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बलूचिस्तान क्या भारत में शामिल होना चाहता था, जानिए क्या हैं ऐतिहासिक तथ्य

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Mar 14, 2025


बलूचिस्तान

इमेज स्रोत, Getty Images

इमेज कैप्शन, भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ वीके मेनन

भारत के विभाजन के बाद स्टेट ऑफ कलात यानी बलूचिस्तान क़रीब 227 दिनों तक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य रहा था.

बलूचिस्तान पाकिस्तान में शामिल नहीं होना चाहता था और पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना भी इससे सहमत थे. लेकिन अंग्रेज़ों के जाने के बाद न तो भारत में देसी रियासतें स्वतंत्र रह पाईं और न ही पाकिस्तान में.

बलूचिस्तान का बड़ा हिस्सा सर्द रेगिस्तान है, जो ईरानी पठार के पूर्वी छोर पर स्थित है. मौजूदा बलूचिस्तान तीन देशों में बँटा है. इनमें पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत, ईरान का सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत और एक छोटा हिस्सा अफ़ग़ानिस्तान में है.

अफ़ग़ानिस्तान में निमरुज़, हेलमंद और कांधार बलूचिस्तान का ही हिस्सा रहा है. बलोच सुन्नी मुसलमान हैं. शिया बहुल ईरान के बलूचिस्तान में भी बलोच सुन्नी मुसलमान ही हैं.

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