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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्वागत किया.
यहां भारत और रूस के बीच 23वीं वार्षिक बैठक हुई.. इस मुलाकात का मकसद रक्षा, व्यापार, ऊर्जा और आर्थिक सहयोग जैसे अहम क्षेत्रों में साझेदारी को और मजबूत करना था.
पुतिन चार साल बाद भारत की दो दिन की राजकीय यात्रा पर आए हैं.
सुबह पुतिन राजघाट गए, जहां उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने फूलों की माला चढ़ाई और विज़िटर बुक पर हस्ताक्षर किए.
राजघाट आने से पहले राष्ट्रपति पुतिन का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत दिया गया. तीनों सेनाओं ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री मोदी ने उनका स्वागत किया. इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर, दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना, सीडीएस जनरल अनिल चौहान और दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
रूस की ओर से रक्षा मंत्री आंद्रे बेलोउसौफ़ और क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव सहित शीर्ष अधिकारी पुतिन के साथ आए हैं.
किन समझौतों पर बनी सहमति
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भारत और रूस के बीच कोऑपरेशन और माइग्रेशन, हेल्थकेयर और मेडिकल एजुकेशन, फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड्स, पोलर शिप्स और मैरीटाइम कोऑपरेशन और फर्टिलाइजर पर अहम समझौते हुए हैं.
पीएम मोदी ने कहा, “आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाना हमारी साझी प्राथमिकता है. इसे साकार करने के लिए आज हमने 2030 तक के लिए एक इकोनॉमिक कोऑपरेशन प्रोग्राम पर सहमति बनाई है. इससे हमारा व्यापार और निवेश डाइवर्सिफाई, बैलेंस और सस्टेनेबल बनेगा.”
उन्होंने कहा, “आज राष्ट्रपति पुतिन और मुझे इंडिया-रशिया बिजनेस फोरम में शामिल होने का अवसर मिलेगा. मुझे विश्वास है कि ये मंच हमारे बिजनेस संबंधों को नई ताकत देगा. इससे एक्सपोर्ट, को-प्रोडक्शन और को-इनोवेशन के नए दरवाजे भी खुलेंगे.”

पीएम मोदी ने कहा, “दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाना हमारी मुख्य प्राथमिकता है. हम आईएनएसटीसी, नॉर्दर्न सी रूट, चेन्नई–व्लादिवोस्तोक कॉरिडोर पर नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे.”
उन्होंने कहा, “भारत के सीफेरर्स की पोलर वॉटर में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे. यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनाएगा.”
“शिपबिल्डिंग में हमारा गहरा सहयोग मेक इन इंडिया को सशक्त बनाने की क्षमता रखता है. इससे रोजगार, स्किल और रीजनल कनेक्टिविटी, सबको बल मिलेगा.”
पीएम मोदी ने कहा, “सिविल न्यूक्लियर एनर्जी के क्षेत्र में दशकों पुराना सहयोग, क्लीन एनर्जी की साझा प्राथमिकता को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है.”
“हम इस सहयोग को जारी रखेंगे. क्रिटिकल मिनरल्स में सहयोग, पूरे विश्व में सुरक्षित और डाइवर्सिफाइड सप्लाई चेन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है. इससे क्लीन एनर्जी, हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग और न्यू-एज इंडस्ट्री में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा.”
पीएम मोदी ने कहा, “हाल ही में रूस में भारत के दो नए कॉन्सुलेट खोले गए हैं. इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और नजदीकियां बढ़ेंगी. इस वर्ष अक्टूबर में लाखों श्रद्धालुओं को काल्मिकिया में इंटरनेशनल बौद्ध फोरम में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों का आशीर्वाद मिला.”

पीएम मोदी ने कहा, “मैनपावर मोबिलिटी हमारे लोगों को जोड़ने के साथ-साथ दोनों देशों के लिए नई ताकत और अवसर क्रिएट करेगी. इसे बढ़ाने के लिए आज दो समझौते किए गए हैं.”
“हम मिलकर वोकेशनल एजुकेशन, स्किलिंग और ट्रेनिंग पर भी काम करेंगे. हम दोनों देशों के छात्र, स्कॉलर्स और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान भी बढ़ाएंगे.”
“पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रॉकस सिटी हॉल पर कायरतापूर्ण हमला. इन सबकी जड़ एक ही है. भारत का विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है. इसके खिलाफ वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है. दोनों देशों के बीच यूएन, जी20, ब्रिक्स, एससीओ और अन्य मंचों पर करीबी सहयोग रहा है.”
पीएम मोदी कहा- ‘भारत न्यूट्रल नहीं हैं’
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हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बातचीत के दौरान भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, शक्तिकांत दास और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन का तारीफ करते हुए कहा, “आपकी यह यात्रा बहुत ऐतिहासिक है. 2001 में जब आपने कार्यभार संभाला था और पहली बार भारत आए थे, उस यात्रा को 25 साल हो गए हैं. उसी पहली यात्रा में हमारी रणनीतिक साझेदारी की मजबूत नींव रखी गई थी.”
पीएम मोदी ने कहा, “मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से भी यह खुशी की बात है. मैं मानता हूँ कि 2001 में आपने जो भूमिका निभाई, वह दिखाती है कि एक दूरदर्शी नेता कैसे सोचता है,कहां से शुरुआत करता है और रिश्तों को कहां तक ले जा सकता है. भारत-रूस के संबंध इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं.”
यूक्रेन संकट पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा, “यूक्रेन संकट के बाद हमारी लगातार बातचीत होती रही है. आपने भी समय-समय पर एक सच्चे मित्र की तरह हमें हर बात से अवगत कराया है. यह विश्वास हमारे रिश्ते की बड़ी ताकत है…”
“हम सबको मिलकर शांति का रास्ता तलाशना चाहिए. हाल के दिनों में जो प्रयास चल रहे हैं, उनसे मुझे पूरा भरोसा है कि दुनिया फिर से शांति की दिशा में लौटेगी.”
पीएम ने कहा, “मैंने हमेशा कहा है कि भारत न्यूट्रल नहीं है. भारत का पक्ष है और वो पक्ष शांति का है. हम शांति के हर प्रयासों का समर्थन करते हैं. शांति के हर प्रयास के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं.”
राष्ट्रपति पुतिन ने क्या कहा?
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भारत के दौरे पर आए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद कहा कि वो और मोदी ने कई बार आपस में बातचीत की है.
उन्होंने कहा, “हम लोग टेलीफोन पर कई अहम मुद्दों पर बातचीत करते रहते हैं. रूस और भारत के आपसी संबंध काफी मजबूत हैं. हमारे आपसी रिश्ते अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों समेत कई जगह मजबूत हो रहे हैं.”
पुतिन ने कहा, “हमारा व्यापार रुबल और रूपये में हो रहा है. हम ‘मेक इन इंडिया’ में सहयोग करेंगे. दोनों देश लॉजिस्टिक रूट बनाने पर भी चर्चा कर रहे हैं. हम हिंद महासागर के रूट पर भी बात कर रहे हैं. हम मेक इन इंडिया प्रोग्राम में भी सहायता को तैयार हैं जो पीएम नरेंद्र मोदी के दिल के करीब है.”
पुतिन ने अपने बयान में आगे कहा, “हम ट्रेड, निवेश और तकनीक को लेकर बातचीत आगे बढ़ा रहे हैं. रूस और इंडियन इकोनॉमिक सहयोग संगठन आपस में मिलकर काम कर रहे हैं.”
ऊर्जा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि रूस, भारत को ‘बिना रुकावट ईंधन की सप्लाई’ जारी रखने के लिए तैयार है. अमेरिका भारत पर रूस से तेल खरीद बंद करने का दबाव डालता रहा है.
पुतिन ने अपने भाषण में उस ‘फ़्लैगशिप प्रोजेक्ट’ का भी ज़िक्र किया, जिसमें रूस भारत का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने में मदद कर रहा है.
उन्होंने कहा कि आज रशिया टुडे(आरटी) न्यूज़ नेटवर्क के भारत ब्यूरो की शुरुआत से भारतीय लोगों को रूस के बारे में ज़्यादा जानने का मौका मिलेगा.
पुतिन कहा कि आरटी भारत में ‘निष्पक्ष और तथ्य आधारित जानकारी’ प्रसारित करेगा, जिससे लोगों को पता चलेगा कि रूस में क्या हो रहा है.
उन्होंने विदेश नीति पर भारत-रूस के सहयोग का ज़िक्र भी किया. पुतिन ने कहा कि भारत और रूस, ब्रिक्स देशों के साथ मिलकर एक ‘ज्यादा न्यायपूर्ण’ और ‘बहुध्रुवीय दुनिया’ की दिशा में काम कर रहे हैं. पुतिन ने यह भी कहा कि दोनों देश रक्षा और सैन्य क्षेत्र में भी मजबूत सहयोग कर रहे हैं.
ब्रिक्स कई बड़े विकसित हो रहे देशों का एक समूह है. इसमें भारत, रूस, चीन और ब्राज़ील शुरू से शामिल हैं. बाद में दक्षिण अफ्रीका भी इससे शामिल हुआ.
यह समूह 2006 में इसलिए बना था ताकि दुनिया की राजनीति और अर्थव्यवस्था में अमेरिका और यूरोप के ‘एकतरफ़ा दबदबे’ को चुनौती दी जा सके और विकासशील देशों की आवाज़ मज़बूत हो पाए.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.