मध्य एशिया के किर्गिजस्तान तुर्केमेनिस्तान उज्बेकिस्तान ताजिकिस्तान और कजाखस्तान के विदेश मंत्री भारत आ रहे हैं। 6 जून को नई दिल्ली में भारत और मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक होगी। बैठक में आर्थिक सहयोग ऊर्जा कनेक्टिविटी और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर बात होगी। विदेश मंत्री पीएम मोदी से भी मिलेंगे और चाबहार पोर्ट पर भी चर्चा होगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मध्य एशिया के पांच प्रमुख देशों किर्गिजस्तान, तुर्केमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और कजाखस्तान के विदेश मंत्री भारत पहुंच रहे हैं। भारत और मध्य एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक छह जून को नई दिल्ली में होने वाली है।
इन देशों का समर्थन हासिल करेगा भारत
- भारत ने उक्त पांच देशों के साथ अलग से कूटनीतिक विमर्श का दौर वर्ष 2019 में ही शुरु किया है और विगत दो वर्षों में कई मुद्दों पर सहयोग की सहमति बनी है। आतंकवाद के मुद्दे पर भी भारत इन देशों का समर्थन हासिल करने की कोशिश करेगा। वैसे इन देशों के साथ भारत पहले ही आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को लेकर विमर्श करता रहा है।
- लेकिन पहलगाम हमले के बाद इन देशों की तरफ से आतंकवाद के खिलाफ भारतीय पक्ष के समर्थन की खास अहमियत होगी। खास तौर पर तब जब मध्य एशिया का एक अन्य देश अजरबैजान भारत का साथ न देकर पाकिस्तान के साथ खड़ा है।
- अजरबैजान ने तकरीबन पांच वर्ष पहले ही यह संकेत दे दिया था कि वह पाकिस्तान के साथ अपना हित देखता है। यह भी एक कारण है कि भारत ने मध्य एशिया के उक्त इस्लामिक देशों के साथ अपने संबंधों को नई गहराई देने का फैसला किया था। उक्त सभी देश पूर्व सोवियत गणराज्य का हिस्सा थे, जो वर्ष 1992 में एक स्वतंत्र देश के तौर पर स्थापित हुए हैं।
पांचों देशों के विदेश मंत्री पीएम से करेंगे मुलाकात
विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि भारत-मध्य एशिया वार्ता के बाद पांचों मेहमान देशो के विदेश मंत्री पीएम नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। चाबहार पोर्ट के निर्माण व इस्तेमाल को लेकर भी महत्वपूर्ण चर्चा होगी।