प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया इसको लेकर कांग्रेस पर तीखा पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने पूछा है कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने 1992-97 में नगा और कुकी के बीच जातीय संघर्ष के दौरा पूर्वोत्तर राज्य की यात्रा क्यों नहीं की। मुख्यमंत्री एन बीरेन ने कहा कि हम वर्तमान संघर्ष का ठोस समाधान चाहते हैं।
पीटीआई, इंफाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मौजूदा संकट को लेकर कांग्रेस द्वारा राज्य सरकार की आलोचना पर सवाल उठाया है। उन्होंने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव ने 1992-97 में नगा और कुकी के बीच जातीय संघर्ष के दौरान मणिपुर का दौरा क्यों नहीं किया था?
मुख्यमंत्री एन बीरेन ने कांग्रेस पर साधा निशाना
क्या प्रधानमंत्री 1993-97 में पैते और कुकी के बीच जातीय संघर्ष के दौरान यहां आए थे, जिसमें 300 से अधिक निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। मुख्यमंत्री सचिवालय में गुरुवार को प्रेस कांफ्रेस में उन्होंने विपक्ष की ईमानदारी पर सवाल उठाया और उन पर मणिपुर के हितों को प्राथमिकता देने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
हम वर्तमान संघर्ष का ठोस समाधान चाहते हैं- सीएम
मुख्यमंत्री एन बीरेन ने कहा कि हम वर्तमान संघर्ष का ठोस समाधान चाहते हैं। यह महज एक राजनीतिक मुद्दा नहीं है। यह कांग्रेस द्वारा पैदा की गई एक पुरानी समस्या है। वे ही हैं जिन्होंने इन मुद्दों को जन्म दिया और अब वे हमें दोषी ठहरा रहे हैं। भगवान ही नहीं, यहां तक कि लोग भी उन्हें माफ नहीं करेंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस मणिपुर में अपने सांसदों को संसद में बोलने नहीं दे रही है। विपक्षी दल राज्य की स्थिति पर राजनीति कर रहे है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में दिन-प्रतिदिन सुधार हो रहा है। कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार हो रहा है। केंद्र सरकार लोगों की मांग के अनुसार सब कुछ कर रहा है।
जदयू की मणिपुर इकाई एनडीए से अलग हुई
बुधवार को जदयू की मणिपुर इकाई द्वारा राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को भाजपा नीत राज्य सरकार से समर्थन वापस लेने के बारे में पत्र लिखे जाने के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा, जैसा कि मैंने कहा है, हम जो करते हैं, उसका परिणाम हमें मिलता है।
JDU ने BJP को मणिपुर में दिया झटका, सरकार से वापस लिया समर्थन
मणिपुर में जनता दल (यूनाइटेड) ने भाजपा से समर्थन वापस ले लिया है। जेडीयू के एकमात्र विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर अब विपक्ष का हिस्सा होंगे। बता दें कि जेडीयू एनडीए घटक दल का महत्वपूर्ण हिस्सा है। हालांकि, जेडीयू के इस फैसले से बिरेन सिंह के सरकार को कोई खतरा नहीं है। बता दें कि कुछ दिनों पहले कॉनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी ने भी बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया था।
मणिपुर विधानसभा का हाल
बता दें कि साल 2022 विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने राज्य की छह सीटें जीतीं। हालांकि, पांच महीनों बाद छह में से पांच विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास फिलहाल 37 विधायक हैं। इसे नगा पीपुल्स फ्रंट के पांच विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जिससे इसे आरामदायक बहुमत मिल गया है।
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