकेड्स टूटे हुए हैं और आंसू गैस के खाली गोले भी यहां बिखरे हुए हैं.
पीटीआई कार्यकर्ता उन कंटेनरों को हटाने में कामयाब रहे जिन्हें प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को कुछ हद तक आगे बढ़ने से रोकने के लिए स्थापित किया था.
बीबीसी उर्दू ने कुछ स्थानीय लोगों से बात की जिनके रोज़ाना की ज़िंदगी पर इस प्रदर्शन और हंगामे का बड़ा असर हुआ है.
एक शख्स ने कहा कि रात में हुए हंगामे के कारण उसे अपने बच्चों को सुरक्षित स्थान पर ले जाना पड़ा.
एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि गोलाबारी और धुएं के कारण उनकी बेटी को रात भर सांस लेने में परेशानी हुई.
उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि झड़पें मेरे घर के इतने क़रीब होंगी.”
बीबीसी ने भी प्रदर्शनकारियों से बात की है. खैबर पख्तूनख्वा के एक व्यक्ति ने हंसते हुए कहा, “मैं रात में फुटपाथ पर सोया था. जहां तक पुलिस की बात है तो अब मैं आंसू गैस का आदी हो गया हूं, इसलिए मुझे कोई चिंता नहीं है.”
पाकिस्तान के शेयर बाज़ार पर असर
पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में मंगलवार को मंदी का रुख दर्ज किया गया और कारोबारी सत्र के दौरान सूचकांक क़रीब 3900 अंक गिर गया.
हालाँकि मंगलवार को कारोबार की शुरुआत में बाज़ार में तेज़ी देखी गई और सूचकांक 1700 अंक की बढ़त के बाद 99000 अंक के स्तर को पार कर गया लेकिन इसके बाद बाज़ार में गिरावट आई.
विश्लेषकों का कहना है कि स्टॉक एक्सचेंज में भारी गिरावट का कारण राजनीतिक हालात के साथ-साथ शेयर बाज़ार में ऋण सौदों के निपटारे के साथ-साथ इस्लामिक बैंकों पर नए केंद्रीय बैंक नियमों का असर है.
पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में पिछले कई हफ्तों से तेज़ी का रुख दर्ज किया गया था जिसके बाद सूचकांक 100,000 अंक के स्तर पर पहुंच गया और चालू सप्ताह के दौरान इसके 100,000 अंक के स्तर को पार करने का अनुमान है.
हालाँकि, मौजूदा सप्ताह में पीटीआई के इस्लामाबाद मार्च के आह्वान के शुरू होने के बाद देश के राजनीतिक हालात में अनिश्चितता बढ़ गई है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित