भारत ने जताई चिंता
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने कई रिपोर्ट देखी हैं कि कैसे कई हॉल में दिखाई जा रही फिल्म इमरजेंसी को बाधित किया जा रहा था। हम भारत विरोधी तत्वों द्वारा हिंसक विरोध और धमकी की घटनाओं के बारे में यूके सरकार के साथ लगातार चिंता व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को चुनिंदा रूप से लागू नहीं किया जा सकता है। साथ ही इसमें बाधा डालने वालों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
सिनेमाघर पर हमले के बाद प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, हमें उम्मीद है कि ब्रिटेन की ओर से जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। लंदन में हमारा उच्चायोग अपने समुदाय के सदस्यों की सुरक्षा और लाभ के लिए उनके साथ नियमित रूप से संपर्क में रहता है। विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया फिल्म को प्रदर्शित करने वाले सिनेमाघरों पर हमलों की सिलसिलेवार घटना के बाद आई है।
भारत विरोधी लगाएं नारे
रविवार की रात, खालिस्तान समर्थकों के रूप में पहचाने जाने वाले नकाबपोश व्यक्तियों ने हैरो व्यू सिनेमा में भारत विरोधी नारे लगाते हुए धावा बोल दिया। इस घटना ने वहां मौजूद लोगों को हिलाकर रख दिया। इससे कार्यक्रम स्थल पर स्क्रीनिंग रोकनी पड़ी। ब्रिटिश सिख समूहों के विरोध प्रदर्शन के कारण बर्मिंघम, वॉल्वरहैम्प्टन और पश्चिमी लंदन के कुछ हिस्सों में सिनेमाघरों को भी इमरजेंसी की निर्धारित स्क्रीनिंग रद्द करनी पड़ी।
सिनेमाघरों से हटाया गया
फिल्म को ‘सिख विरोधी भारतीय देश का प्रचार’ बताते हुए, प्रदर्शनकारियों ने अपने विरोध को तेज कर दिया है। वीकेंड में यूके भर के सिनेमाघरों में और व्यवधान डालने की योजना बनाई गई है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका वाली कंगना रनौत अभिनीत यह फिल्म 1975 से 1977 तक भारत में आपातकाल के दौरान प्रमुख राजनीतिक घटनाओं का नाटकीय चित्रण करती है।
इस फिल्म को प्रदर्शनकारियों के दबाव के बाद बर्मिंघम के स्टार सिटी व्यू, हाउंसलो सिनेवर्ल्ड, फेल्थम सिनेवर्ल्ड और वॉल्वरहैम्प्टन सिनेवर्ल्ड से हटा लिया गया था। कुछ प्रदर्शनकारी समूहों का प्रतिनिधित्व करने वाले सिख प्रेस एसोसिएशन (सिख पीए) ने कहा कि फिल्म में ऐतिहासिक घटनाओं का चित्रण “सिख विरोधी” माना जाता है, जिससे देश में व्यापक विरोध हुआ।