समझौते को जमीन पर लागू होना चाहिए
हनीफा ने कहा कि चीन पर पूरी तरह से भरोसा करना मुश्किल है। हमारी भारतीय सेना और सरकार समझौते को बनाए रखने में ईमानदार हैं, लेकिन चीन को भी इसका पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम में से जो लोग सीमा के पास रहते हैं, वे जानते हैं कि युद्ध कैसा होता है। हम सीमा पर शांति चाहते हैं। हम दोनों देशों के बीच हुए समझौते का स्वागत करते हैं, लेकिन हम इसे जमीन पर लागू होते देखना चाहते हैं।
कूटनीतिक तरीकों से कम हो तनाव
हनीफा ने कहा कि सीमा पर तनाव को कूटनीतिक तरीकों से कम किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं डेमचोक में था, जहां मैंने स्थानीय लोगों से मुलाकात की। हनीफा लोकसभा में लद्दाख के एकमात्र प्रतिनिधि हैं। वहीं, न्योमा से पार्षद इशे स्पालजांग ने केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए अपनी संतुष्टि व्यक्त की। उन्होंने कहा कि डेमचोक और सीमा पर रहने वाले सभी लोगों की ओर से मैं केंद्र सरकार को धन्यवाद देता हूं। जनता इस कदम से बहुत खुश है।
2020 में शुरू हुआ था गतिरोध
भारत और चीन ने हाल ही में भारत-चीन सीमा पर एलएसी पर गश्त व्यवस्था पर सहमति जताई है। भारत और चीन के बीच सीमा गतिरोध 2020 में एलएसी पर पूर्वी लद्दाख में शुरू हुआ था, जो चीनी सैन्य कार्रवाइयों के कारण शुरू हुआ था। इस घटना के कारण दोनों देशों के बीच लंबे समय तक तनाव बना रहा, जिससे उनके संबंधों में काफी तनाव आ गया था।