रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा की है कि भारत फ्रांसीसी कंपनी सफ्रान के साथ मिलकर पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के इंजन का निर्माण करेगा। यह मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने विदेशी कंपनियों को भारत के रक्षा निर्माण क्षेत्र में निवेश करने के लिए भी आमंत्रित किया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारत फ्रांसीसी एयरोस्पेस दिग्गज कंपनी सफ्रान के साथ साझेदारी में पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के लिए इंजन बनाना शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि यह कदम भारत की स्वदेशी रक्षा और एयरोस्पेस क्षमताओं को मजबूत करने के प्रयासों में एक बड़ा कदम है।
एक प्रतिष्ठित अंग्रेजी दैनिक के कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “आज, हमने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के निर्माण की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाया है। अब हम फ्रांसीसी कंपनी सफ्रान के साथ मिलकर भारत में ही उनके इंजन बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”
विदेशी कंपनियों को किया आमंत्रित
राजनाथ सिंह ने वैश्विक कंपनियों को भारत के बढ़ते रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया और उन्हें सरकारी समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने विदेशी कंपनियों और निवेशकों से भारत के जीवंत रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र में निवेश करने की अपील की।
उन्होंने कहा, “हम सभी आवश्यक मंजूरियां प्रदान करेंगे और सहयोग प्रदान करेंगे।” ‘मेक इन इंडिया’ के पीछे के व्यापक दृष्टिकोण पर प्रकाश डालते हुए राजनाथ ने कहा कि “हमारी मेक इन इंडिया पहल केवल भारत तक ही सीमित नहीं है। जब आप भारत में निर्माण करते हैं, तो आप दुनिया के लिए निर्माण करते हैं।”
रक्षा मंत्रालय की घोषणा
यह घोषणा रक्षा मंत्रालय द्वारा उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान कार्यक्रम के कार्यान्वयन मॉडल को मंजूरी दिए जाने के कुछ ही महीनों बाद आई है। विगत एक दशक में लगभग 35 गुना बढ़ा रक्षा निर्यात रक्षा मंत्री ने बताया कि पिछले एक दशक में रक्षा निर्यात लगभग 35 गुना बढ़ा है और सरकार ने इस वर्ष रक्षा निर्यात में 30,000 करोड़ रुपये और 2029 तक 50,000 करोड़ रुपये हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
कितना बढ़ा घरेली उत्पादन
राजनाथ के अनुसार, भारत का रक्षा निर्यात 2013-14 में केवल 686 करोड़ रुपये था जो 2024-25 में बढ़कर 23,622 करोड़ रुपये हो गया। आज, रक्षा उत्पादों का निर्यात लगभग 100 देशों को किया जाता है। साथ ही, उन्होंने कहा कि घरेलू रक्षा उत्पादन तीन गुना से भी अधिक हो गया है। यह 2014 में 40,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है और चालू वित्त वर्ष में लगभग दो लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।