राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता और महाराष्ट्र की राजनीति में ख़ासे चर्चित रहे बाबा सिद्दीक़ी (66) की शनिवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़े रहे बाबा सिद्दीक़ी महाराष्ट्र में 2004 से 2008 तक कांग्रेस-एनसीपी की सरकार में राज्य मंत्री थे. बाबा सिद्दीक़ी इसलिए भी जाने जाते थे कि उन्होंने शाहरुख़ और सलमान ख़ान बीच दूरियां मिटाई थीं.
मुंबई पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि तीन शूटर सिद्दीक़ी की हत्या में शामिल थे. कहा जा रहा है कि इनका संबंध लॉरेंस बिश्नोई गैंग से था.
रविवार को मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच के डीसीपी दत्ता नलवाड़े से पत्रकारों ने बाबा सिद्दीक़ी की हत्या में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शामिल होने को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि सभी एंगल से जांच की जाएगी.
आइए इस गैंग के बारे में जानते हैं.
“जब मैं पहली बार जेल गया था, तब मैं छात्र था. बाद में जेल के भीतर ‘गैंगस्टर’ बन गया. हमारे भाइयों की हत्या कर दी गई, हमने तो बस उसका जवाब दिया. कोई व्यक्ति जो भी बनता है, उस पर उसके परिवेश का असर होता है.”
ये बात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने जेल से एक निजी टेलीविज़न चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कही थी.
लॉरेंस पर क़रीब 50 आपराधिक मामले दर्ज हैं. पुलिस का कहना है कि अधिकतर घटनाओं को लॉरेंस ने जेल के भीतर से ही अंजाम दिया है.
उन पर जाने-माने पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साज़िश रचने का भी आरोप है.
टेलीविज़न चैनल ने दावा किया था कि ये इंटरव्यू ने लॉरेंस बिश्नोई ने जेल के भीतर से दिया था. लेकिन पंजाब पुलिस का दावा था कि न तो ये इंटरव्यू बठिंडा की जेल का है और न ही इसे पंजाब की किसी और जेल में शूट किया गया था.
वहीं राजस्थान पुलिस ने भी कहा था कि बिश्नोई का ये इंटरव्यू राज्य की किसी जेल से नहीं हुआ था.
33 साल के लॉरेंस बिश्नोई पर हत्या, चोरी-डकैती और व्यक्ति पर इरादतन हमले के कई आरोप हैं. ये मामले पंजाब, दिल्ली और राजस्थान में दर्ज हैं.
लॉरेश बिश्नोई के वकील विशाल चोपड़ा ने बीबीसी से सहयोगी पत्रकार रहे सुचित्र मोहंती से कहा था, “मेरे मुवक्किल निर्दोष हैं, उन्होंने कोई अपराध नहीं किया.”
छात्र जीवन में राजनीति में रखा क़दम
जुलाई 2024 में वरिष्ठ पत्रकार संजीव चौहान ने बीबीसी हिंदी के लिए एक लेख में कहा था कि लॉरेंस बिश्नोई को लेकर मीडिया रिपोर्ट्स में जो जानकारी उपलब्ध है, उसके हिसाब से कुछ जगहों पर उनकी जन्मतिथि 22 फ़रवरी, 1992 है.
हालांकि कुछ जगहों पर 12 फ़रवरी, 1993 है. यानी इस वक़्त लॉरेंस की उम्र 31-32 साल है.
पंजाब के फजिल्लका के गांव धत्तरांवाली में जन्मे बिश्नोई परिवार के लड़के का लॉरेंस नाम भी दिलचस्पी का विषय है.
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक लॉरेंस बिश्नोई का असली नाम सतविंदर सिंह है.
हालांकि, कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि बचपन में एकदम गोरा होने के चलते परिवारवालों ने लाड़ में उन्हें लॉरेंस कहना शुरू किया था, जो बाद में उनके वास्तविक नाम से ज़्यादा मशहूर हो गया.
लॉरेंस बिश्नोई के पिता लाविंदर सिंह हरियाणा पुलिस में सिपाही थे. उन्होंने नौकरी 1992 में शुरू की थी लेकिन पांच साल के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकर खेती बारी शुरू कर दी.
लॉरेंस ने पंजाब के अबोहर से 12वीं की पढ़ाई की और आगे की पढ़ाई के लिए 2010 में चंडीगढ़ पहुंच गए.
साल 2011 में उन्होंने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में दाखिला लिया. यहीं से उन्होंने छात्र राजनीति में भी प्रवेश किया.
लॉरेंस डीएवी कॉलेज में दाख़िला लिया. धीरे धीरे उन्होंने छात्र राजनीति में दिलचस्पी लेनी शुरू की और यहीं उनकी दोस्ती गोल्डी बराड़ से हुई.
कहा जाता है कि ये वही गोल्डी बराड़ हैं, जो विदेश से बैठकर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए काम करते हैं और एक तरह से गैंग को संभाल रहे हैं. लॉरेंस साल 2011-2012 में पंजाब विश्वविद्यालय छात्र संगठन (एसओपीयू) बनाकर खुद ही उसके नेता बन बैठे.
लॉरेंस का नाता बिश्नोई समुदाय से है जो पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कई हिस्सों में बसा है.
लॉरेंस बिश्नोई के छात्र जीवन के दौरान स्कूल और कॉलेज में उनके साथ रहे दूसरे छात्रों का कहना है कि उन्हें पंजाबी, बागरी और हरियाणवी भाषाएं आती हैं.
लॉरेंस बिश्नोई के ख़िलाफ़ केस
लॉरेंस बिश्नोई पर छात्र जीवन के अंतिम पड़ाव पर जो पहला मुक़दमा दर्ज हुआ वो क़त्ल की कोशिश में शामिल होने का था. यह बात साल 2011-2012 की है.
तब स्टूडेंट राजनीति में हार का मुंह देखने से बौखलाए लॉरेंस के साथी स्टूडेंट ने एक छात्र नेता पर गोलियां चला दीं. उस घटना के बाद दर्ज मुक़दमे में पहली बार लॉरेंस का नाम पुलिस की एफ़आईआर में दर्ज हुआ था.
लॉरेंस बिश्नोई को साल 2014 में पहली बार राजस्थान में गिरफ्तार करके भरतपुर जेल भेजा गया था. जब उन्हें पेशी के लिए मोहाली (पंजाब) ले जाया जा रहा था तो वो वहां से पुलिस हिरासत से फरार हो गए.
साल 2016 में उन्हें दोबारा गिरफ्तार कर लिया गया. साल 2021 में संगठित और अंडरवर्ल्ड अपराध की दुनिया से रोकने के लिए, मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट) के एक मामले में तिहाड़ जेल में सुरक्षा की नज़र से लाकर बंद कर दिया गया था.
तिहाड़ लाए जाने से पहले वो पंजाब की बठिंडा जेल में बंद रहे थे.
साल 2022 में उन्हें जेल से ही सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार (जेल से ही) कर लिया.
पंजाब पुलिस का कहना है कि लॉरेंस ‘ए कैटिगरी’ के गैंगस्टर हैं. इस कैटेगरी का मतलब है, ऐसा अपराधी को बेहद संगीन अपराधों में शामिल हो.
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के कुछ दिन बाद सलमान ख़ान को जान से मारने की धमकी मिली थी.
साल 2022 में गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वायड ने लॉरेंस बिश्नोई को ड्रग तस्करी के मुक़दमे में नामज़द किया था. ये मामला कच्छ में एक पाकिस्तानी जहाज से ड्रग की बड़ी खेप की ज़ब्ती से जुड़ा था.
पुलिस को आशंका थी कि उस खेप को मंगवाने में लॉरेंस का हाथ था. उसी के बाद लॉरेंस को दिल्ली की जेल से निकाल कर गुजरात पुलिस 23 अगस्त 2023 में गुजरात के साबरमती जेल ले गई थी.
तब से वो इसी साबरमती जेल में ही बंद है. यहां बताना ज़रूरी है कि 30 अगस्त 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉरेंस बिश्नोई के ऊपर सीआरपीसी की धारा 268 (1) भी लगा दी थी, ताकि उन्हें किसी भी हाल में साबरमती जेल से एक साल तक बाहर लाया ही न जा सके.
यही वजह है कि अलग-अलग अदालतों में लंबित मुक़दमों में उनकी अब पेशी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए हो रही है.
लॉरेंस बिश्नोई पर हत्या, डकैती और मारपीट समेत कई और आरोप हैं.
उनके ख़िलाफ़ पंजाब, दिल्ली और राजस्थान में दर्जनों मामले दर्ज हैं, लेकिन पुलिस के मुताबिक़ लॉरेंस को चार मामलों में दोषी पाया गया है.
लॉरेंस बिश्नोई के ख़िलाफ अभी 22 मुक़दमे चल रहे हैं और उनके ख़िलाफ़ 7 मामलों में जांच चल रही है.
लॉरेंस बिश्नोई गैंग
कहा जाता है कि बिश्नोई की गैंग में क़रीब 700 सदस्य हैं. कथित तौर पर ये गैंग आज कनाडा से चलाया जाता है और इसे चलाने वाले का नाम है गोल्डी बराड़.
सिद्धू मूसेवाला हत्या के मुख्य साज़िशकर्ता के साथ कई अन्य मामलों में पुलिस को गोल्डी बराड़ की तलाश है.
पंजाब पुलिस के अनुसार, सिद्धू मूसेवाला की हत्या के लिए वो ज़िम्मेदार हैं.
बताया जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई के इस गैंग में पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से लोग शामिल हैं. ये गैंग तीन राज्यों में सक्रिय है.
टेलीविज़न चैनल को दिए इंटरव्यू में लॉरेंस बिश्नोई अपने गैंग के बारे में कहते हैं कि “ये कोई गैंग नहीं है. ये एक ही दर्द वाले लोगों का गुट है.”
अमूमन अपराधी अपराध करने के बाद पुलिस और कानून से छिपता है. लॉरेंस बिश्नोई और उनका गैंग ऐसा है जो किसी भी बड़ी वारदात के बाद उसकी ज़िम्मेदारी ख़ुद आगे बढ़कर लेता है.
देश के अलग-अलग राज्यों में लॉरेंस के सनसनीखेज अपराधों की बात करें तो पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड और फिर बीते साल जयपुर में करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी का क़त्ल सुर्ख़ियों में रहा है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित