- Author, अभिनव गोयल
- पदनाम, बीबीसी संवाददाता
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महाराष्ट्र की सियासत में चर्चित नाम बाबा सिद्दीक़ी की शनिवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई.
वे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी- अजित पवार) के नेता थे. उन्हें इफ्तार पार्टी का आइकन भी कहा जाता था, जहां हर साल नेताओं से लेकर फ़िल्मी सितारों का तांता लगता था.
पुलिस के मुताबिक शूटरों ने बाबा सिद्दीकी पर कई राउंड फायरिंग की, जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
मुंबई पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि तीन शूटर सिद्दीक़ी की हत्या में शामिल थे.
डीसीपी क्राइम ब्रांच दत्ता नलवाड़े के मुताबिक, “घटनास्थल पर तीन लोगों ने फायरिंग की थी, जिसमें से दो लोग पकड़े गए हैं और एक फरार है. जिसकी तलाश की जा रही है.”
इसके अलावा पुलिस ने कई अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के मुताबिक पकड़े गए अभियुक्तों में एक हरियाणा और दूसरा उत्तर प्रदेश का है.
गुरमेल सिंह
हरियाणा में कैथल ज़िले में नरड़ गांव के रहने वाले गुरमेल सिंह को मुंबई पुलिस ने बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में गिरफ़्तार किया है.
बीबीसी के सहयोगी पत्रकार कमल ने गुरमेल की दादी से बात की. दादी का कहना है कि गुरमेल अपने माता-पिता की इकलौती संतान है.
दादी के मुताबिक, “पिता की मौत के बाद गुरमेल की मां की दूसरी शादी हुई थी, जिससे उसे एक बेटा और बेटी हैं.”
अभियुक्त गुरमेल सिंह की दादी ने कहा, “वह मेरा पोता था लेकिन अब वह मेरा कुछ नहीं लगता है.”
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए दादी ने कहा, “जब वो इतने बड़े-बड़े कांड करता है, तो हमारा क्या लगता है? वो दुश्मन है. जीवन सबका एक है.”
कैथल ज़िले के डीएसपी ऑफिस ने बीबीसी को बताया कि अभियुक्त गुरमेल पहले भी जेल जा चुका है और उसके ख़िलाफ़ ज़िले में तीन मामले पहले से दर्ज हैं.
31 मई 2019 को कैथल ज़िले के नरड़ गांव के रहने वाले राम कुमार ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई थी.
एफआईआर के मुताबिक राम कुमार के बड़े बेटे सुनील पर बाइक सवार पांच लड़कों ने तेज़ धार हथियारों, डंडों और सुएं से हमला किया था, जिसमें उनकी मौत हो गई.
कैथल ज़िले के डीएसपी हेडक्वार्टर का कहना है, “इस हत्याकांड में गुरमेल भी अभियुक्त था, जिसके बाद उसे जेल हो गई थी.”
उनका कहना है, “सुनील हत्याकांड में गुरमेल को 7 जुलाई 2023 को जमानत मिली, जो उसके नाना ने करवाई थी.”
पीड़ित राम कुमार ने बीबीसी से बातचीत में कहा, “जमानत पर बाहर आने के बाद गुरमेल ने हमें बहुत परेशान किया. वह एक महीने पहले तक गांव में ही था.”
पुलिस के मुताबिक कैथल जेल में गुरमेल से फोन भी बरामद हुआ था, जिसके बाद उनके ख़िलाफ़ पर्चा दाखिल किया गया था.
इसके अलावा गुरमेल पर तीसरा मामला हाल ही में गुरमेल के ख़िलाफ़ दर्ज किया गया है.
डीएसपी हेडक्वार्टर का कहना है कि 12 अगस्त 2024 को सेगा गांव के रहने वाले एक व्यक्ति के साथ मारपीट की गई थी, जिसमें गुरमेल का नाम सामने आया था.
धर्मराज कश्यप
बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में दूसरे अभियुक्त का नाम धर्मराज निषाद है. धर्मराज का परिवार उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के कैसरगंज में रहता है.
कैसरगंज के सीओ अनिल कुमार ने बीबीसी को बताया, “धर्मराज निषाद कैसरगंज के गंडारा कस्बे का रहना वाला है. उनके पिता मछली बेचने का काम करते हैं.”
वे कहते हैं, “धर्मराज, मुंबई में रहता था और वहां कबाड़ी का काम करता था. उसकी उम्र बीस साल से कम ही बताई जा रही है. परिवार का बेटे से संपर्क नहीं था.”
अनिल का कहना है, “धर्मराज निषाद का ज़िले में कोई भी आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा है. ये पहली बार है जब इस तरह के मामले में उसका नाम आया है.”
धर्मराज की मां ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “वह दो महीने पहले ही घर से गया था. घर पर बताया था कि वह कबाड़ का काम करने जा रहा है. अब वहाँ क्या कर रहा था, मुझे नहीं मालूम.”
उन्होंने कहा है, “धर्मराज ने घर पर बताया था कि वह पुणे जा रहा है. सुबह जब घर पर पुलिस आई है, तब हमें इसकी जानकारी मिली है. घर से जाने के बाद से सिर्फ़ एक बार बात हुई थी. ना वो पैसे भेजता है और ना बात करता है.”
अभियुक्त धर्मराज कश्यप ने नाबालिग होने का दावा किया था. अभियुक्त के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, “पुलिस ने आज अभियुक्तों को कोर्ट में पेश किया. हमने आपत्ति जताई और जो भी आधार हम दे सकते थे, हमने वो कोर्ट को दिए.”
उन्होंने कहा, “कोर्ट ने एक अभियुक्त को 21 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेजा है, वहीं दूसरे अभियुक्तों को ऑसिफिकेशन टेस्ट के बाद पेश करने को कहा है…पुलिस ने 14 दिन की हिरासत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने 7 दिन की हिरासत दी है.”
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अभियुक्त धर्मराज का बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट हो गया है. टेस्ट में पुष्टि हुई है कि अभियुक्त नाबालिग नहीं बल्कि बालिग है.
जांच के बाद धर्मराज को कोर्ट में पेश किया, जहां से कोर्ट ने उन्हें भी पुलिस कस्टडी में भेज दिया है.
बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट में शरीर की कुछ खास हड्डियों का एक्सरे किया जाता है. उनकी बनावट और ताकत की जांच कर उम्र का पता लगाया जाता है.
शिव कुमार
सिद्दीकी हत्याकांड में तीसरे अभियुक्त का नाम शिवकुमार गौतम उर्फ शिवा है. मुंबई पुलिस के मुताबिक फिलहाल वह फरार है.
कैसरगंज के सर्किल ऑफिसर अनिल कुमार का कहना है कि शिवकुमार गौतम भी गंडारा कस्बे का रहने वाला है.
वे कहते हैं, “शिवकुमार गौतम और धर्मराज दोनों पड़ोसी हैं और मुंबई में रह रहे थे. शिवकुमार के पिता राजमिस्त्री का काम करते हैं और शिवकुमार का भी कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा है.”
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए अभियुक्त शिवा की मां ने कहा, “वह पुणे गया था, वहाँ पर कबाड़ का काम करता था. मुझे इसी के बारे में जानकारी थी. मुंबई के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी.”
उन्होंने कहा, “वह होली पर घर आया था, वापस जाने के बाद अब तक दोबारा नहीं आया. उससे फोन पर भी कोई बात नहीं होती…उसकी उम्र कम से कम 18-19 साल होगी.”
प्रवीण लोनकर
मुंबई क्राइम ब्रांच ने प्रवीण लोनकर नाम के एक व्यक्ति को पुणे से गिरफ्तार किया है.
समाचार एजेंसी एएनआई ने मुंबई पुलिस के हवाले से बताया है कि प्रवीण लोनकर, शुभम लोनकर के भाई हैं, जिसने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लॉरेंस बिश्नोई गैंग की तरफ से हत्या की जिम्मेदारी ली थी.
पुलिस के मुताबिक शुभम लोनकर फिलहाल फरार चल रहा है.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक 25 साल के शुभम लोनकर अपने भाई प्रवीण लोनकर के साथ पुणे के वारजे इलाके में डेयरी बिजनेस करते हैं.
अखबार के मुताबिक लोनकर भाई, अकोला जिले के रहने वाले हैं और जनवरी 2024 में अकोला पुलिस ने शुभम लोनकर को कथित तौर पर हथियारों की सप्लाई करने के मामले में गिरफ्तार किया था.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक अकोट इलाके में पुलिस ने एक कुएं से दो पिस्टल और 9 कारतूस बरामद किए थे.
इस मामले में अन्य दो लोगों के साथ शुभम को मास्टरमाइंड बताते हुए पुलिस ने 30 जनवरी को हिरासत में लिया गया था.
अखबार के मुताबिक जांच के दौरान पुलिस ने यह पाया था कि शुभम लोनकर व्हाट्सएप कॉल के जरिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ संपर्क में था.
मोहम्मद जीशान अख़्तर
सिद्दीकी हत्याकांड में पंजाब के जालंधर के रहने वाले मोहम्मद जिशान का नाम भी सामने आया है, जिसकी तलाश मुंबई पुलिस कर रही है.
पंजाब पुलिस में नकोदर के डीएसपी सुखपाल सिंह ने मोहम्मद जिशान को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने बताया कि मुंबई पुलिस ने जिशान के बारे में पंजाब पुलिस से सहयोग मांगा है.
सुखपाल सिंह ने बताया, “मोहम्मद जिशान पर साल 2022 में एफआईआर दर्ज हुई थी. उसी मामले में जीशान को 6 जुलाई 2022 को जालंधर पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था. तब से लेकर 7 जून 2024 तक वह जेल में था.”
उन्होंने कहा, “जेल से बाहर आने के बाद जीशान अपने गांव में नहीं आया है. वह तब से फरार चल रहा था. हमने एक मैकेनिज्म बनाया है जब किसी जघन्य अपराध वाले मामले में किसी को बेल मिलती है तो हम उस पर नजर रखते हैं, लेकिन जीशान फिलहाल फरार चल रहा है.”
डीएसपी के मुताबिक जीशान पहले कपूरथला जेल में था, जिसे बाद में पटियाला जेल में शिफ्ट किया गया था.
उन्होंने कहा, “जीशान के ऊपर 9 जघन्य अपराध के मामले दर्ज हैं, जिसमें हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती जैसे केस हैं. ना सिर्फ पंजाब बल्कि हरियाणा के कैथल में भी इसके ऊपर दो केज दर्ज हैं.”
पुलिस के मुताबिक जीशान के पिता जमील अख़्तर पत्थर लगाने का काम करते हैं और बेटे का नाम सिद्दीकी मामले में आने के बाद से फरार हैं.
उनके मुताबिक जीशान की माता और बहन की पहले ही मौत हो चुकी है.
मुंबई पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस
शनिवार रात को हुई एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेता बाबा सिद्दीक़ी हत्या के मामले में डीसीपी क्राइम ब्रांच दत्ता नलवाड़े ने प्रेस वार्ता की.
उन्होंने कहा, “पूर्व मंत्री जब अपने बेटे के कार्यालय से बाहर आ रहे थे उसी समय उनकी हत्या कर दी गई. सहायक पुलिस निरीक्षक राजेंद्र दाभाड़े और उनके स्टाफ़ ने मौके पर ही दो आरोपियों को पकड़ लिया है. फ़रार अभियुक्त की पहचान कर ली गई है.”
उनके मुताबिक़, “आरोपियों के पास से दो पिस्तौल और 21 राउंड गोलियां बरामद की गई हैं, हम घटना में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की संभावित भूमिका की जांच कर रहे हैं.”
उन्होंने कहा, “मौके पर तीन अभियुक्त थे, उनमें से एक की तलाश की जा रही है. क्राइम ब्रांच की कुल 15 टीमें जांच कर रही हैं. अन्य प्रदेशों की पुलिस से मदद ली जा रही है.”
उन्होंने कहा, “हम लॉरेंस बिश्नोई और सलमान खान के साथ-साथ अन्य पहलुओं से भी जांच कर रहे हैं.”
पुलिस ये भी जांच कर रही है कि हत्या की ज़िम्मेदारी लेने वाले एक कथित सोशल मीडिया पोस्ट की सच्चाई क्या है.
कौन थे बाबा सिद्दीकी
बाबा सिद्दीकी अस्सी के दशक से राजनीति में सक्रिय थे. वे छात्र जीवन में ही कांग्रेस से जुड़ गए थे.
मुंबई में ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद उन्होंने दो बार म्युनिसिपल कॉरपोरेटर के तौर पर काम किया और उसके बाद कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा.
वे 1999, 2004 और 2009 में लगातार तीन बार कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने. वे खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के साथ श्रम राज्य मंत्री पद की जिम्मेदारी भी संभाल चुके थे.
इस साल फरवरी में अजित पवार की पार्टी एनसीपी में शामिल होने तक वह पिछले चार दशकों से कांग्रेस में सक्रिय थे.
बाबा सिद्दीकी का ‘बॉलीवुड कनेक्शन’ हमेशा चर्चा में रहता था. सलमान ख़ान, शाहरुख ख़ान, संजय दत्त जैसे हिंदी सिनेमा के मशहूर अभिनेताओं से उनके क़रीबी रिश्ते थे.