डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। असम कांग्रेस यूनिट के प्रवक्ता रीतम सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया था, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अब इस गिरफ्तारी के बाद से राज्य में कांग्रेस और भाजपा एक बार फिर आमने-सामने आ गई है।
रीतम सिंह ने एक पूर्व राज्य प्रमुख और दो मौजूदा विधायकों सहित तीन वरिष्ठ भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों की स्थिति के बारे में पूछताछ के लिए एक्स पर पोस्ट किया था। इस पोस्ट के बाद उन पर एक्शन लिया गया। कांग्रेस ने इस एक्शन को बर्बरता से भी बदतर बताया है।
क्या है मामला?

कांग्रेस ने की आलोचनारीतम सिंह की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, “बिल्कुल उचित सोशल मीडिया पोस्ट के लिए मेरे युवा सहयोगी रीतम सिंह की गिरफ्तारी अत्याचारी मुख्यमंत्री से भी बदतर है।” जयराम रमेश ने इस पोस्ट में सीएम हिमंता बिस्वा सरमा को भी टैग किया था।जयराम रमेश को सीएम हिमंत का जवाब
जयराम रमेश के पोस्ट पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने लिखा, “सर, यह मामला एक दलित महिला के जाति-आधारित अपमान से संबंधित है। अगर आप एक दलित महिला के पति को बलात्कारी कहने को ‘बिल्कुल उचित सोशल मीडिया पोस्ट’ के रूप में ठहराते हैं, तो यह बताता है कि आप लोग कांग्रेस पार्टी को किस दिशा में ले गए हैं।”
Sir, this case pertains to a caste-based insult directed at a Dalit woman. If you justify calling the husband of a Dalit woman a rapist as a ‘perfectly reasonable’ social media post, it speaks volumes about the direction in which you people have taken the Congress party. But,… https://t.co/ChKRZnuDrt
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) March 15, 2025
सीएम हिमंत ने आगे लिखा, “लेकिन आप सिर्फ इंतजार कीजिए, अभी बड़े खुलासे होने बाकी हैं। सितंबर तक आपके वरिष्ठ नेता की आईएसआई और पाकिस्तान के साथ सांठगांठ का पर्दाफाश भी हो जाएगा।”
गौरव गोगोई ने बीजेपी पर साधा निशानाकांग्रेस के वरिष्ठ नेता गौरव गोगोई ने दावा किया कि कांग्रेस के नेता की गिरफ्तारी को लेकर कोई वारंट या नोटिस नहीं दिया गया था। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि उनके सहयोगी को उस दिन पुलिस ने घसीटा था जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्य में थे।
गौरव गोगोई ने कहा, “लखीमपुर पुलिस की एक टीम कांग्रेस प्रवक्ता रीतम सिंह को हिरासत में लेने के लिए गुवाहाटी पहुंची। जब मैं उनके घर पहुंचा, तो मैंने देखा कि कैसे उन्हें बेरहमी से घसीटा गया और मुझसे बात करने की इजाजत नहीं दी गई। बार-बार कहने के बावजूद भी मुझे उनसे बात नहीं करने दिया गया।”