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‘भारत किसी को अपने फैसलों पर वीटो लगाने नहीं देगा’, Jaishankar बोले- विश्व के लिए जो सही होगा, बिना डरे करेंगे

Byadmin

Dec 22, 2024


EAM Jaishankar News मुंबई के एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा कि भारत अनिवार्य रूप से प्रगति करेगा लेकिन उसे अपनी भारतीयता को खोए बिना ऐसा करना होगा। विदेश मंत्री ने कहा कि जब भारत वैश्विक स्तर पर अधिक गहराई से जुड़ता है तो इसके परिणाम वास्तव में गहरे होते हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु घटनाओं से जूझ रही दुनिया भारत की विरासत से बहुत कुछ सीख सकती है।

पीटीआई, मुंबई। EAM Jaishankar News विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत कभी भी दूसरों को अपने फैसलों पर वीटो लगाने की अनुमति नहीं देगा और राष्ट्रीय हित और वैश्विक भलाई के लिए जो भी सही होगा, हम बिना डरे उसे करेंगे।

हमें खुद की विरासत पर गर्व करना होगा

शनिवार को मुंबई में एक समारोह के लिए एक वीडियो संदेश में जयशंकर ने कहा कि जब भारत वैश्विक स्तर पर अधिक गहराई से जुड़ता है तो इसके परिणाम वास्तव में गहरे होते हैं। 
विदेश मंत्री ने कहा कि तनावपूर्ण जीवन शैली या बार-बार होने वाली जलवायु घटनाओं से जूझ रही दुनिया भारत की विरासत से बहुत कुछ सीख सकती है, लेकिन दुनिया को तभी पता चलेगा जब देशवासी खुद इस पर गर्व करेंगे।

वीटो लगाने की अनुमति नहीं दे सकता भारत

जयशंकर ने आगे कहा कि भारत अनिवार्य रूप से प्रगति करेगा, लेकिन उसे अपनी भारतीयता को खोए बिना ऐसा करना होगा। तभी हम वास्तव में दुनिया में एक अग्रणी शक्ति के रूप में उभर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम अपने राष्ट्रीय हित और वैश्विक भलाई के लिए जो भी सही होगा वो बिना किसी डर के करेंगे। भारत कभी भी दूसरों को अपने विकल्पों पर वीटो लगाने की अनुमति नहीं दे सकता है।

अपनी विरासत और परंपराओं को समझना होगा

जयशंकर ने कहा, “बहुत लंबे समय से हमें प्रगति और आधुनिकता को अपनी विरासत और परंपराओं को न अपनाने के रूप में देखने के लिए सिखाया गया है।” उन्होंने कहा कि अब जब लोकतंत्र की गहराई ने और अधिक प्रामाणिक आवाज़ें उठाई हैं, तो देश खुद को फिर से खोज रहा है और अपना व्यक्तित्व फिर से पा रहा है। 

युवा पीढ़ी को विरासत के मूल्य समझने होंगे

जयशंकर ने कहा कि भारत एक असाधारण राष्ट्र है क्योंकि यह एक सभ्यता वाला देश है। उन्होंने कहा कि ऐसा देश तभी प्रभाव डालेगा जब वह वैश्विक क्षेत्र में अपनी सांस्कृतिक शक्तियों का पूरा लाभ उठाएगा। उन्होंने कहा, “इसके लिए यह आवश्यक है कि हम स्वयं, युवा पीढ़ी, अपनी विरासत के मूल्य और महत्व से पूरी तरह अवगत हों।
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि वैश्विक मंच पर इसने खुद को एक स्वतंत्र शक्ति के रूप में स्थापित किया है, लेकिन वैश्विक भलाई, विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। जयशंकर ने कहा, “हालांकि, लंबे समय से हमारे लिए जो बाधाएं और सीमाएं बनी हुई हैं, वे अभी भी बरकरार हैं। ऐसे दृष्टिकोण और विचारधाराएं हैं जो अधिक निराशावादी हैं और यहां तक ​​कि हमें नीचा दिखाने वाली हैं।”

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