दक्षिण भारतीय फ़िल्म स्टार अल्लू अर्जुन और उनकी फ़िल्म ‘पुष्पा-2: द रूल’ की स्क्रीनिंग के दौरान मची भगदड़ में एक महिला की मौत के बाद से अल्लू अर्जुन चर्चा में हैं.
अब इस मामले पर सोशल मीडिया से लेकर तेलंगाना विधानसभा तक में चर्चा हो रही है. मीडिया के सामने भी कई तरह के आरोप और प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं.
अल्लू अर्जुन ने कुछ ही देर पहले सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा है, “मैं अपने सभी प्रशंसकों से अपील करता हूं कि हमेशा की तरह वो ज़िम्मेदारी के साथ अपनी भावनाओं को व्यक्त करें. ऑनलाइन ऑफ़लाइन कहीं भी अपनी भावनाओं को व्यक्त करते समय आपत्तिजनक भाषा या व्यवहार का इस्तेमाल न करें. “
इससे पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने तेलंगाना के संध्या थिएटर में एक महिला की मौत और इस मामले में अल्लू अर्जुन की गिरफ़्तारी पर बयान दिया था.
इस मामले में मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बीते कल विधानसभा में बयान दिया. उन्होंने कहा कि पुलिस के मुताबिक़ यह घटना अल्लू अर्जुन की लापरवाही से हुई, क्योंकि उन्होंने पुलिस की बात नहीं सुनी.
रेवंत रेड्डी ने एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए भी इस घटना पर टिप्पणी की थी.
मुख्यमंत्री रेड्डी ने जब विधानसभा में इस मुद्दे पर बयान दिया तो उन्होंने अल्लू अर्जुन और फिल्म इंडस्ट्री कुछ लोगों के व्यवहार पर भी टिप्पणी की.
इसके कुछ घंटों बाद अल्लू अर्जुन ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और रेवंत रेड्डी का नाम लिए बिना उनकी टिप्पणियों का जवाब दिया.
अल्लू अर्जुन ने आरोप लगाया कि उनके ख़िलाफ़ ग़लत प्रचार किया जा रहा है, पुलिस उनके पास नहीं आई थी.
चार दिसंबर को क्या हुआ था?
चार दिसंबर को अल्लू अर्जुन की फ़िल्म ‘पुष्पा-2: द रूल’ की रिलीज़ की पूर्व संध्या पर हैदराबाद के ‘संध्या थिएटर’ में फिल्म की स्क्रीनिंग रखी गई थी. यहां लोग एडवांस में टिकट खरीदकर फ़िल्म देखने पहुंचे थे.
अल्लू अर्जुन की टीम ने अचानक यहां उनके जाने का कार्यक्रम बनाया और उनके सिनेमाघर पहुंचते ही प्रशंसकों में उन्हें देखने के लिए भगदड़ मच गई.
इस दौरान वहां 35 साल की एक महिला की मौत हो गई और जिसे लेकर अल्लू अर्जुन समेत कई लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था.
पुलिस के मुताबिक़ महिला के पति की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया, जिसके बाद अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि, कुछ देर बाद ही तेलंगाना हाई कोर्ट ने उन्हें चार सप्ताह की अंतरिम ज़मानत दे दी थी.
चार दिसंबर को संध्या थियेटर में हुई भगदड़ के मामले में पुलिस ने 8 दिसंबर को तीन लोगों को गिरफ़्तार किया था.
पुलिस ने संध्या थियेटर के मालिकों में से एक एम संदीप, सीनियर मैनेजर एस एम नागाराजू और लोअर बालकनी इंचार्ज जी विजया चंद्रा को गिरफ़्तार किया है.
इस मामले में संध्या थिएटर के प्रबंधन ने तेलंगाना हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है और कहा है कि उनका इस मामले से कोई नाता नहीं है.
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने क्या कहा?
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रेवंत रेड्डी ने कहा कि फ़िल्म निर्माता व्यवसाय कर सकते हैं, लेकिन अगर लोगों की जान जोखिम में डाली जाएगी तो वो ख़ामोश नहीं रहेंगे.
रेवंत रेड्डी ने विधानसभा में संध्या थिएटर में हुई घटना के बारे में कहा कि कुछ राजनीतिक दलों ने अभिनेता अल्लू अर्जुन की गिरफ़्तारी को ग़लत बताया है.
रेवंत रेड्डी ने कहा, “पुलिस ने उन्हें थिएटर आने की इजाज़त नहीं दी थी, क्योंकि संध्या थिएटर के अंदर जाने और बाहर निकलने का एक ही रास्ता है. ऐसे में वहां किसी सेलिब्रिटी के आने से परेशानी होती. लेकिन इजाज़त नहीं मिलने के बावजूद पुष्पा फ़िल्म के अभिनेता थिएटर गए.”
“अगर वो थिएटर जाकर फ़िल्म देखते तो भी कोई आपत्ति नहीं होती. लेकिन थिएटर जाते वक़्त उन्होंने सड़क पर कार की छत खोल दी और रोड शो किया. यह देखकर अगल-बगल के सभी थिएटरों से लोग संध्या थिएटर की तरफ भागने लगे और वहां भगदड़ मच गई.”
रेवंत रेड्डी ने बताया, “इस घटना में रेवती नाम की एक महिला की मौत हो गई, जबकि उनका बेटा कोमा में चला गया. इतनी भगदड़ में भी मां ने अपने बेटे का हाथ नहीं छोड़ा. एक माँ का अपने बच्चे के प्रति प्यार ऐसा ही होता है. बेटे का हाथ पकड़कर मां ने दम तोड़ दिया.”
“थिएटर के अंदर अभिनेता की मौजूदगी के कारण वहां भगदड़ मच गई. इस मामले में जब एसीपी ने उन्हें बताया तो भी उन्होंने बात नहीं सुनी. यहां तक कि उन्हें कहा गया कि इससे क़ानून और व्यवस्था बिगड़ सकती है, लेकिन उन्होंने किसी बात पर ध्यान नहीं दिया. सिटी कमीश्नर के मुताबिक़ फ़िल्म के हीरो (अल्लू अर्जुन) बाहर जाने को राजी नहीं हुए.”
“इसके बाद डीसीपी ने जाकर उनको चेतावनी दी कि अगर वह वहां से नहीं हटे, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. इसके बाद उन्हें कार में बैठाया गया. हालांकि जाते वक़्त भी उन्होंने अपनी कार की छत खोल दी और रोड शो करते हुए निकले.”
मुख्यमंत्री ने दी चेतावनी
इस घटना के बाद पुलिस ने अभिनेता और थिएटर मालिक के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था और मामले में अल्लू अर्जुन को गिरफ़्तार भी किया गया था. हालांकि कुछ घंटों बाद वो रिहा भी हो गए, लेकिन कुछ राजनीतिक दलों ने इस घटना को तूल दिया है.
थिएटर हादसे में पीड़ित परिवार ने फ़िल्म के टिकट खरीदे थे, क्योंकि उनका बेटा अल्लू अर्जुन का प्रशंसक था. लेकिन थिएटर में मां की मृत्यु होने के बाद भी अभिनेता अल्लू अर्जुन पीड़ित परिवार या बच्चे से मिलने नहीं गए.
मुख्यमंत्री रेड्डी ने विपक्ष के सवालों पर कहा, “ऐसे अमानवीय लोगों को थाने ले जाने पर दस साल तक मंत्री पद पर रहे लोग भी सरकार की आलोचना कर रहे हैं. जो इस मौत के लिए ज़िम्मेदार हैं, उन्हें पुलिस स्टेशन बुलाया जा रहा है, तो सरकार पर ग़लत काम करने का आरोप लगाने के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है.”
“हमारी सरकार ने फ़िल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए स्पेशल शो की अनुमति दी है. लेकन किसी की जान चली जाए और हम कुछ न कहें? क्या फ़िल्म और राजनीतिक हस्तियों के लिए कोई विशेष क़ानून बनेगा? हमारी सरकार आंबेडकर के बनाए संविधान के तहत चल रही है.”
रेवंत रेड्डी ने कहा, “जेल जाने वाले अभिनेता के घर पर जिन फ़िल्मी हस्तियों की कतार लगी थी, क्या उनमें से किसी ने पीड़ित परिवार से मुलाक़ात की?”
“बिज़नस कीजिए. लेकिन अगर लोगों की जान के साथ खेलेंगे तो हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे. जब तक हम सत्ता में हैं, यह नहीं चलेगा.”
अल्लू अर्जुन का क्या कहना है?
फ़िल्म अभिनेता अल्लू अर्जुन ने विधानसभा में रेवंत रेड्डी की टिप्पणियों का जवाब एक प्रेंस कॉन्फ्रेंस में दिया. अल्लू अर्जुन ने कहा कि उनके ख़िलाफ़ की गई टिप्पणियों से उनकी छवि को नुक़सान हुआ है.
अपने आवास पर हुई इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, “ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, दुर्भाग्यपूर्ण हादसा है. मैं किसी के ख़िलाफ़ बात नहीं करना चाहता. इसके लिए किसी को, किसी विभाग को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.”
उन्होंने कहा कि वह थिएटर में रैली लेकर नहीं गए थे, बल्कि प्रशंसकों से यह कहने गए थे कि वे किनारे की तरफ न जाएं, बल्कि आगे की तरफ बढ़ें.
उन्होंने कहा, “मैं साफ करना चाहता हूं कि कई ग़लत ख़बरें और अफवाहें फैली हुई हैं. मैंने कोई रोड शो नहीं किया.”
“थिएटर मेरे लिए एक मंदिर की तरह है. क्या वहां जो कुछ भी होता है, उसके बारे में मुझे बुरा नहीं मानना चाहिए? बिना अनुमति के मेरे थिएटर जाने की बात ग़लत है. तेलुगु लोगों का सम्मान बरक़रार रखने के लिए मैंने कड़ी मेहनत की है. अगर इस तरह से राष्ट्रीय चैनल पर मेरे बारे में ग़लत आरोप लगाया जाएगा तो मुझे बहुत दु:ख होगा.”
अल्लू अर्जुन ने कहा कि जब वह थिएटर में थे, तब पुलिस आई और उन्हें बताया कि बाहर बहुत भीड़ है, और इसके तुरंत बाद वो थिएटर से निकल गए.
उन्होंने कहा कि अगले दिन पता चला कि थिएटर में भगदड़ में एक महिला की मौत हो गई है.
अल्लू अर्जुन ने कहा कि उस वक़्त उन्होंने बन्नी वासु (प्रोड्यूसर) को फ़ोन किया और अस्पताल जाकर घायल बच्चे से मिलने को कहा.
अल्लू अर्जुन ने कहा, “मैं अस्पताल जाकर घायल लड़के से मिलना चाहता था. लेकिन मेरी लीगल टीम का कहना था कि इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है और क़ानूनन उनसे मिलना संभव नहीं है.”
अल्लू अर्जुन ने कहा कि उन्हें घायल लड़के के बारे में हर घंटे अपडेट मिल रहा है और वो अब ठीक हैं.
विपक्ष का आरोप
रेवंत रेड्डी ने विधानसभा में अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी पर विपक्ष की प्रतिक्रिया की आलोचना की तो विपक्ष ने भी उनके सवालों का जवाब दिया है.
बीआरएस नेता और राज्य के पूर्व मंत्री हरीश राव ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की टिप्पणियों का जवाब दिया है.
उनका कहना कि जब वो मुख्यमंत्री की टिप्पणियों पर जवाब देने के लिए माइक मांग रहे थे तो उन्हें माइक क्यों नहीं दिया गया और मुख्यमंत्री इस मामले में इतना घबराए हुए क्यों हैं.
बीआरएस ने कहा है कि वह भगदड़ में महिला की मौत की निंदा की है और संध्या थिएटर में भगदड़ की घटना का समर्थन नहीं करता.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.