पटना के ग्रामीण इलाकों में क्यों जाम
पटना और आसपास के इलाकों में ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या बन गया है। इसकी मुख्य वजह फुलवारीशरीफ और बिहटा में भारी वाहनों पर नो एंट्री है। इससे ट्रक और कंटेनर ग्रामीण रास्तों पर खड़े हो जाते हैं, जिससे स्थानीय लोगों का आवागमन मुश्किल हो जाता है। एनएच-139 पर नौबतपुर, जानीपुर, सोन नहर रोड जैसे इलाकों में वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि नहर पर पुराने रास्ते के अलावा एक और दो लेन का रास्ता बनने से नौबतपुर तक जाने में काफी राहत मिल जा रही है।
मोतीपुर से सिमरा तक के लोगों को समस्या
बिहटा में जाम की समस्या कम करने के लिए बड़े वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई जाती है। फुलवारीशरीफ में नो एंट्री के दौरान भूसौला, दानापुर चौक, पटना एम्स गोलंबर के पास भी दोनों लेन पर ट्रक और कंटेनर खड़े कर दिए जाते हैं। इससे भूसौला, दानापुर नकटी भवानी, बग्गा टोला, सिमरा, बभनपुरा, हुलास चक, नगवा डेरा, जानीपुर, बादीपुर, चिरौरा, मोतीपुर और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को आने-जाने में बहुत दिक्कत होती है।
शादी ब्याह और नो एंट्री के चलते ये हाल
एनएच-98 पर स्थित बड़ी कंपनियों के शोरूम और गोदाम वालों को जाम से सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। सड़क के दोनों ओर ट्रक और कंटेनर खड़े होने से उनकी दुकानदारी ठप पड़ जाती है। ग्राहक दुकानों तक नहीं पहुँच पाते, जिससे व्यापार प्रभावित होता है। दुकानदारों की मांग है कि ट्रकों को उनकी दुकानों से कुछ दूरी पर खड़ा करवाया जाए ताकि उनका कामकाज चलता रहे।
गांधी सेतु से आने वाले एनएच पर भी दिक्कत
गांधी सेतु और एनएच-30 पर भी जाम की समस्या बनी हुई है। 15 फरवरी 2025 को सुबह पांच बजे से ही इन रास्तों पर रुक-रुक कर जाम लग रहा था। इससे मालवाहक वाहनों, यात्री वाहनों और निजी वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। एक घंटे का सफर पूरा करने में दो से ढाई घंटे तक लग रहे थे। गांधी सेतु पर हाजीपुर से पटना आने वाले पूर्वी लेन और पटना से हाजीपुर जाने वाले पश्चिमी लेन पर भी जाम लगा रहा। जीरो माइल से दीदारगंज और गांधी सेतु पार करने में दो घंटे का समय लग रहा था।