इमेज कैप्शन, ढाका में 19 दिसंबर 2025 को शरीफ उस्मान हादी की मृत्यु के बाद हुए विरोध प्रदर्शन में एक प्रदर्शनकारी उनकी तस्वीर पकड़े हुए है.
बीते साल पांच अगस्त के बाद से भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव बना हुआ है. लेकिन कई बांग्लादेशी अख़बारों की नज़र में बांग्लादेश में इंक़लाब मंच के नेता शरीफ़ उस्मान हादी और एक हिंदू युवक की हत्या के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव और बढ़ गया है.
शनिवार को बांग्लादेश ने नई दिल्ली में अपने हाई कमीशन के बाहर हुए प्रदर्शन पर विरोध दर्ज किया था.
इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि इस घटना को लेकर भारत ने बांग्लादेश के कुछ मीडिया में फैलाए जा रहे ‘भ्रामक प्रोपेगैंडा’ को देखा है.
बांग्लादेश ने कहा है कि इसे केवल ‘भ्रामक प्रोपेगैंडा’ कहकर ख़ारिज नहीं किया जा सकता है.
बांग्लादेश के अखबार डेली स्टार के मुताबिक, “पांच अगस्त को हुए राजनीतिक बदलाव के बाद से भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव बना हुआ है. लेकिन अब ये संबंध और ज्यादा बिगड़ गए हैं.”
“दोनों देश अपने राजनयिक मिशनों को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं.”
बांग्लादेश के भारतीय वीज़ा आवेदन केंद्र (आईवीएसी) ने चटगांव स्थित वीज़ा केंद्र को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की जानकारी दी है.
बीते हफ़्ते की शुरुआत में सुरक्षा चिंताओं के कारण ढाका, खुलना और राजशाही में आईवीएसी को एक-एक दिन के लिए आंशिक रूप से बंद किया गया था.
यह कदम इन शहरों में चल रहे विरोध प्रदर्शनों की वजह से उठाया गया था.
‘डेली स्टार’ ने लिखा, “कल नई दिल्ली में बांग्लादेश हाई कमीशन के पास आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के संबंध में ढाका और नई दिल्ली से विरोधाभासी बयान जारी किए गए.”
‘हालिया घटनाओं ने हालात और गंभीर बनाए’
इमेज कैप्शन, बांग्लादेश के तमाम अखबारों में भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव बढ़ने की चर्चा है
‘मानव जमीन’ अख़बार की मुख्य ख़बर है, “दिल्ली ने बांग्लादेश हाई कमीशन को मिल रही धमकियों से इनकार किया है. लेकिन दोनों देशों के संबंध बिगड़ते जा रहे हैं.”
अख़बार ने लिखा, “बांग्लादेश और भारत के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. दोनों पक्षों की हालिया घटनाओं ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है.”
“एक समूह ने दिल्ली के सुरक्षित राजनयिक क्षेत्र में स्थित बांग्लादेश हाउस के गेट पर विरोध प्रदर्शन किया.”
“समूह ने चाणक्यपुरी में एक के बाद एक सुरक्षा घेरा तोड़ दिया और बांग्लादेश हाई कमीशन के गेट के सामने मोर्चा संभाल लिया. वहां पर बांग्लादेश विरोधी नारे भी लगाए गए.”
बांग्लादेश के हाई कमीशन के सामने कथित प्रदर्शन को लेकर बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने रविवार को एक बयान जारी किया. इस बयान में कहा गया कि ये ‘अनुचित घटना’ थी.
वहीं भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में उन्होंने कहा, “सच्चाई यह है कि 20 दिसंबर को क़रीब 20–25 युवक नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के सामने इकट्ठा हुए थे. उन्होंने मैमनसिंह में दीपू चंद्र दास की हत्या के ख़िलाफ़ नारे लगाए और बांग्लादेश में सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग की.”
रणधीर जायसवाल ने ये भी कहा कि किसी भी समय बाड़ को तोड़ने या सुरक्षा के लिए ख़तरे की स्थिति पैदा करने की कोई कोशिश नहीं की गई. मौके पर तैनात पुलिस ने कुछ ही मिनटों में समूह को तितर-बितर कर दिया.
‘भारत की ओर से जारी प्रेस नोट ख़ारिज’
इमेज कैप्शन, डेली स्टार का फ़्रंट पेज
वहीं बांग्लादेश के अंग्रेजी अख़बार ‘ढाका ट्रिब्यून’ ने लिखा, “ढाका ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर हुए प्रदर्शनों के संबंध में भारत के स्पष्टीकरण को सिरे से ख़ारिज कर दिया.”
“ढाका ने इस घटना को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए कहा कि इसे ‘भ्रामक प्रोपेगैंडा’ कहकर ख़ारिज नहीं किया जा सकता. प्रदर्शनों, धमकियों, परस्पर विरोधी बयानों, अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा और राजनयिक सुरक्षा को खतरे के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ गया है.”
ढाका ट्रिब्यून ने लिखा, “विदेश मंत्रालय ने बताया है कि हाई कमीशन को किसी भी विरोध-प्रदर्शन की जानकारी नहीं दी गई थी. जो हालात बने उससे हाई कमीशन में मौजूद स्टाफ मेंबर्स घबरा गए थे.”
“ढाका ने वियना कन्वेंशन के मुताबिक बांग्लादेशी राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के भारत के आश्वासन को स्वीकार किया है. लेकिन ढाका ने भारतीय अधिकारियों के हिंदू समुदाय के एक बांग्लादेशी नागरिक पर हुए एक अलग-थलग हमले को अल्पसंख्यकों पर व्यापक हमले के रूप में पेश करने के प्रयासों को ख़ारिज कर दिया.”
‘ढाका ट्रिब्यून’ ने लिखा, “विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि बांग्लादेश ने एक युवक की हत्या के संबंध में संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही इस बात पर जोर दिया कि देश की अंतर-सामुदायिक स्थिति अन्य दक्षिण एशियाई देशों की तुलना में बेहतर है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा एक साझा क्षेत्रीय जिम्मेदारी है.”
वहीं ‘द बांग्लादेश टुडे’ ने लिखा, “बांग्लादेश ने नई दिल्ली में अपने हाई कमीशन के बाहर हुए प्रदर्शन पर भारत की ओर से जारी प्रेस नोट को साफ तौर पर ख़ारिज कर दिया है. बांग्लादेश ने सवाल किया है कि प्रदर्शनकारी कैसे सुरक्षित राजनयिक क्षेत्र में प्रवेश कर पाए. बांग्लादेश ने इसे सुरक्षा में गंभीर चूक कहा है.”
‘द डेली आब्जर्वर’ ने लिखा है कि रूस ने बांग्लादेश में होने वाले आम चुनाव से पहले से घरेलू स्तर पर और भारत के साथ तनाव कम करने की अपील की है.
अख़बार ने लिखा, “बांग्लादेश में रूसी राजदूत अलेक्जेंडर ग्रिगोरीविच खोज़िन ने सोमवार को बांग्लादेश में तनाव कम करने की अपील की. उन्होंने ये अपील बांग्लादेश में होने वाले आम चुनाव से पहले अनुकूल माहौल बनाने के लिए की.”
“राजदूत ने बांग्लादेश और उसके पड़ोसी देश भारत के बीच तनाव कम करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा ये जितना जल्दी हो उतना बेहतर है. उन्होंने कहा कि वे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में दखल नहीं कर रहे हैं. लेकिन उनका मानना है कि तनाव को मौजूदा स्तर से आगे बढ़ने से रोकने का रास्ता खोजना ही समझदारी है.”
उठाए गए ये सवाल
‘बांग्लादेशेर ख़बर’ ने बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर हुए प्रदर्शन पर बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय की ओर से उठाए गए सवालों को प्रमुखता से जगह दी है.
अख़बार ने लिखा, “विदेश मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली स्थित बांग्लादेशी हाई कमीशन राजनयिक क्षेत्र में स्थित है. ये एक बेहद सुरक्षित स्थान है, तो यहां कथित हिंदू चरमपंथियों को इस क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति क्यों दी जाएगी? यदि उन्हें आने की अनुमति नहीं दी जाती है, तो ऐसी घटना की आशंका नहीं थी.”
वहीं ‘प्रथम आलो’ ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, “विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हमारे पास कोई सबूत नहीं हैं, पर हमने सुना है कि भारत में हमारे उच्चायुक्त को धमकियां दी गई थीं. कोई सिर्फ उन्हें धमकाने के लिए वहां क्यों आएगा? विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इस घटना के बाद से दिल्ली में उच्चायुक्त का परिवार असुरक्षित महसूस कर रहा है.”
बीबीसी हिन्दी के लिए कलेक्टिवन्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.