वैसे भारत पहले से ही पाकिस्तान से कोई महत्वपूर्ण चीज आयात नहीं करता। एक खास किस्म का सेंधा नमक जरूर पाकिस्तान से आयात होता है। वर्ष 2019-20 से पहले भारत पाकिस्तान से सूती कपड़े मार्बल के बने घरेलू सामान कुछ खास किस्म के मसाले आदि का आयात करता था लेकिन अब वो अधिकांश तौर पर बंद है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिना एक भी गोली चलाए भारत ने पाकिस्तान को बिलबिलाने पर विवश कर दिया है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल समझौते को रोकने से शुरू किए गए रणनीतिक कदमों के तहत शनिवार को पाकिस्तान पर तिहरा प्रहार किया है। पहले कदम के तहत पड़ोसी देश से हर तरह का आयात बंद कर दिया है।
दूसरे कदम के तहत पाकिस्तान के साथ सभी प्रकार की डाक और पार्सल सेवाओं का आना-जाना रोक दिया है। तीसरे निर्णय के तहत पाकिस्तान के जहाज अब भारतीय बंदरगाहों पर प्रवेश नहीं कर पाएंगे। भारत की ओर से शनिवार को उठाए कदम ऐसे वक्त आए हैं जब पाकिस्तान की तरफ से लगातार सैन्य तैयारियों को तेज किए जाने की सूचना आ रही है।
वस्तुओं के आयात पर तत्काल रोक
शनिवार को पाकिस्तान ने एक मिसाइल परीक्षण भी किया है जिसे मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति में उकसाने वाली गतिविधि बताया जा रहा है। विदेश कारोबार महानिदेशक (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना जारी करके पाकिस्तान निर्मित या वहां से आनी वाले किसी भी तरह के वस्तुओं के आयात को तत्काल रोक दिया है।
दोनों देशों के बीच व्यापार जीरो
- भारत ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान आयात पर दो सौ प्रतिशत का शुल्क लगा दिया था। भारत पाकिस्तान से सिर्फ पांच लाख डालर के सामान का आयात करता है जो अब घट कर शून्य रह जाएगा। वैसे ये भी बता दें कि अप्रैल-जनवरी 2024-25 के दौरान भारत का पाकिस्तान के साथ व्यापार 447.65 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि आयात केवल 0.42 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- यह भी उल्लेखनीय तथ्य है कि वर्ष 2012-13 तक भारत व पाकिस्तान आपसी कारोबार को बढ़ाने की बात कर रहे थे। तब भारत सरकार ने पाकिस्तानी उत्पादों के आयात पर लगे प्रतिबंध को समाप्त करने की बात कही थी। पाकिस्तान सरकार ने भी ऐसा एलान किया था। आतंकवाद को पाकिस्तानी मदद की वजह से अब दोनों देशों के बीच कारोबार घटकर जीरो हो जाएगा।
- उधर, डाक विभाग ने एक पंक्ति की सूचना में बताया है कि भारत सरकार ने यह फैसला किया है कि पाकिस्तान से जहाज या किसी दूसरे माध्यम से आने वाली सारी चिठ्ठियों और पार्सलों को रोका जा रहा है। दूरसंचार के दौर में पत्रों का आदान-प्रदान तो काफी कम हो गया था लेकिन दोनों देशों के बीच पार्सलों का आदान-प्रदान निश्चित तौर पर सीमित मात्रा में होता था।
पत्रों और पार्सलों पर लगी रोक
इसमें खासतौर पर दोनों देशों में रहने वाले परिजन या मित्र एक दूसरे को तोहफा वगैरह भेजते थे। भारत ने जब अगस्त, 2019 में कश्मीर से अनुच्छेद-370 समाप्त करने का फैसला किया था तब पाकिस्तान ने भारत से आने वाले पत्रों व पार्सलों पर रोक लगा दी थी। हालांकि कुछ ही महीने बाद पत्रों पर लगी रोक हटा ली गई थी।
देश-दुनिया की हर ताज़ा खबर और सटीक जानकारी, हर पल आपके मोबाइल पर! अभी डाउनलोड करें- जागरण ऐप