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पूर्वी पाकिस्तान से आख़िरी उड़ान: सरेंडर से इनकार कर ढाका से कैसे भागे थे पाकिस्तानी पायलट

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Dec 17, 2025


पाकिस्तानी सेना के जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाजी सरेंडर करने के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए.  साथ में हैं भारतीय सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल जगजीत सिंह अरोरा (बाएं).

इमेज स्रोत, Bettmann via Getty Images

इमेज कैप्शन, 1971 के युद्ध में हार के बाद पाकिस्तानी सेना के जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाजी ने सरेंडर करने के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए. साथ में हैं भारतीय सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा (बाएं).

यह 15 दिसंबर, 1971 की रात थी. पाकिस्तानी सेना भारत के सामने औपचारिक रूप से आत्मसमर्पण करने की तैयारी कर रही थी. ढाका में तैनात पाकिस्तानी सेना के चौथे एविएशन स्क्वाड्रन को अपने हेलीकॉप्टरों और हथियारों को नष्ट करने के आदेश मिले थे.

लेकिन ये पायलट कैद नहीं होना चाहते थे. उनका इरादा ढाका से भाग निकलने का था.

योजना देखने में तो बहुत सरल थी. पायलट हेलीकॉप्टरों को नष्ट करने के बजाय उन्हें बर्मा ले जाना चाहते थे. इंडियन एयर फ़ोर्स का हवाई क्षेत्र पर पूरा नियंत्रण था.

ढाका भारतीय सेना और मुक्ति वाहिनी की कड़ी घेराबंदी में था और बाहर निकलने के सभी रास्ते बंद हो रहे थे.

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