गाजा में लंबे समय से जारी इस्राइल-फलस्तीन संघर्ष के बीच शांति स्थापना को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहल सामने आई है। अमेरिका ने पुष्टि की है कि पाकिस्तान ने गाजा के लिए प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल में अपने सैनिक भेजने की पेशकश की है। यह पहल मौजूदा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 20 सूत्री शांति योजना के तहत की जा रही है, जिसका मकसद संघर्ष प्रभावित क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और पुनर्निर्माण सुनिश्चित करना है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने साफ किया है कि पाकिस्तान ने गाजा में शांति स्थापना के प्रयासों में शामिल होने की इच्छा जताई है, लेकिन अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है। रुबियो के अनुसार, अमेरिका पहले सभी पक्षों को जरूरी जानकारी देगा, उसके बाद ही किसी देश से ठोस प्रतिबद्धता मांगी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कई देश ऐसे हैं, जो इस संघर्ष में सभी पक्षों को स्वीकार्य हैं और शांति बल का हिस्सा बनने को तैयार हैं।
#WATCH | US Secretary of State Marco Rubio says, “… I believe very strongly this president was elected. One of the reasons why President Trump was elected is sort of an understanding among the American people that our foreign policy was in need of a complete recalibration. A… pic.twitter.com/LraT3weyVF
— ANI (@ANI) December 19, 2025
पाकिस्तान ने अभी अंतिम फैसला नहीं लिया
पाकिस्तान की ओर से भी साफ किया गया है कि फिलहाल गाजा के लिए प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल में सैनिक भेजने पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार के स्तर पर विचार जारी है। हालांकि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में इस योजना के समर्थन में मतदान किया था, जिससे यह संकेत मिलता है कि वह शांति प्रयासों के पक्ष में है, लेकिन जमीन पर सैनिक भेजने को लेकर सावधानी बरती जा रही है।
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युद्धविराम से पुनर्निर्माण तक की रूपरेखा
ट्रंप की 20 सूत्री शांति योजना गाजा में युद्धविराम, सुरक्षा, विसैन्यीकरण और पुनर्निर्माण पर केंद्रित है। इसी योजना के तहत अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल की परिकल्पना की गई है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस योजना का समर्थन करते हुए एक अस्थायी बहुराष्ट्रीय बल के गठन को मंजूरी दी थी। इसका उद्देश्य गाजा में हिंसा रोकना और आम लोगों को राहत देना है।
राष्ट्रीय हित के साथ शांति की कोशिश
मार्को रुबियो ने कहा कि ट्रंप को अमेरिकी जनता ने इसलिए चुना क्योंकि विदेश नीति में बड़े बदलाव की जरूरत थी। उन्होंने कहा कि दुनिया बदल चुकी है और पुरानी नीतियां अब कारगर नहीं रहीं। अमेरिका की विदेश नीति का केंद्र अब उसका राष्ट्रीय हित है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह वैश्विक संकटों से दूरी बना लेगा। गाजा के साथ-साथ अमेरिका रूस-यूक्रेन, भारत-पाकिस्तान, सूडान और अन्य क्षेत्रों में भी शांति की कोशिश कर रहा है।
शांति ही हमारा लक्ष्य- मार्को रुबियो
अमेरिका का कहना है कि उसका लक्ष्य युद्ध रोकना और स्थिरता लाना है, न कि किसी एक पक्ष का समर्थन करना। हालांकि, बातचीत के बाद समझौतों को लागू करना सबसे बड़ी चुनौती होती है। गाजा में अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल की तैनाती तभी संभव होगी, जब सभी पक्ष सहमत हों और भाग लेने वाले देश स्पष्ट प्रतिबद्धता जताएं। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर वैश्विक कूटनीति और तेज होने की संभावना है।
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