अजीत पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है.
शनिवार की देर रात मुंबई के बांद्रा ईस्ट में उन पर कई राउंड फायरिंग की गई. इसके बाद उन्हें गंभीर स्थिति में लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
इस घटना के कुछ ही देर बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबा सिद्दीकी के निधन की पुष्टि कर दी.
मुख्यमंत्री शिंदे ने बताया कि इस मामले में दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और एक फ़रार है. गिरफ़्तार हुआ एक शख़्स हरियाणा का और एक उत्तर प्रदेश से है.
क़रीब 48 साल से कांग्रेस में रहे बाबा सिद्दीकी इसी साल फरवरी में एनसीपी (अजीत पवार गुट) में शामिल हुए थे.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटना की जानकारी देते हुए कहा, ”पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी पर जानलेवा हमला हुआ था. दुर्भाग्य से उनकी मृत्यु हो गई है. ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद घटना है. इस मामले में दो आरोपी गिरफ़्तार हुए हैं, ऐसा मुझे पुलिस कमिश्नर ने बताया है. एक आरोपी फ़रार है. गिरफ़्तार आरोपी हरियाणा और उत्तर प्रदेश से हैं. तीसरे आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस की टीम लगी हुई है. तीनों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.”
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राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी ‘एक्स’ अकाउंट पर एक पोस्ट के जरिए बाबा सिद्दीकी को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने कहा, ”मैंने अपना एक अच्छा सहयोगी और दोस्त खो दिया है. इस कायरतापूर्ण हमले की कड़ी निंदा करता हूं. बाबा सिद्दीकी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.”
सियासत और बॉलीवुड दोनों में पकड़ रखते थे बाबा सिद्दीकी
बाबा सिद्दीकी की पकड़ जितनी सियासत में थी, उतनी ही बॉलीवुड में बताई जाती है.
सियासी करियर की बात करें तो महज 16-17 साल की उम्र से ही उन्होंने कांग्रेस के साथ काम करना शुरू कर दिया था.
1992 और 1997 में बाबा सिद्दीकी कांग्रेस के टिकट पर मुंबई सिविक बॉडी के लिए कॉर्पोरेटर चुने गए थे.
बाबा सिद्दीकी 1999 में बांद्रा (वेस्ट) से विधायक चुने गए थे.
2004 और 2009 में भी इसी सीट से बाबा सिद्दीकी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते.
2004 से 2008 तक महाराष्ट्र की विलासराव देशमुख सरकार में बाबा सिद्दीकी खाद्य आपूर्ति मंत्री थे.
2014 से बाबा सिद्दीकी मुंबई कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष थे.
सिद्दीकी 2000-2004 तक महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवेपलमेंट अथॉरिटी के अध्यक्ष भी रहे थे.
2017 में ईडी ने बांद्रा में बाबा सिद्दीकी से जुड़े ठिकानों पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रेड मारी थी. इसके बाद से वह सियासी रूप से बहुत सक्रिय नहीं थे और उनके बेटे ज़ीशान ही ज़्यादा सक्रिय थे.
2014 में बाबा सिद्दीकी बांद्रा ईस्ट से बीजेपी से हार गए थे लेकिन 2019 में उनके बेटे ज़ीशान सिद्दीकी को जीत मिली थी.
बाबा सिद्दीकी की इफ़्तार पार्टी
बाबा सिद्दीकी बॉलीवुड में अपनी क़रीबी की वजह से भी अक्सर सुर्ख़ियों में रहते थे.
वो 15 साल तक बांद्रा वेस्ट से विधायक रहे. इसी इलाक़े में कई बॉलीवुड हस्तियां रहती हैं.
हर साल रमज़ान के महीने में बाबा सिद्दीकी की इफ़्तार पार्टी चर्चा में रहती थी.
उनकी इफ़्तार पार्टी में राजनेताओं के अलावा बॉलीवुड की बड़ी हस्तियां शाहरुख़ ख़ान, आमिर ख़ान, सलमान ख़ान से लेकर संजय दत्त तक आते थे.
ऐसा माना जाता है कि जब शाहरुख़ ख़ान और सलमान ख़ान के बीच सालों मनमुटाव चलता रहा, तो उसे ख़त्म करवाने में बाबा सिद्दीकी की अहम भूमिका रही है.
कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे और जाने-माने अभिनेता सुनील दत्त से भी बाबा सिद्दीकी की क़रीबी रही थी.
संजय दत्त और प्रिया दत्त से भी सिद्दीकी परिवार के भरोसे वाले संबंध रहे हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित