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पाकिस्तान ने अपने सीमाई इलाक़ों में भारत पर आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाया था. पाकिस्तान ने ख़ासकर हाल ही में जाफ़र एक्सप्रेस पर हमले को लेकर भारत पर उंगली उठाई थी.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफ़ाक़त अली ख़ान ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान में होने वाले आतंकी हमलों में भारत का हाथ होता है. इसके साथ ही उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान स्थित कुछ ताक़तों के भी शामिल होने का आरोप लगाया था.
शफ़ाक़त अली ख़ान ने कहा था, ”ख़ासकर जाफ़र एक्सप्रेस में आतंकवादी अफ़ग़ानिस्तान में अपने गुट के नेताओं के संपर्क में थे.”
पाकिस्तान के इन आरोपों का अब भारत ने जवाब दिया है
शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बयान जारी कर कहा, ”पाकिस्तान के बेबुनियाद आरोपों को हम सिरे से ख़ारिज करते हैं. पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद की पनाहगाह कहाँ है. पाकिस्तान को अपने भीतर देखना चाहिए न कि दूसरों पर उंगली उठानी चाहिए और अपनी आंतरिक समस्या का ठीकरा किसी और पर फोड़ना चाहिए.”
पाकिस्तान का कहना है कि जाफ़र एक्सप्रेस पर हमले में 21 पैसेंजर और चार सैनिकों की मौत हुई है. यह ट्रेन बलूचिस्तान के क्वेटा से पेशावर जा रही थी.
इस हमले की ज़िम्मेदारी बलोच लिबरेशन आर्मी ने ली है. हाल के महीनों में कई घातक हमले हुए हैं जिनमें से कई की ज़िम्मेदारी बलोच लिबरेशन आर्मी ने ली थी.
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पाकिस्तान में कैसी चर्चा?
बलूचिस्तान से आ रही जाफ़र एक्सप्रेस पर हमले को लेकर पाकिस्तानी मीडिया में कई तरह की बातें की जा रही हैं. वहाँ के पूर्व डिप्लोमैट और पत्रकार इस हमले को कई तरह से देख रहे हैं.
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त रहे अब्दुल बासित ने एक वीडियो पोस्ट कर भारत के मीडिया की आलोचना की है.
अब्दुल बासित ने कहा, ”ये कोई एक दिन का वाक़या नहीं है. बलूचिस्तान में लंबे समय से अशांति है. पिछले कुछ समय के बयान को देखिए तो बीएलए.. चीन और पाकिस्तान की दोस्ती की आलोचना कर रहा था. ग्वादर पोर्ट को लेकर धमकियां मिल रही थीं. पिछले दो-तीन दिनों से भारत का भी मीडिया देख रहा हूँ. वहाँ तो ऐसा लग रहा है कि भारत को बहुत बड़ी कामयाबी मिली है.”
अब्दुल बासित ने कहा, ”भारतीय न्यूज़ चैनलों पर पाकिस्तान विरोधी सारे बलोच बाग़ी मौजूद थे और हर किस्म की बातें कर रहे थे. इससे साबित होता है कि पाकिस्तान विरोधी गुटों के पीछे कौन खड़ा है. मैं तो पहले से ही इन बातों से इत्तेफाक रखता था. भारत सीपैक के ख़िलाफ़ रहा है और यहाँ तक कि अमेरिका भी नहीं चाहता है. भारत के न्यूज़ चैनलों पर बलूचिस्तान और कश्मीर की तुलना होती है. मेरा मानना है कि दोनों के बीच कोई तुलना नहीं है. बलूचिस्तान तो पाकिस्तान का अभिन्न अंग है.”
अब्दुल बासित ने कहा था, ”2014 में अजित डोभाल ने स्पष्ट तौर पर बलूचिस्तान को लेकर पाकिस्तान को धमकी दी थी. प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से भाषण में बलूचिस्तान का ज़िक्र किया था. इससे स्पष्ट हो जाता है कि भारत क्या चाहता है.”
अजित डोभाल ने 2014 में मोदी सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने से तीन महीने पहले 21 फ़रवरी 2014 को तमिलनाडु के तंजावुर में नानी पलखिवाला मेमोरियल लेक्चर में कहा था, ”पाकिस्तान हमसे कई गुना ज़्यादा नाज़ुक स्थिति में है. उन्हें पता है कि भारत ने ख़ुद को डिफेंसिव मोड से डिफेंसिव-ऑफेंसिव की ओर रुख़ किया तो इसे वे झेल नहीं पाएंगे. आप एक बार मुंबई कर सकते हैं पर आप बलूचिस्तान खो सकते हैं.”
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बलोच मुख्यधारा में क्यों नहीं?
पाकिस्तान के जाने-माने इतिहासकार इश्तियाक़ अहमद ने एक वीडियो पोस्ट कर कहा, ”बलूचिस्तान से ख़ुशी की ख़बर बहुत कम ही आती है. जब से पाकिस्तान बना है, तब से ऐसा ही है. बलूचिस्तान खनिज संपदा के मामले में बहुत संपन्न है लेकिन पाकिस्तान और बलूचिस्तान का रिश्ता कभी भरोसे वाला नहीं रहा.”
”कलात स्टेट ने ख़ुद को स्वतंत्र रखा था और पाकिस्तान में नहीं मिलना चाहता था. जिन्ना ने इस पर मुहर भी लगा दी थी. लेकिन पाकिस्तान बनने के बाद बलूचिस्तान को शामिल कर लिया गया. हालांकि पाकिस्तान की सरकार में बलोचों का प्रतिनिधित्व बहुत कम रहा है.”
इश्तियाक़ अहमद कहते हैं, ”मैं जब पाकिस्तान में पढ़ाता था तो बलोच छात्रों से भी मिलने का मौक़ा मिला. पाकिस्तान की आर्मी और ब्यूरोक्रेसी में बलोचों की मौजूदगी बहुत कम है. इसी तरह ग्वादर पोर्ट को भी बलोचों से अलग कर दिया गया है. अब पाकिस्तान में बात चल रही है कि कई नए प्रांत बनाए जाएंगे. दो-तीन शायद बलूचिस्तान में होंगे और इतने ही पंजाब और सिंध में होंगे. बलोचों को इतने सालों में मुख्यधारा में लाने की कोशिश क्यों नहीं की गई?”
इश्तियाक़ अहमद कहते हैं, ”बलूचिस्तान की आबादी बहुत कम है और क्षेत्रफल बहुत बड़ा है. आबादी बिखरी हुई है. बलूचिस्तान में एक ओर पख़्तून बोलने वाले लोग हैं और बाक़ी बलोचों की आबादी है. बलोचों के भी दो समूह हैं. एक बलोच ज़ुबान और दूसरा समूह ब्राहू बोलने वाले लोग. ब्राहू द्रविड़ियन भाषा है.”
”बलोचों, सिंधियों और पख़्तूनों को आप जबरन रखेंगे तो आंतरिक रूप से मज़बूत नहीं रह पाएंगे. लेकिन हम अभी ये नहीं कह सकते हैं कि बलूचिस्तान अलग हो जाएगा और पाकिस्तान टूट जाएगा. पाकिस्तान का इंप्रेशन अगर यह रहता है कि यहां पंजाबियों की चलेगी तो एक राष्ट्र के रूप में पाकिस्तान कभी सफल नहीं हो पाएगा.”
इश्तियाक़ अहमद कहते हैं, ”पाकिस्तान को सोचना चाहिए कि लोगों को अपने साथ रखने के लिए उनकी दिलचस्पी पैदा करनी होगी. बलोचों की संपत्तियों पर अधिकार पंजाबियों का नहीं हो सकता है. अगर पाकिस्तान एक फेडरेशन है तो बलोचों के पास भी उनका हक़ होना चाहिए.”
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पाकिस्तान अब क्या करने वाला है?
पाकिस्तान के जाने-माने पत्रकार नजम सेठी ने पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल समा टीवी से कहा, ”बीएलए ने जिस तरह से जाफ़र एक्सप्रेस पर हमला किया है, वो पूरी तरह से सुनियोजित था. ये एक दिन की बात नहीं है. साफ़ पता चलता है कि इसमें विदेशी हस्तक्षेप है. लेकिन क्या हमें पता नहीं था कि इसमें विदेशी हस्तक्षेप है? अजित डोभाल ने स्पष्ट रूप से 2014 में कहा था कि अगर पाकिस्तान कश्मीर में हमला कराएगा तो हम बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करेंगे.”
नजम सेठी ने कहा, ”उनका स्पष्ट रूप से कहना था कि पाकिस्तान को क़ीमत चुकानी होगी. मुंबई हमले के बाद भारत ने रूल्स ऑफ द गेम बदलने की बात कही थी. लेकिन अब पाकिस्तान भी कह रहा है कि वह रूल्स ऑफ द गेम बदलेगा. इस मामले में बहुत उच्चस्तरीय तैयारी हुई है. बलूचिस्तान में विद्रोह के कारण विदेशी मदद है.”
नजम सेठी ने कहा, ”हमें इसे समझना चाहिए था कि भारत ने मुंबई और कश्मीर के लिए माफ़ नहीं किया था और बीजेपी सत्ता में आ रही है तो वो बदला लेगी. हमें इसे लेकर पहले ही सतर्क हो जाना चाहिए था. जो अब हम रूल्स ऑफ गेम बदलने की बात कर रहे हैं, वो दस साल पहले ही बदल जाना चाहिए था. अब संसद के भीतर इंडिया को लेकर बात होगी. अगर हम कहेंगे कि बलोचों को भारत में ट्रेनिंग मिल रही है, तो हमारे पास सबूत कहाँ हैं?”
नजम सेठी कहते हैं, ”अब रूल्स ऑफ गेम चेंज होने का मतलब है कि अफ़ग़ानिस्तान के भीतर टकराव बढ़ेगा. टारगेटेड किलिंग्स बढ़ेंगी. पहले ऐसा भारत करता था लेकिन अब पाकिस्तान भी करेगा. अब तक पाकिस्तान ऐसा करने से बच रहा था लेकिन अब शुरू करेगा. अब बीएलए और टीटीपी के कैंप पर पाकिस्तान हमला शुरू करेगा.”
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़ रूम की ओर से प्रकाशित