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भारत के लिए बड़ी खुशखबरी, अंडमान के समंदर में मिला कच्चे तेल का भंडार! खत्म होगी दूसरे देशों पर निर्भरता

Byadmin

Jun 16, 2025


केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि अंडमान के समंदर में कच्चे तेल और गैस का बड़ा भंडार मिला है। यह भंडार गुयाना में मिले तेल भंडार जितना हो सकता है। इस भंडार के रिसर्च और निकालने के तरीकों पर काम चल रहा है। भारत अपनी जरूरत का 85-86% कच्चा तेल आयात करता है।

एएनआई, नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया है कि अंडमान के समंदर में कच्चे तेल और गैस का बड़ा भंडार दिखा है। उनका अनुमान है कि यह पेट्रोलियम भंडार हाल ही में गुयाना में मिले कच्चे तेल के रिजर्व जितना ही लग रहा है।

फिलहाल इस भंडार के रिसर्च और इसे निकालने के तरीकों पर काम जारी है और अगर यह मिल जाता है तो अर्थव्यवस्था को लंबी अवधि में काफी फायदा होगा।

भारत के लिए कच्चे तेल का भंडार काफी जरूरी

भारत के लिए कच्चे तेल का यह भंडार कितना मायने रखता है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि अभी हम अपनी जरूरत का 85 से 86 प्रतिशत कच्चा तेल दूसरे देशों से मंगाते हैं। भारत फिलहाल 42 देशों से कच्चा तेल खरीदता है, लेकिन ईरान और इजरायल में जारी युद्ध का असर इस पर पड़ सकता है।

अंडामान में कितने कच्चे तेल के भंडारन के मिलने की संभावना

भारत कुल खरीद का करीब 46 प्रतिशत तेल पश्चिम एशिया से मंगाता है और दोनों देशों के बीच जारी तनाव से यहां तेल महंगा होने की आशंका है। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, अंडमान के समंदर में मिला यह तरल सोना हाल ही में गुयाना में पाए गए भंडार जितना ही लग रहा है। गुयाना में हाल में ही 11.6 अरब बैरल तेल एवं गैस का भंडार मिला है, जिसे चीन की कंपनी के साथ मिलकर खोजा गया। इस भंडार के बाद गुयाना कच्चे तेल के उत्पादन में शीर्ष पर पहुंच सकता है। अभी वह 17वें पायदान पर है।

भारत का तेल भंडार भी लगभग 12 अरब बैरल का है

खास बात यह है कि गुयाना ने 46 कुएं खोदे और उन्हें कोई तेल नहीं मिला। जब उन्होंने 47वां कुआं खोदा, तो उन्हें तेल मिला और फिर यह सबसे बड़ी खोज बन गई। माना जा रहा कि भारत का तेल भंडार भी लगभग 12 अरब बैरल का है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अगर यह तेल भंडार हमारे अनुमान के मुताबिक है और इसे निकाला जा सका तो न सिर्फ भारत की ऊर्जा जरूरतें एक झटके में पूरी हो जाएंगी, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।

खास बात यह है कि गुयाना ने 46 कुएं खोदे और उन्हें कोई तेल नहीं मिला। जब उन्होंने 47वां कुआं खोदा, तो उन्हें तेल मिला और फिर यह सबसे बड़ी खोज बन गई। माना जा रहा कि भारत का तेल भंडार भी लगभग 12 अरब बैरल का है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अगर यह तेल भंडार हमारे अनुमान के मुताबिक है और इसे निकाला जा सका तो न सिर्फ भारत की ऊर्जा जरूरतें एक झटके में पूरी हो जाएंगी, बल्कि अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
मंत्री ने यह भी कहा कि भारत के पास अंडमान में गुयाना की तरह कई तेल और गैस भंडार मिल सकते हैं। उन्होंने कुछ कुओं में हुई खोदाई और वहां मिलने तेल और गैस भंडार के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सूर्यमणि नामक एक कुएं से 40 लाख टन तेल की क्षमता पाई गई। नीलमणि कुएं 12 लाख टन तेल की क्षमता पाई है। वहीं एक अन्य कुएं से 2,865 मीटर की गहराई पर तेल और गैस दोनों के भंडार पाए गए। उन्होंने बताया कि कई कुओं से तेल मिला और अब इसका आकलन किया जा रहा है।

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