Pinaka Rocket Launcher एक समय पर भारत हथियारों के लिए केवल आयात पर निर्भर था लेकिन अब हालात तेजी से बदल रहे हैं और भारत हथियार निर्यातक देश के रूप में पहचान बनाने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। फ्रांस ने भारत में विकसित किए गए पिनाक रॉकेट सिस्टम को खरीदने में रुचि दिखाई है। अर्मेनिया पहले ही इसे खरीदने के लिए ऑर्डर दे चुका है।
एएनआई, नई दिल्ली। कभी हथियारों के लिए विदेश पर निर्भर रहने वाला भारत अब हथियारों के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक फ्रांस को पिनाक रॉकेट सिस्टम बेचने वाला है। फ्रांस पिनाक रॉकेट सिस्टम खरीदने के लिए लालायित है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान या रक्षा क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता का इससे बेहतर उदाहरण शायद ही मिले। पिनाक को भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है। पिनाक रॉकेट सिस्टम का नाम भगवान शिव के धनुष के नाम पर रखा गया है।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा है भारत
भारत रक्षा क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर हो रहा है। भारत जिन देशों से पहले हथियार और रक्षा उपकरण खरीदता रहा है, अब वे देश भारत से रक्षा उपकरण खरीदने को आतुर दिखते हैं। इससे पहले भारत फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का निर्यात कर चुका है। ब्रह्मोस का विकास भारत और रूस ने मिलकर किया है।
‘उच्च तकनीक साझा कर रहे हैं दोनों देश’
75 किलोमीटर से अधिक दूरी का लक्ष्य मार गिराने में सक्षम
पिनाक रॉकेट सिस्टम 75 किलोमीटर से भी अधिक दूरी तक लक्ष्य को भेद सकती है। भारत पहले से ही इसका निर्यात कर रहा है। आर्मेनिया ने इसके लिए ऑर्डर दिया है। कई अन्य देश भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं। इस वर्ष की शुरुआत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान की उच्च स्तरीय यात्रा के दौरान फ्रांसीसी पक्ष के साथ इस रॉकेट सिस्टम पर चर्चा हुई थी। पिनाक का विकास डीआरडीओ ने सोलार इंडस्ट्रीज, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा जैसी कंपनियों और आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के साथ मिलकर किया है।
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