India Maldives ties मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत विरोध के आधार पर राजनीति करके मालदीव की सत्ता हासिल की थी। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने खुले तौर पर भारत विरोधी रुख दिखाया भी था। लेकिन पिछले साल की भारत यात्रा की बाद से उनके तेवर में बड़े बदलाव आए हैं और अब वह पूर्ववर्ती सरकारों की तरह ही सहयोग की बातें कर रहे हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले वर्ष नई दिल्ली यात्रा के दौरान ही मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के तेवर बदले हुए थे, लेकिन अब तो उनकी सरकार भारत के साथ सहयोग पर वैसे ही बात कर रही है, जैसे वहां की पूर्ववर्ती सरकारें करती थीं, जिन्हें भारत समर्थक माना जाता था।
पिछले हफ्ते मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल खलील भारत यात्रा पर थे और इस हफ्ते वहां के रक्षा मंत्री मोहम्मद घसान मौमून दिल्ली आ रहे हैं। मौमून की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से द्विपक्षीय वार्ता होगी और उनकी मुलाकात भारत सरकार के कुछ अन्य शीर्ष अधिकारियों से भी होने जा रही है। बताया जा रहा है कि हिंद महासागर में आपसी हितों को सुरक्षित रखने के मुद्दे पर खासतौर पर बातचीत होगी। साथ ही सितंबर, 2024 में दोनों देशों के बीच हुई पांचवी रक्षा वार्ता के दौरान किए गए फैसलों की भी समीक्षा होगी।
अपनाया था भारत विरोधी रुख
गौरतलब है कि राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत विरोध के आधार पर राजनीति करके मालदीव की सत्ता हासिल की थी। राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने पहले तुर्किये व चीन का दौरा करके परंपराओं को तोड़ा, क्योंकि अभी तक मालदीव का हर राष्ट्रपति सत्ता में आने के बाद पहली यात्रा भारत की करता रहा है। इस बीच मुइज्जू सरकार अपने देश से भारतीय सैनिकों को हटाने की मांग पर अड़ी रही। भारत ने यह मांग स्वीकार भी कर ली।
बाद में जब मुइज्जू भारत आए तो उनके तेवर पूरी तरह बदले हुए थे। भारत के साथ जिन क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत बनाने का वह विरोध करते थे, तकरीबन हर उस मुद्दे पर उन्होंने भारत की मदद मांगी। पिछले हफ्ते दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच बैठक में विदेश मंत्री खलील ने भरोसा दिलाया था कि उनकी सरकार भारत के साथ सुरक्षा व अर्थ के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा प्रगाढ़ रिश्ते बनाने को तत्पर है।
पीएम मोदी से बातचीत के बाद निकला था एजेंडा
उन्होंने भारत की मदद से नई ढांचागत परियोजना शुरू करने की हामी भी भरी। मुइज्जू सरकार भारत के साथ द्विपक्षीय कारोबार स्थानीय मुद्रा में भी करने को तैयार है। कूटनीतिक सूत्रों ने बताया कि पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग के व्यापक एजेंडे पर बात हुई थी। इसमें समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने, सूचनाओं के आदान-प्रदान और सैन्यकर्मियों के प्रशिक्षण आदि जैसे महत्वपूर्ण विषय थे।
अगले हफ्ते दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच होने वाली बैठक में इन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी। इनमें से कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पहले से दोनों देशों के बीच सहयोग चल रहा है। मालदीव के पास बहुत बड़ा समुद्री क्षेत्र है जो मादक दवाओं और हथियारों के गैरकानूनी कारोबार के लिए प्रसिद्ध है। यह वहां की सरकार की एक बड़ी समस्या है जिसे रोकने के लिए मुइज्जू भारत से सहयोग चाहते हैं। यह भी रक्षा मंत्री मौमून की यात्रा का एक प्रमुख केंद्र बिंदु होगा।
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