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ऑस्ट्रेलिया में सिडनी के मशहूर बोंडी बीच पर हुए हमले से जुड़ी कई चीज़ें सामने आने लगी हैं.
जब हमला हुआ तो यहूदियों का वहाँ एक कार्यक्रम चल रहा था. इस हमले में 15 लोग मारे गए हैं और 40 से ज़्यादा ज़ख़्मी हुए हैं.
इस हमले के तार भारत से भी जुड़ गए हैं. ऑस्ट्रेलिया और भारत की पुलिस ने कहा है कि दो हमलावरों में से एक संदिग्ध हमलावर भारतीय नागरिक है.
इन दो संदिग्ध हमलावरों की पहचान साजिद अकरम (50) और नवीद अकरम (24) के रूप में हुई है. दोनों पिता-पुत्र हैं.
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने कहा है कि हमले से पहले के हफ़्तों में दोनों ने फिलीपींस का दौरा किया था और संभव है कि दोनों चरमपंथी संगठन आईएसआईएस से प्रेरित हों.
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस का कहना है कि पिता साजिद और बेटे नवीद ने पिछले महीने फिलीपींस का दौरा किया था. फिलीपींस ब्यूरो ऑफ़ इमिग्रेशन ने भी इसकी पुष्टि की है कि साजिद भारत के पासपोर्ट पर फिलीपींस गए थे और उनके बेटे नवीद के पास ऑस्ट्रेलिया का पासपोर्ट था.
तेलंगाना पुलिस ने कहा है कि अकरम परिवार हैदराबाद से है. पुलिस के अनुसार, साजिद के पास बीकॉम की डिग्री है और वो नवंबर 1998 में ऑस्ट्रेलिया शिफ़्ट हो गए थे.
साजिद ने ऑस्ट्रेलिया में एक यूरोपियन मूल की महिला से शादी की थी. साजिद के दो बच्चे हैं. एक नवीद और दूसरी बेटी. पुलिस का कहना है कि 1998 के बाद से छह बार साजिद भारत आए.
बोंडी बीच हमले का तार भारत से जुड़ने के बाद ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में भी साजिद और नवीद के बारे में बहुत कुछ कहा जा रहा है.
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कार में आईएसआईएस के झंडे
ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन यानी एबीसी न्यूज़ ने लिखा है, ”हमने अमेरिकी लॉ एन्फोर्समेंट की ओर से दी गई एक ब्रीफिंग की समीक्षा की है. उसके अनुसार, साजिद अकरम और नवीद अकरम कथित तौर पर यहूदियों के कार्यक्रम स्थल के पास एक ओवरपास ब्रिज़ पर खड़े थे और जनसंहार को अंजाम देते समय “अल्लाहु अकबर” के नारे लगा रहे थे.”
”अधिकारियों ने बताया कि हमले के दौरान पिता साजिद पुलिस की गोली से मारे गए जबकि बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.”
एबीसी न्यूज़ के अनुसार, ”न्यू साउथ वेल्स पुलिस फोर्स के आयुक्त मैल लैन्योन ने कहा कि नवीद अकरम के नाम से रजिस्टर्ड एक कार में आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज़) और आईएसआईएस के झंडे मिले हैं. लैन्योन ने कहा कि पूरे मामले की गहन जांच चल रही है.”
एबीसी न्यूज़ ने लिखा है, ”लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियों ने बताया कि वे नवंबर में कथित हमलावरों की फिलीपींस यात्रा की भी जाँच कर रहे हैं. लैन्योन ने कहा, वे फिलीपींस क्यों गए, उस यात्रा का मक़सद क्या था और वहाँ रहते हुए वे किन स्थानों पर गए, इन सभी बातों की इस समय जाँच की जा रही है.”
एबीसी न्यूज़ ने लिखा है, ”भारतीय अधिकारियों ने बताया कि साजिद अकरम, जिनका जन्म भारत में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था, 1998 में ऑस्ट्रेलिया आकर बस गए, जहाँ उन्होंने शादी की और उनके एक बेटे और एक बेटी का जन्म हुआ. नवीद अकरम ऑस्ट्रेलिया के नागरिक हैं.”
”अधिकारियों ने यह भी बताया कि ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद से साजिद अकरम का भारत के हैदराबाद में अपने परिवार से सीमित संपर्क रहा. उन्होंने मुख्य रूप से पारिवारिक कारणों से छह बार भारत की यात्रा की. स्थानीय पुलिस ने कहा कि भारत में रहने के दौरान साजिद अकरम के ख़िलाफ़ “कोई आपराधिक रिकॉर्ड” नहीं था.”
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‘अपनी नफ़रत यहाँ मत लाओ’
इस हमले में एक भारतीय नागरिक और उनके बेटे के शामिल होने की बात सामने आने के बाद ऑस्ट्रेलिया में प्रवासियों की नीति को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
ऑस्ट्रेलिया की एसबीएस न्यूज़ ने लिखा है, ”फेडरल विपक्ष ने रविवार को बॉन्डी बीच में हुई सामूहिक गोलीबारी के बाद विवादास्पद प्रवासी नीति को स्थगित कर दिया है. विपक्ष की नेता सुसैन लेय की ओर से साल के अंत से पहले नई प्रवासी नीति जारी करने की उम्मीद थी.”
एसबीएस न्यूज़ ने लिखा है, ”प्रवासियों पर बहस को आगे बढ़ाने के लिए आंतरिक और बाहरी दबाव के बावजूद, लेय ने सामाजिक एकता के कमज़ोर पड़ने और इस संवेदनशील समय में नई बहस के भड़काऊ होने की आशंका के कारण प्रवासी नीति को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. सोमवार रात, लिबरल पार्टी के बैकबेंचर एंड्रयू हैस्टी ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने बॉन्डी बीच हमले के बाद ऑस्ट्रेलियाई मूल्यों के आधार पर प्रवासियों को लेकर बहस की अपील की.”
एसबीएस के अनुसार पर्थ से सांसद ने कहा, “यह एक बिल्कुल माकूल समय है, जब हमें उन लोगों के बारे में बात करनी चाहिए जो हमसे प्यार करते हैं और उन लोगों के बारे में जो हमसे नफ़रत करते हैं.”
वन नेशन पार्टी की नेता पॉलिन हैनसन और नए सदस्य बने बार्नबी जॉयस ने मंगलवार को बोंडी स्मारक स्थल का दौरा किया. हैनसन ने कहा, “जो लोग यहाँ आ रहे हैं, क्या वे ऑस्ट्रेलियाई बनना चाहते हैं और हमारे समाज में घुलना-मिलना चाहते हैं? अपनी नफ़रत इस देश में मत लाओ. यही मेरा संदेश है.”
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फिलीपींस क्यों गए?
द संडे मॉर्निंग हेरल्ड ने अपनी रिपोर्ट में भारत के अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू के हवाले से लिखा है, ”साजिद अकरम के परिवार के बाक़ी लोग अब भी हैदराबाद में रहते हैं और उनका बड़ा भाई डॉक्टर है. उनके दिवंगत पिता संयुक्त अरब अमीरात में काम करते थे.”
”न्यू साउथ वेल्स पुलिस ने मंगलवार को पुष्टि की कि जनसंहार स्थल पर दोनों की कार से ख़ुद के बनाए इस्लामिक स्टेट (आईएस) के झंडे और विस्फोटक उपकरण बरामद किए गए. पुलिस सूत्रों के अनुसार, जनसंहार से पहले अकरम परिवार ने एक मैनिफेस्टो भी तैयार किया था.”
द संडे मॉर्निंग हेरल्ड ने लिखा है, ”अधिकारी यह भी जांच कर रहे हैं कि नवंबर में पिता और पुत्र फिलीपींस क्यों गए थे. फिलीपींस उन गिने-चुने देशों में से एक है, जहाँ इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकवादी संगठन की मौजूदगी अब भी बनी हुई है.”
”वे इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि साजिद अकरम, जिसके नाम पर छह हथियार रजिस्टर्ड थे, ने अपने बेटे के चरमपंथी समूहों से लंबे समय से संबंधों के बावजूद क़ानूनी रूप से हाई पावर वाले हथियार कैसे हासिल किए. नवीद अकरम सिडनी के पश्चिमी इलाक़े में एक स्ट्रीट-प्रिचिंग समूह का स्वयंसेवी सदस्य था, जिसके कई इस्लामिक स्टेट समर्थकों से संबंध थे.”
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री से बात की थी. जयशंकर ने इस बातचीत में कहा था कि बोंडी बीच हमले की जाँच में भारत हर स्तर पर ऑस्ट्रेलिया की मदद करेगा.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.