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भारतीय वायुसेना की बढ़ेगी ताकत, सितंबर 2026 में मिलेगा देश में तैयार पहला सी-295 विमान

Byadmin

Oct 27, 2024


देश में तैयार पहला अत्याधुनिक ट्रांसपोर्ट विमान सी-295 भारतीय वायुसेना को सितंबर 2026 में मिलेगा। ये विमान इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से सुसज्जित होंगे। नई पीढ़ी का यह एक सामरिक एयरलिफ्ट विमान है जो दिन और रात दोनों समय हर प्रकार की मौसम स्थितियों में अपने उड़ान मिशन को हासिल करने में सक्षम है। पढ़ें क्या है इस विमान की खासियत।

संजय मिश्र, नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना को अपनी जरूरतों के अनुकूल सभी इलेक्ट्रॉनिक वॉर फेयर से सुसज्जित देश में तैयार पहला अत्याधुनिक ट्रांसपोर्ट विमान सी-295 सितंबर 2026 में मिलेगा। दुनिया की दिग्गज एविशेएन कंपनी एयर बस के साथ 56 विमानों के इस बड़े खरीद सौदे में 40 विमान टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसल) के साथ संयुक्त साझेदारी में भारत में ही तैयार (असेंबल) किए जाएंगे।

वायुसेना को हालांकि इस सौदे के तहत स्वदेश में तैयार किए जाने वाले सभी 40 परिहवन विमानों की आपूर्ति अगस्त 2031 तक ही हो पाएगी। वायुसेना के लिए देश में ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉप्ट के निर्माण की देश में अपनी तरह के पहले संयुक्त सुविधा संयंत्र की वडोदरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा स्पेन के पीएम पेड्रो सांचेज सोमवार को वडोदरा में शुरूआत करेंगे।

मेक इन इंडिया का बड़ा शो-केस

टाटा एयरोस्पेस एंड डिफेंस सिस्टम की रणनीतिक इकाई टीएएसएल तथा एयरबस की यह फाइनल असेंबली लाइन (एफएएल) मेक इन इंडिया का एक बड़ा शो-केस होगा। वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियों के नए दौर में सी 295 परिवहन विमान के निर्माण के लिए होने जा रही शुरूआत भारतीय वायुसेना की तत्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिहाज से ही नहीं बल्कि रक्षा विमानन निर्माण क्षेत्र में दीर्घकालिक सहयोग-साझेदारी के नए द्वार भी खोलेगी।

रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि यहां से वायुसेना को इन विमानों की आपूर्ति यहां से करीब दो साल बाद शुरू होगी और सितंबर 2026 में वायुसेना को देश में निर्मित पहला सी-295 एयरक्रॉफ्ट मिलेगा। सभी 56 विमान इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से सुसज्जित होंगे, जिसका निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। सभी 40 विमानों की आपूर्ति में करीब आठ साल का वक्त लगेगा और अगस्त 2031 तक इनकी डिलेवरी होगी।

56 विमानों का किया था सौदा

भारतीय वायुसेना ने एयरबस के साथ 56 विमानों की खरीद के लिए करीब 22000 करोड़ रुपए का सौदा किया था। समझौते के तहत 16 विमान पूरी तरह तैयार स्थिति में स्पेन से लाए जाने हैं, जिसकी आपूर्ति सितंबर 2023 में शुरू हो गई थी। इन 16 विमानों में आखिरी विमान वायुसेना को अगस्त 2025 तक मिल जाएगा। इन विमानों के संचालन के लिहाज से वायुसेना ने अपने आगरा स्टेशन पर एक पूर्ण मिशन सिम्युलेटर भी स्थापित किया है।
सी-295 एक बहुमुखी नई पीढ़ी का सामरिक एयरलिफ्ट विमान है, जो दिन और रात दोनों समय हर प्रकार की मौसम स्थितियों में अपने उड़ान मिशन को हासिल करने में सक्षम है। सैनिकों के परिवहन से लेकर संकट मिशनों के संचालन तक इसे बहुआयामी भूमिकाओं के लिए डिजाइन किया गया है। खासियत है कि यह छोटी और कम विकसित विकसित हवाई पट्टियों पर भी उड़ान भरने में सक्षम है, जो वायुसेना के रणनीतिक लाभ देगा।

748 एवरो की जगह लाया गया है विमान

सी-295 को भारतीय वायुसेना में एचएस 748 एवरो एसी की जगह लाया गया है, जिसे 1960 के दशक में वायुसेना में शामिल किया गया था। नई पीढ़ी के इस परिवहन विमान का उपयोग विशेष रूप से एयरलिफ्ट ऑपरेशन के लिए किया जाता है। विमान में आधुनिक तकनीक और एवियोनिक्स है और भारी वहन क्षमता के साथ अपनी श्रेणी में यह संभवत: सबसे बेहतर माना जाता है।



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