क्रेमलिन ने कहा कि पुतिन अराकची से मुलाकात करेंगे, लेकिन चर्चा के विषयों का जिक्र नहीं किया। तास न्यूज एजेंसी के हवाले से अराकची ने कहा कि ईरान और रूस मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव पर अपनी रणनीति में तालमेल कर रहे हैं।
पुतिन ने बार-बार अमेरिका और ईरान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की है और कहा है कि उन्होंने इस संघर्ष को सुलझाने के लिए मॉस्को के विचार दोनों पक्षों तक पहुंचाए हैं, ताकि ईरान को नागरिक परमाणु ऊर्जा तक पहुंच मिल सके। पिछले हफ्ते पुतिन ने खामेनई की हत्या की संभावना पर चर्चा करने से इनकार कर दिया।
पुतिन ने चली फूंक-फूंककर चाल
पुतिन ने कहा कि इजरायल ने मॉस्को को भरोसा दिया है कि ईरान में बुशहर परमाणु संयंत्र में दो और रिएक्टर बनाने में मदद कर रहे रूसी विशेषज्ञों को हवाई हमलों में नुकसान नहीं पहुंचेगा। रूस, ईरान का पुराना सहयोगी है। ईरान के परमाणु वार्ताओं में अहम भूमिका निभाता है। वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का वीटो शक्ति वाला सदस्य है । लेकिन पुतिन ने अभी तक ईरान को लेकर अमेरिका से टकराव में कूदने की कोई इच्छा नहीं दिखाई है। इसकी एक वजह ये भी है कि रूस खुद चार साल से जंग में उलझा है। खासकर तब, जब ट्रंप रूस के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।