वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद वित्त वर्ष 2025-26 में भारत अधिक निर्यात करेगा। अमेरिका द्वारा शुल्क लगाने से निर्यात में गिरावट की आशंका है। पिछले वित्त वर्ष में भारत का कुल निर्यात 821 अरब डॉलर था जिसमें वस्तु और सेवा निर्यात शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रहित में समझौता न करने की बात कही है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि तमाम चुनौतियों के बावजूद चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भारत पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की तुलना में अधिक निर्यात करेगा।
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका की तरफ से भारत पर 50 प्रतिशत का शुल्क लगाने की वजह से भारतीय वस्तु निर्यात में 30 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट की आशंका जाहिर की जा रही है।
पिछले साल भारत ने अमेरिका में 88 अरब डॉलर का निर्यात किया
पिछले वित्त वर्ष में भारत का कुल निर्यात 821 अरब डॉलर का था। इनमें 437.42 अरब डॉलर का वस्तु निर्यात तो 383.51 अरब डॉलर का सेवा निर्यात शामिल है। पिछले वित्त वर्ष में भारत ने अमेरिका में 88 अरब डॉलर का निर्यात किया था।
शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में पीयूष गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह साफ कह दिया है कि हम किसान, डेरी और मछली पालकों के हित और राष्ट्र हित में कोई समझौता नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि व्यापार में वैश्विक परि²श्य बदलता रहता है। कई नए देश इस परिदृश्य में प्रवेश लेते हैं तो कई पुराने बाहर हो जाते हैं। यह भारत का समय है। गोयल ने अमेरिका के रवैये पर कहा कि हम आपदा में अवसर तलाशने वाले लोग है। देश का मनोबल ऊंचा है और यह झुकने वाला नहीं है।
उन्होंने वर्ष 1999 में सदी के बदलाव की वजह से कंप्यूटर में आने वाली चुनौती और कोरोना काल का उदाहरण देते हुए कहा कि 1999 नई टेलीकाम नीति लाई गई और चुनौतियों से निपटने के आईटी उद्योग में इतना काम हुआ कि भारत का यह उद्योग उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा।
वैसे ही कोरोना काल में विकसित देश वैक्सीन आपस में ही बांट रहे थे। भारत ने खुद वैक्सीन का निर्माण किया और देश की जनता के साथ गरीब देशों को भी मुफ्त में वैक्सीन दी गई। कोरोना काल के आपदा को भी हमने अवसर में बदल दिया। कोई भी अग्नि परीक्षा होगी तो भारत उसमें खरा उतरेगा।
पीयूष गोयल, वाणिज्य व उद्योग मंत्री
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से भारतीय अर्थव्यवस्था को मृत करार देने और फिर विपक्ष के नेता राहुल गांधी की तरफ से ट्रंप के बयान को समर्थन देने पर गोयल ने कहा कि यह काफी दुखद है। अभी पूरी दुनिया भारत की तरफ नई उम्मीद से देख रही है। हम सबसे तेज गति से विकास करने वाले देश है जिसे दुनिया मान्यता दे रही है। हर साल सबसे अधिक भारत के युवा विज्ञान, टेक्नोलाजी, अंग्रेजी और गणित (स्टेम) में ग्रेजुएट हो रहे हैं। इन सबके बावजूद कोई नासमझ बयान देता है तो उस पर क्या कहा जा सकता है।
सर्विस सेक्टर से भारतीय निर्यात को मिल सकता है बूस्ट
विदेश व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि भारत के सेवा निर्यात में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है और चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भी यह सिलसिला जारी रहेगा।
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का सेवा निर्यात 341 अरब डॉलर का था जो गत वित्त वर्ष 2024-25 में 385 अरब डॉलर का हो गया। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भी सेवा निर्यात में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 10 प्रतिशत का इजाफा रहा।
इस साल अप्रैल-जून में सेवा निर्यात 98 अरब डॉलर का रहा जबकि पिछले साल अप्रैल-जून में 88 अरब डॉलर का सेवा निर्यात किया गया था।
ब्रिटेन ट्रेड डील से निर्यात में तेजी आएगी
जानकारों का कहना है कि सेवा निर्यात में सबसे अधिक हिस्सेदारी आईटी सेक्टर की है, लेकिन धीरे-धीरे वित्तीय सेक्टर, परामर्श व पर्यटन सेक्टर की हिस्सेदारी बढ़ रही है। ब्रिटेन के साथ किए गए व्यापार समझौता के अमल में आने पर सेवा निर्यात और तेजी से बढ़ेगा।
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट (आईसीएआई) के अध्यक्ष चरनजोत सिंह नंदा के मुताबिक ब्रिटेन व अन्य देशों में वित्तीय सेवा देने के लिए आईसीएआई कई कोर्स आयोजित कर रहा है। आने वाले समय में इस सेक्टर में भारतीय प्रोफेशनल्स की बड़ी मांग निकलने वाली है। खाड़ी के देशों में बुक किपिंग व अन्य वित्तीय सेवा देने वालों की पहले से भारी मांग चल रही है।