पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने दीपावली संदेश में बांग्लादेशी हिंदुओं और पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट किया है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है.
पांच नवंबर को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं और दक्षिण एशियाई मूल के वोटरों को रिझाने के लिए, डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन उम्मीदवार दोनों ही पुरज़ोर कोशिश कर रहे हैं.
ट्रंप के ताज़ा पोस्ट को इसी की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.
डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस खुद की भारतीय और अफ़्रीकी जड़ों के बारे में बात करके अपनी बढ़त बनाने की कोशिश पहले ही कर चुकी हैं.
ट्रंप ने क्या लिखा है?
डोनाल्ड ट्रंप ने दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ”मैं बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ बर्बर हिंसा की कड़ी निंदा करता हूँ. भीड़ उन पर हमला कर रही है, लूटपाट कर रही है जो कि पूरी तरह से अराजकता की स्थिति है.”
अपनी पोस्ट में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को घेरे में लेते हुए ट्रंप ने लिखा, ”मेरे कार्यकाल में ऐसा कभी नहीं हुआ होता. कमला और जो (जो बाइडन) ने अमेरिका समेत पूरी दुनिया में हिंदुओं की अनदेखी की है. वे इसराइल से लेकर यूक्रेन और हमारी अपनी दक्षिणी सीमा तक तबाही मचा चुके हैं, लेकिन हम अमेरिका को फिर से मज़बूत बनाएंगे और ताकत के ज़रिए शांति वापस लाएंगे.”
ट्रंप ने लिखा, “हम कट्टरपंथी वामपंथियों के धर्म-विरोधी एजेंडे के ख़िलाफ़ हिंदू अमेरिकियों की भी रक्षा करेंगे. हम आपकी आज़ादी के लिए लड़ेंगे. मेरे प्रशासन के तहत, हम भारत और मेरे अच्छे दोस्त, प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी महान साझेदारी को भी मज़बूत करेंगे.”
उन्होंने यह भी लिखा, “मुझे उम्मीद है कि रोशनी का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत की ओर ले जाएगा.”
जुझारू छात्र प्रदर्शनों के कारण बीती पांच अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना को सत्ता छोड़कर देश से बाहर जाना पड़ा था, जिसके बाद हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले की ख़बरों के बीच अमेरिकी प्रशासन पर दबाव था कि वो इस पर बयान दे.
ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रियाएं
त्रिपुरा के मंत्री सुधांग्शू दास ने ट्रंप के पोस्ट की तारीफ़ करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा, “बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों की पीड़ा को समझने और हिंदुत्व के मूल्यों को वैश्विक मंच पर लाने के लिए मैं बहुमुखी नेता डोनाल्ड ट्रंप की सराहना करता हूं.”
“उनके शब्द, हिंदू धर्म के सभी प्राणियों के लिए शांति, करुणा और आदर की स्पष्ट प्रतिबद्धता के प्रति सम्मान जताते हैं.”
रक्षा विशेषज्ञ ब्रह्म चेलानी ने लिखा है, “हो सकता है कि ट्रंप भारतीय अमेरिकी वोटरों को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वो अमेरिका के पहले बड़े राजनेता हैं जिन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ अत्याचार पर कुछ बोला है. अपनी हिंदू जड़ों के बावजूद हैरिस ने इस पर चुप्पी साधे रखी. अगर ट्रंप जीत जाते हैं तो बाइडन की शह पर यूनुस के खुले खेल का अंत हो सकता है.”
चर्चित पत्रकार राना अय्यूब ने एक्स पर तंज़ किया है.
उन्होंने ट्रंप के पोस्ट का स्क्रीनशॉट लगाते हुए लिखा, “भारत में ट्रंप के कट्टर समर्थक हिंदू राष्ट्रवादी, जो मोदी-ट्रंप की जोड़ी का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं, इस ट्वीट पर सबसे अधिक न्योछावर हो रहे होंगे.”
स्टॉप हिंदू जेनोसाइड ने एक्स पर लिखा, “बांग्लादेश में बर्बर हिंसा का सामना कर रहे हिंदुओं की मुश्किलों पर बात करने के लिए वैश्विक हिंदू समुदाय राष्ट्रपति ट्रंप का धन्यवाद करती है. राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से, न सिर्फ अमेरिकी हिंदुओं के लिए बल्कि पूरी दुनिया के हिंदुओं के लिए यह एक बेहतरीन दिवाली तोहफ़ा है.”
उधर बांग्लादेश से भी इस पर प्रतिक्रिया सामने आई है. खुद को फ़ैक्ट चेकर बताने वाले स्वाधीन बांग्ला बेतार केंद्र के एक्स अकाउंट पर लिखा है, “मिस्टर ट्रंप आप बांग्लादेश की ग़लत छवि पेश कर रहे हैं. निशाना बनाकर हमला करने के दावे बिना सत्यापित प्रोपेगैंडा हैं. देश अपने सभी नागरिकों की रक्षा करता है. हिंदू वोट पर आपका ध्यान ग़लत सूचनाओं को फैलाने वाला है और अमेरिका में अराजकता का कारण बन सकता है.”
मोदी एंड इंडिया के लेखक और पत्रकार राहुल शिवशंकर ने कहा, “दिवाली के दिन और चुनाव से पांच दिन पहले आया ट्रंप का संदेश साफ़ है. स्विंग स्टेट्स में भारतीय अमेरिकियों का वोट बहुत अहम है.”
“2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में नौ प्रांतों में से पांच में भारतीय अमेरिकियों की संख्या जीत हार के अंतर से अधिक थी. और इन पांच में से चार प्रांत जो बाइडन के पक्ष में गए थे.”
अमेरिका में हिंदू संगठनों का अभियान
बांग्लादेश हिंदुओं के ख़िलाफ़ हिंसा के मुद्दे को अमेरिका में रह रहे कई हिंदू संगठन सार्वजनिक मंचों पर उठाते रहे हैं. ‘स्टॉप हिन्दू जेनोसाइड’ नामक एक संगठन ने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ आर्थिक बायकॉट की माँग की है.
इस संगठन ने पिछले दिनों एक विमान की मदद से न्यूयॉर्क में एक बैनर लहराया था जिस पर बांग्लादेश की सरकार से हिंदुओं की रक्षा करने को कहा गया था. इसकी वेबसाइट को देखने से पता चलता है कि इसका जुड़ाव विश्व हिंदू परिषद से है जो उसी संघ परिवार का हिस्सा है जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी बनी है.
हिंदू अमेरिकन फ़ाउंडेशन भी बांग्लादेश में हिंदुओं पर कथित अत्याचार को लेकर अमेरिकी राजनीति की शख़्सियतों से समर्थन हासिल करने का अभियान चला रहा है.
इस संगठन के बारे में कहा जाता रहा है कि उसे भारत के हिंदूवादी संगठनों और भारत सरकार से मदद मिलती रहती है. हालांकि फ़ाउंडेशन इन दावों से इनकार करता रहा है.
भारतीय मूल के वोटरों की कितनी अहमियत
अमेरिका के सेंसस ब्यूरो के मुताबिक़ साल 2020 में भारतीय मूल के अमेरिकियों की संख्या क़रीब 44 लाख थी. वहीं भारतीय मूल के वोटर्स की संख्या क़रीब एक फ़ीसदी के आसपास है.
लेकिन अमेरिका के चुनावी गणित के हिसाब से ये एक फ़ीसदी वोटर्स काफ़ी अहम होते हैं.
स्विंग स्टेट्स कहलाने वाले अमेरिका के सात राज्यों के नतीजे जीत-हार का फ़ैसला करते हैं और वहां इनकी भूमिका काफ़ी अहम हो जाती है.
माना जा रहा है कि पेन्सिल्वेनिया में ट्रंप और हैरिस के बीच कड़ी टक्कर है और इस ऐतिहासिक साबित होने वाले चुनाव में छोटे समूह का रुझान भी निर्णायक साबित हो सकता है.
साल 2024 के एएपीआई डाटा के वोटर सर्वे के अनुसार, भारतीय अमेरिकियों में से आधे से ज़्यादा मतदाता यानी 55 फ़ीसदी डेमोक्रेट की ओर जबकि 26 फ़ीसदी रिपब्लिकन की ओर झुकाव रखते हैं.
बीते रविवार को कार्नेगी एंडोमेंट फ़ॉर इंटरनेशनल पीस एंड यूगव ने एक सर्वे जारी किया था जिसके मुताबिक, 61 फ़ीसदी रजिस्टर्ड भारतीय अमेरिकी मतदाताओं की योजना हैरिस के लिए मतदान करने की है.
जबकि 32 फ़ीसदी मतदाताओं की इच्छा ट्रंप के लिए मतदान करने की है.
हालांकि, भारतीय अमेरिकियों का झुकाव डेमोक्रेट की तरफ़ होने के बावजूद 2020 से इनमें गिरावट देखने को मिल रही है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित