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फ़्रांस में पेरिस के लूवर म्यूज़ियम को एक चोरी की घटना के बाद बंद कर दिया गया है.
फ्रांस की संस्कृति मंत्री राशिदा दाती ने एक्स पर लिखा कि यह चोरी रविवार सुबह तब हुई जब म्यूज़ियम खुल रहा था. उन्होंने बताया कि वह मौके़ पर मौजूद हैं, जहां पुलिस जांच कर रही है.
बाद में उन्होंने कहा कि चोरी हुआ एक गहना घटनास्थल के पास मिला है, जो शायद गिर गया था. दाती ने कहा कि उसकी जांच की जा रही है. अभी तक यह साफ़ नहीं हुआ है कि वह कौन-सी चीज़ है.
चोरों के बारे में मंत्री ने कहा कि उन्होंने ‘पेशेवर तरीक़े से काम किया, बिना किसी हिंसा या घबराहट के.’
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घटना में किसी के हताहत होने की ख़बर नहीं है.
म्यूज़ियम की ओर से कहा गया है कि ‘विशेष कारणों से’ म्यूज़ियम दिनभर बंद रहेगा, लेकिन विस्तृत जानकारी नहीं दी गई.
लूवर दुनिया का सबसे ज़्यादा देखा जाने वाला म्यूज़ियम है और इसमें दुनिया की कई मशहूर कलाकृतियां और ख़ज़ाने रखे हैं.
अब तक क्या-क्या पता है?
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बीबीसी के पेरिस संवाददाता ह्यू शोफ़ील्ड ने फ़्रांसीसी मीडिया के हवाले से बताया कि तीन नकाबपोश लोग सुबह म्यूज़ियम खुलने के कुछ देर बाद लूवर में दाख़िल हुए.
फ़्रांस के गृह मंत्रालय ने बताया कि स्थानीय समयानुसार सुबह लगभग 9:30 बजे कुछ लोग एक खिड़की तोड़कर अपोलो गैलरी में घुसे. यह गैलरी सीन नदी के किनारे स्थित है और इसमें फ़्रांसीसी क्राउन ज्वेल्स के अवशेष (बचे हुए हिस्से) रखे हैं.
गृह मंत्री लॉरेंट नुनेज़ ने कहा कि तीन या चार चोरों ने म्यूज़ियम के पास ट्रक पर लगे फोर्क़लिफ़्ट का इस्तेमाल किया. अंदर पहुंचने के बाद उन्होंने गहने चुराए और फिर मोटरसाइकिलों पर भाग गए.
नुनेज़ के मुताबिक़, चोरी सात मिनट तक चली.
जांचकर्ता अब यह पता लगा रहे हैं कि कौन-कौन सी चीज़ें चोरी हुईं.
मंत्रालय का कहना है कि इन चीज़ों का न केवल व्यापारिक, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत बड़ा है.
लूवर के पास मौजूद बीबीसी के एंड्रयू हार्डिंग बताते हैं कि फ़्रांसीसी पुलिस ने म्यूज़ियम और उसके सामने नदी किनारे की सड़क को बंद कर दिया है.
जांच मुख्य रूप से इमारत के उस दक्षिण-पूर्व कोने पर केंद्रित है जो सीन नदी की ओर है.
दूर से एक बड़ी चलती-फिरती सीढ़ी दिखाई दे रही है, जैसी अक्सर फायर ट्रक या छत पर काम करने वाली कंपनियां इस्तेमाल करती हैं. यह एक मशीन पर लगी है जो पेरिस में ऊंची मंज़िलों तक सामान पहुंचाने के लिए इस्तेमाल होती है.
सीढ़ी का ऊपरी हिस्सा एक बालकनी को छू रहा है, शायद इसी रास्ते तीनों चोर ऊपरी मंज़िलों तक पहुंचे.
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अपोलो गैलरी में फ़्रांसीसी क्राउन ज्वेल्स के बचे हुए हिस्से रखे हैं.
इनमें से ज़्यादातर जवाहरात फ़्रांसीसी क्रांति के बाद खो गए या बेच दिए गए थे, लेकिन कुछ क़ीमती चीज़ें बची रह गईं.
यहां रखे गए गहनों में वे चीज़ें भी शामिल हैं जो फ़्रांसीसी क्रांति के बाद सम्राट नेपोलियन, उनके भतीजे नेपोलियन तृतीय और उनकी पत्नियों मेरी-लुईज़ और यूज़नी के लिए हासिल की गई थीं.
लूवर की वेबसाइट के मुताबिक़, इस गैलरी में रखी सबसे क़ीमती वस्तुएं तीन हीरे हैं- रीजेंट, सैंसी और हॉर्टेंसिया.
दुनिया का सबसे बड़ा म्यूज़ियम
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पेरिस में स्थित लूवर दुनिया का सबसे बड़ा म्यूज़ियम है. इसका प्रदर्शनी क्षेत्र लगभग 73,000 वर्ग मीटर में फैला है, जो दस फुटबॉल मैदानों के बराबर है.
इसे मूल रूप से 1546 में फ़्रांसीसी शाही परिवार के महल के रूप में बनाया गया था. इसके पहले निवासी राजा फ़्रांसिस प्रथम कला प्रेमी थे और वे लूवर का उपयोग अपनी कला-संग्रह को प्रदर्शित करने के लिए करना चाहते थे.
इसके बाद आने वाले फ़्रांसीसी राजाओं ने इस शाही कला-संग्रह को और बढ़ाया. लुई चौदहवें ने तो इंग्लैंड के राजा चार्ल्स प्रथम का कला-संग्रह भी हासिल कर लिया था, जब चार्ल्स प्रथम को इंग्लिश सिविल वॉर के दौरान फांसी दे दी गई थी.
फ़्रांसीसी क्रांति 1789 तक यह कला संग्रह आम लोगों के लिए बंद था. 1793 में लूवर को पब्लिक आर्ट गैलरी के रूप में खोला गया.
आज लूवर में 35,000 से ज़्यादा कलाकृतियाँ हैं, जिनमें लियोनार्डो दा विंची की मशहूर पेंटिंग ‘मोना लिसा’ भी शामिल है.
हर दिन क़रीब 30,000 लोग लूवर देखने आते हैं.
लूवर से चोरी कितनी आम है?
म्यूज़ियम से चोरी की घटनाएं बहुत कम होती हैं, क्योंकि यहाँ सुरक्षा व्यवस्था बहुत सख़्त है.
फिर भी कुछ घटनाएँ हुई हैं. सबसे मशहूर 1911 की है, जब लियोनार्डो दा विंची की प्रसिद्ध कृति मोना लिसा चोरी हो गई थी.
तब पुलिस ने कवि गिलॉम अपोलिनेर और चित्रकार पाब्लो पिकासो से भी पूछताछ की थी. लेकिन असली अपराधी एक इतालवी व्यक्ति निकला, जो ‘नेशनल प्राइड’ के कारण यह पेंटिंग इटली वापस ले जाना चाहता था.
तीन साल बाद यह पेंटिंग फ्लोरेंस में मिली और फिर पेरिस लौटाई गई. उस समय यह पेंटिंग आज जितनी प्रसिद्ध नहीं थी.
इसके अलावा, 1983 में 16वीं सदी के कुछ कवच (आर्मर) गायब हो गए थे, जो 2011 में दोबारा मिले.
सबसे हाल में, 1998 में 19वीं सदी के कलाकार कैमील कोरो की एक पेंटिंग ‘द सेव्र रोड’ चोरी हुई थी. यह दीवार से सीधे उतार ली गई थी और किसी ने देखा भी नहीं.
इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव किए गए. यह पेंटिंग अब तक नहीं मिली है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.