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अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार ने तुर्की में बातचीत फेल होने के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया है और कहा कि इस्तांबुल वार्ता में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान की सुरक्षा की सारी ज़िम्मेदारी अफ़ग़ानिस्तान पर डालने की कोशिश की.
अफ़ग़ान तालिबान सरकार के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, “इस्लामिक अमीरात के अच्छे इरादों और मध्यस्थों के सभी प्रयासों के बावजूद, पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के गैर-ज़िम्मेदाराना व्यवहार के कारण यह बातचीत किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी.”
ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, “किसी को भी किसी अन्य देश के ख़िलाफ़ अफ़ग़ानिस्तान के क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, न ही किसी देश को अपने क्षेत्र से अफ़ग़ानिस्तान की राष्ट्रीय संप्रभुता, स्वतंत्रता और सुरक्षा के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने या समर्थन करने की अनुमति दी जाएगी.”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी पक्ष ने बातचीत के दौरान अपने देश की सुरक्षा से संबंधित सभी ज़िम्मेदारियां अफ़ग़ान सरकार पर डालने की कोशिश की, जबकि अपनी ओर से उसने अफ़ग़ानिस्तान की सुरक्षा या अपने देश की शांति के लिए कोई ज़िम्मेदारी स्वीकार करने की इच्छा नहीं दिखाई.
ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, “पाकिस्तान के लोग अफ़ग़ान लोगों के भाई हैं. अफ़ग़ानिस्तान उनकी भलाई और शांति के लिए प्रार्थना करता है और अपनी ज़िम्मेदारियों और क्षमताओं के मुताबिक़ उनके साथ सहयोग करना जारी रखेगा.”
उन्होंने कहा कि अफ़ग़ान लोगों की रक्षा करना अफ़ग़ान तालिबान की क़ानूनी और राष्ट्रीय ज़िम्मेदारी है. किसी भी तरह की आक्रामकता का पूरी ताक़त से जवाब दिया जाएगा.