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प्रोफेसर अली खान मामला: ‘दाएं-बांए जाने की जरूरत नहीं’, कोर्ट में सिब्बल की तीखी बहस; जज ने कहा- अगली तारीख पर देखेंगे

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May 28, 2025


सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ऑपरेशन सिंदूर पर सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में हरियाणा के अशोका विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर और राजनीति विज्ञान विभाग के प्रमुख अली खान महमूदाबाद को दी गई अंतरिम जमानत जुलाई तक बढ़ा दी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने एसआईटी की जांच के दायरे को भी सीमित कर दिया और कहा कि जांच दो एफआईआर तक ही सीमित होनी चाहिए।

माला दीक्षित, नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के बारे में फेसबुक पोस्ट में विवादित टिप्पणी के आरोपी अशोका विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान की केस के संबंध में कोई भी टिप्पणी न करने की जमानत शर्त में बदलाव करने से बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया।

कोर्ट ने कहा, ‘उनके लिखने, बोलने या अभिव्यक्ति की आजादी पर कोई रोक नहीं है। वह लिख सकते हैं, बोल सकते हैं, लेकिन वह इस मामले में दर्ज एफआईआर के बारे में कोई टिप्पणी या ऑनलाइन पोस्ट नहीं करेंगे। यानी की जो शर्त कोर्ट ने पहले लगाई थी, वह अभी जारी है। इसके साथ ही कोर्ट ने एसआईटी को जांच जारी रखने और अगली सुनवाई पर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश देते हुए अली खान की अंतरिम जमानत बढ़ा दी है। हालांकि कोर्ट ने एसआईटी से कहा है कि जांच दर्ज दो एफआईआर तक ही सीमित रहेगी, उसका दायरा नही बढ़ा सकते।’

नोटिस पर दिये गए जवाब

ये आदेश न्यायमूर्ति सूर्यकांत और दीपांकर दत्ता की पीठ ने सुनवाई के दौरान दिए। कोर्ट ने पुलिस से अली खान की गिरफ्तारी के बारे में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा भेजे गए नोटिस पर दिये गए जवाब को भी पूछा है। अगली तारीख पर पुलिस इस बारे में भी कोर्ट को बताएगी।

हरियाणा पुलिस ने किया था गिरफ्तार

अली खान को पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान में आतंकियों से निबटने के लिए चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बारे में फेसबुक पोस्ट में टिप्पणी की थी। इस पर अली खान के खिलाफ हरियाणा में दो एफआईआर दर्ज हुई हैं और हरियाणा पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।

कोर्ट में रिपोर्ट देने के आदेश

अली खान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए एफआईआर रद करने की मांग की है। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने अली खान को अंतरिम जमानत दे दी थी, लेकिन मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर जांच करने और कोर्ट को रिपोर्ट देने के आदेश दिया था।

दो एफआईआर तक ही जांच सीमित

बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि एसआईटी गठित हुई है और वह जांच कर रही है। तलाशी जब्ती आदि की बात हुई। तभी अली खान की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जांच का दायरा बढ़ाए जाने का मुद्दा उठाया। जिस पर कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एसआईटी मौजूदा मामले में दर्ज दो एफआईआर तक ही जांच सीमित रखेगी।

टिप्पणी या ऑनलाइन पोस्ट

कोर्ट ने कहा कि दाएं-बांए जाने की जरूरत नहीं है। इन्हीं दो दर्ज एफआईआर पर ध्यान केंद्रित कीजिए। कोर्ट ने एसआईटी को अगली तारीख पर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। तभी कपिल सिब्बल ने कोर्ट के पिछले आदेश में अली खान के मामले के बारे में कोई भी टिप्पणी या ऑनलाइन पोस्ट करने पर लगाई गई रोक में ढिलाई देने की मांग की।

कोर्ट का आदेश देने से इनकार

लेकिन कोर्ट ने कहा कि उनका आदेश स्पष्ट है, उसमें सिर्फ मौजूदा दो एफआईआर के मामले में टिप्पणी करने पर रोक लगाई गई है, बाकी उनकी अभिव्यक्ति लिखने बोलने पर कोई रोक नहीं है। जब सिब्बल बार-बार अनुरोध करते रहे तो कोर्ट ने फिलहाल कोई भी आदेश देने से इनकार करते हुए कहा कि अभी इसे रहने दीजिए अगली तारीख पर देखेंगे। कोर्ट ने अली खान की अंतरिम जमानत बढ़ाते हुए मामले को जुलाई में सुनवाई के लिए लगाने का आदेश दिया।
अली खान के खिलाफ पहला मामला योगेश जठेरी की शिकायत पर दर्ज किया गया था और दूसरा मामला हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया की शिकायत पर दर्ज हुआ है।यह भी पढ़ें: Opration Sindoor: क्या है ‘ऑपरेशन सिंदूर’? जिसने पाकिस्तान की उड़ा दी नींद; भारत ने ऐसे लिया पहलगाम हमले का बदला

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