पल-पल बदलता रोमांच. ओवल टेस्ट में कभी बाज़ी इंग्लैंड के हाथ लगती दिख रही थी तो कभी भारत के हाथ. तभी मोहम्मद सिराज ने ख़तरनाक दिख रहे गस एटकिंसन के डंडे बिखेर दिए और मैच भारत के नाम कर दिया.
इस मैच के रोमांच ने दिखा दिया कि क्यों क्रिकेट विशेषज्ञ टेस्ट क्रिकेट को ‘असली क्रिकेट’ कहते हैं.
374 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की टीम ओवल टेस्ट के आख़िरी दिन 367 रन बनाकर आउट हो गई.
मोहम्मद सिराज जो मैच के चौथे दिन हैरी ब्रुक का कैच पकड़ने के बाद बाउंड्री लाइन के पार चले गए थे और इस बात के लिए कुछ भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के निशाने पर थे, उन्हीं सिराज ने ज़ोरदार बॉलिंग करते हुए आज बचे हुए चार में से तीन विकेट लेकर भारत की जीत पक्की कर दी. उन्होंने इस पारी में कुल पांच विकेट और मैच में 9 विकेट लिए और मैन ऑफ़ द मैच का ख़िताब पाया.
प्रसिद्ध कृष्णा ने भी सिराज का साथ बख़ूबी निभाया और दोनों पारियों में चार-चार विकेट लिए.
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इमेज कैप्शन, मोहम्मद सिराज ने ओवल टेस्ट में कुल 9 विकेट हासिल किए
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इमेज कैप्शन, शतक बनाने के बाद खुशी मनाते यशस्वी जायसवाल.
भारत ने पहली पारी में 224 रन बनाए थे. इसके बाद इंग्लैंड भी पहली पारी में 247 रन ही बना सका था. इंग्लैंड को पहली पारी में अधिक बढ़त नहीं लेने देने का श्रेय मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा की जोड़ी को जाता है. दोनों गेंदबाज़ों ने चार-चार अंग्रेज़ बल्लेबाज़ों को पैवेलियन की राह दिखाई.
इसके बाद दूसरी पारी में सलामी बल्लेबाज़ यशस्वी जायसवाल की 118 रनों की शतकीय पारी और आकाशदीप, रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर के अर्धशतकों की बदौलत भारत ने 396 रन बनाए.
इस तरह भारत ने इंग्लैंड को जीत के लिए 374 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य दिया.
भारत ने दूसरी पारी में इंग्लैंड के तीन बल्लेबाज़ों को 106 रनों पर पैवेलियन लौटा दिया था. मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने शुरुआती विकेट लिए, जिसमें सिराज ने ज़ैक क्रॉली और ओली पोप को पैवेलियन भेजा.
लेकिन इसके बाद जो रूट और हैरी ब्रूक ने भारतीय गेंदबाज़ों को विकेट के लिए तरसा दिया.
हैरी ब्रुक का ‘कैच’ बन सकता था टर्निंग प्वाइंट?
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दरअसल, 374 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही इंग्लिश टीम मैच के चौथे दिन लंच से पहले तीन विकेट गंवा चुकी थी. जो रूट और हैरी ब्रुक क्रीज पर थे.
स्कोर जब तीन विकेट पर 137 रन पर पहुँचा तभी प्रसिद्ध कृष्णा पारी का 34वां ओवर फेंकने आए.
प्रसिद्ध कृष्णा ने पहली बॉल शॉर्ट फेंकी, जिस पर हैरी ब्रुक ने पुल शॉट खेला और गेंद हवा में डीप फाइन लेग की तरफ पहुँची. वहां मोहम्मद सिराज खड़े थे. सिरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले सिराज ने गेंद को आसानी से लपक भी लिया. कैच पूरी तरह संतुलन में था और पेसर कृष्णा ने तो विकेट का जश्न भी मनाना शुरू कर दिया था.
लेकिन तभी सिराज से ये ग़लती हो गई कि कैच लेने के बाद उनका ध्यान पीछे बाउंड्री रोप पर नहीं गया, वो ये जज करने में नाकाम रहे कि बाउंड्री से कितनी दूर हैं. यही कारण रहा कि उनका पैर सीमारेखा से टकरा गया.
इसका मतलब ये कि हैरी ब्रुक न सिर्फ आउट होने से बच गए, बल्कि उनके और टीम के खाते में छह रन भी जुड़ गए.
हैरी ब्रुक को ये जीवनदान 19 रन के निजी स्कोर पर मिला था.
इंग्लैंड ने लंच और टी ब्रेक के बीच 153 रन जोड़े. हैरी ब्रुक ख़ासे आक्रामक रहे और उन्होंने 91 गेंदों पर शतक पूरा किया. ब्रुक और जो रूट के बीच चौथे विकेट के लिए 195 रनों की साझेदारी हुई.
हैरी ब्रुक ने 111 और जो रूट ने 105 रन बनाए.
गिल और ब्रुक बने प्लेयर ऑफ़ द सिरीज़
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भारतीय कप्तान शुभमन गिल और इंग्लैंड के हैरी ब्रुक को प्लेयर ऑफ़ द सिरीज़ घोषित किया गया.
शुभमन गिल इस सिरीज़ में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. उन्होंने 75.40 के औसत से पांच टेस्ट की 10 पारियों में 754 रन बनाए. वो एक सिरीज़ में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज़ बनने से महज़ 20 रनों से चूक गए. ये रिकॉर्ड सुनील गावस्कर के नाम पर है. उन्होंने वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ 1971 में खेली गई सिरीज़ में चार टेस्ट की आठ पारियों में 154. 80 के औसत से 774 रन बनाए थे.
वहीं हैरी ब्रुक ने सिरीज़ में 53.44 के औसत से 481 रन बनाए.
वहीं, सिरीज़ में सबसे ज़्यादा 23 विकेट मोहम्मद सिराज ने लिए. इंग्लैंड के जोश टंग ने 19 विकेट लिए.
रोमांचक सिरीज़
लीड्स में खेला गया पहला मैच मेज़बान इंग्लैंड ने पांच विकेट से जीता था तो वहीं बर्मिंघम में खेले गए दूसरे टेस्ट में भारत ने शानदार वापसी की और 336 रन से मैच जीतकर सिरीज़ 1-1 से बराबर कर दी.
लॉर्ड्स में खेला गया तीसरा टेस्ट बहुत रोमांचक रहा और इंग्लैंड ने ये 22 रन से जीता तो वहीं मैनचेस्टर में खेला गया चौथा टेस्ट ड्रॉ रहा.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित