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ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बोंडी बीच पर हुए हमले के बाद इसराइल और अरब देशों से कड़ी प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं.
ये हमला यहूदी समुदाय के एक कार्यक्रम के दौरान हुआ, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई है.
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने इसे यहूदी समुदाय को निशाना बनाकर किया गया ‘आतंकवादी हमला’ कहा है.
न्यू साउथ वेल्स के पुलिस कमिश्नर मैल लैन्यन ने बताया कि दोनों बंदूकधारी 50 वर्षीय पिता और उसका 24 वर्षीय बेटा थे.
स्थानीय मीडिया में उनके नाम साजिद और नवीद अकरम बताए गए हैं.
इसराइली अख़बार हारेट्ज़ के मुताबिक़ इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने इस हमले पर कहा कि ऑस्ट्रेलिया की नीतियाँ ‘यहूदी-विरोधी आग में घी डालने’ का काम कर रही हैं.
नेतन्याहू ने कहा, “यहूदी-विरोध एक कैंसर है, जो तब फैलता है जब नेता चुप रहते हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “कुछ महीने पहले मैंने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा था. मैंने उन्हें लिखा था कि उनकी नीति, यहूदी-विरोधी आग में घी डालती है, यह आपकी सड़कों पर यहूदियों के प्रति नफ़रत को बढ़ावा देती है.”
नेतन्याहू ने कहा, “यहूदी-विरोधियों के ख़िलाफ़ मौजूदा कमज़ोर रुख़ के बजाय उनसे ताक़त से निपटना होगा. आज ऑस्ट्रेलिया में ऐसा नहीं हुआ.”
वहीं, इसराइल के राष्ट्रपति इसाक हरज़ोग ने इस हमले को ‘क्रूर’ बताया है.
उन्होंने कहा, “हमने बार-बार ऑस्ट्रेलियाई सरकार से कार्रवाई करने और ऑस्ट्रेलियाई समाज को जकड़ रही यहूदी-विरोधी भावना की लहर से लड़ने की अपील की है.”
इसराइली मीडिया ने बोंडी बीच हमले को व्यापक तौर पर कवर किया है और ऑस्ट्रेलिया की आलोचना की है.
इसराइली मीडिया ने क्या कहा?
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‘द यरूशलम पोस्ट’ और ‘हारेट्ज़’ जैसे इसराइली अख़बार ने यहूदी समुदाय पर हुए हमले पर ऑस्ट्रेलिया की आलोचना की है.
‘द यरूशलम पोस्ट’ ने सोमवार को इस पर अपना एडिटोरियल छापा है, जिसका शीर्षक है- ‘बोंडी हमला बढ़ते यहूदी-विरोध का सामना करने में ऑस्ट्रेलिया की नाकामी को उजागर करता है’.
अख़बार ने लिखा, “बोंडी बीच पर हनुक्का फ़ेस्टिवल के दौरान हुए भयावह आतंकवादी हमले से यह भ्रम दूर हो जाना चाहिए कि ऑस्ट्रेलिया लोकतांत्रिक दुनिया में फैल रही हिंसक भावनाओं से अछूता है.”
‘द यरूशलम पोस्ट’ ने आगे लिखा, “यह कोई अचानक घटित घटना या आंतरिक ‘यहूदी मुद्दा’ नहीं था. यह सार्वजनिक सुरक्षा और सामाजिक एकता पर हमला था. जब यहूदियों को सार्वजनिक जगह पर अपने धार्मिक उत्सव मनाने के लिए निशाना बनाया जाता है, तो समस्या विदेश नीति नहीं होती. समस्या होती है देश की अपनी सबसे बुनियादी ज़िम्मेदारी निभाने में नाकामी. अपने नागरिकों की रक्षा करना.”
अख़बार ने लिखा, “कई महीनों से ऑस्ट्रेलिया के यहूदी समुदाय चेतावनी दे रहे थे कि यहूदी-विरोधी घटनाएँ तेज़ी से बढ़ रही हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक़, बीते एक साल में ऑस्ट्रेलिया में 1,600 से ज़्यादा यहूदी-विरोधी घटनाएँ दर्ज की गईं, जिनमें दर्जनों हमले और तोड़फोड़ की घटनाएँ और सैकड़ों अन्य अपमानजनक या धमकी भरे मामले शामिल हैं.”
इसके अलावा ‘द यरूशलम पोस्ट’ ने बोंडी बीच हमले को लेकर सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही ‘ग़लत जानकारियों’ पर एक अन्य रिपोर्ट प्रकाशित की है.
‘हारेट्ज़’ ने ‘ऑस्ट्रेलिया में यहूदियों के ख़िलाफ़ पहला घातक हमला दो साल के अभूतपूर्व यहूदी-विरोध के बाद हुआ’ शीर्षक से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है.
अख़बार ने लिखा, “बोंडी बीच हमला उस बड़ी रिपोर्ट के आने के महज़ एक हफ़्ते बाद हुआ है, जिसमें इसराइल में 7 अक्तूबर के हमले के बाद के दो सालों में ऑस्ट्रेलिया में यहूदी-विरोधी घटनाओं में बढ़ोतरी दर्ज की गई थी.”
अरब-मुस्लिम देशों में कैसी चर्चा
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सऊदी अरब ने बोंडी बीच पर हुए ‘आतंकवादी हमले’ की कड़ी निंदा की है. इस हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने रविवार को बयान जारी किया.
सऊदी अरब ने अपने बयान में ‘हिंसा, आतंकवाद और अतिवाद’ का कड़ा विरोध किया.
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश मंत्रालय ने बोंडी बीच हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि वह “हिंसा और आतंकवाद के सभी रूपों” को खारिज करता है.
मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने महासचिव मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-ईशा के हवाले से कहा कि मुस्लिम लोग “आतंकवाद और हिंसा के सभी रूपों को ख़ारिज करते हैं.”
जॉर्डन ने ऑस्ट्रेलिया को ‘फ़्रेंडली देश’ बताते हुए बोंडी बीच हमले की निंदा की है.
जॉर्डन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता फ़ुआद अल-मजाली ने ऑस्ट्रेलिया के साथ पूरी एकजुटता की बात कही है और “हिंसा और आतंकवाद के सभी कृत्यों” को ख़ारिज किया है.
क़तर के विदेश मंत्रालय ने हमले की निंदा की और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है.
मंत्रालय ने कहा, “क़तर हिंसा, आतंकवाद और आपराधिक कृत्यों की निंदा करता है, चाहे उनके मक़सद जो भी हों.”
अरब मीडिया ने क्या कहा?
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अरब और मुस्लिम देशों के मीडिया संस्थानों में अलग-अलग रिपोर्टिंग देखने को मिली.
सऊदी अरब के ‘अरब न्यूज़’ ने भी बोंडी बीच पर हुए हमले पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है.
इसमें लिखा है, “आधिकारिक आँकड़ों के मुताबिक़, सऊदी अरब में 28 मिलियन लोग रहते हैं, इनमें एक लाख 17 हज़ार यहूदी लोग हैं. यहूदी-विरोध से निपटने के लिए सरकार की विशेष दूत जिलियन सेगल ने जुलाई में बताया कि सात अक्तूबर 2023 को इसराइल पर हमास के हमले के बाद से यहूदियों के ख़िलाफ़ हमले, तोड़फोड़ और डराने-धमकाने जैसी घटनाएँ ऑस्ट्रेलिया में तीन गुना बढ़ी हैं.”
अख़बार ने लिखा, “पिछले साल सिडनी और मेलबर्न में यहूदियों के ख़िलाफ़ हमलों ने देश को हिला दिया. इन शहरों में ऑस्ट्रेलिया की 85 फ़ीसदी यहूदी आबादी रहती है. यहाँ सिनेगॉग और कारों में आग लगाई गई, व्यावसायिक भवनों और घरों की दीवारों पर चित्र बनाए गए और यहूदियों पर हमले किए गए.”
‘अरब न्यूज़’ ने लिखा, “अगस्त में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने इनमें से दो हमलों के लिए ईरान को ज़िम्मेदार ठहराया और उसके साथ कूटनीतिक संबंध तोड़ दिए.”
क़तर के ‘अल जज़ीरा’ ने भी बोंडी बीच हमले की घटना को कवर किया है.
अख़बार ने एक अन्य रिपोर्ट में इस हमले पर कई देशों की प्रतिक्रियाओं को भी जगह दी है.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित