पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने शुक्रवार को बांग्लादेश में हिंसक चरमपंथियों को रिहा किए जाने को लेकर चिंता जताई। साथ ही इस बात को रेखांकित किया कि यह अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ ही इनकी धार्मिक संस्थाओं की भी रक्षा करे।
नई दिल्ली ने यह भी कहा कि वह स्थिर, शांतिपूर्ण, समावेशी और प्रगतिशील बांग्लादेश का समर्थन करता है, जहां सभी मुद्दों का समाधान लोकतांत्रिक तरीकों और समावेशी व भागीदारीपूर्ण चुनावों के माध्यम से किया जाए।
चरमपंथियों की रिहाई पर जताई चिंता
- विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हम बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंतित हैं। यह स्थिति गंभीर अपराधों में सजा पाए हिंसक चरमपंथियों की रिहाई से और बदतर हो गई है।’
- उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में 5 अगस्त, 2024 से 16 फरवरी, 2025 तक दर्ज की गईं 2374 घटनाओं में से सिर्फ 1254 की पुलिस द्वारा पुष्टि की गई है। इन 1254 घटनाओं में से 98 प्रतिशत को राजनीतिक प्रकृति वाला माना गया है।
- जायसवाल ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि बांग्लादेश पूरी जांच करेगा और हत्या, हिंसा एवं आगजनी में लिप्त सभी अपराधियों को बगैर भेदभाव के न्याय के कठघरे में लाएगा।’
पीएम मोदी अगले हफ्ते जाएंगे मॉरीशस
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले सप्ताह मॉरीशस की यात्रा करने जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 11 मार्च से मॉरीशस की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर रहेंगे और इस देश के राष्ट्रीय दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। भारतीय रक्षा बलों की एक टुकड़ी भी समारोह में भाग लेगी।