कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज CCPA बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इससे पहले सुरक्षा समिति की बैठक में पाकिस्तान पर गैर-सैन्य प्रतिबंध लगाए गए। अब चर्चा है कि सरकार सैन्य जवाब पर विचार कर रही है। यह बैठक पुलवामा हमले के बाद हुई CCPA बैठक की याद दिला रही है जब भारत ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कैबिनेट की सबसे अहम समिति राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
यह समिति अक्सर “सुपर कैबिनेट” के नाम से भी जानी जाती है। इसके साथ ही पीएम मोदी एक बार फिर सीसीएस की बैठक भी आज यानी बुधवार को करेंगे। यह बैठक ऐसे वक्त पर हो रही है जब कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए पर्यटकों की दर्दनाक हत्या के बाद सुरक्षा हालात को लेकर लगातार उच्च-स्तरीय बैठकें हो रही हैं।
इससे पहले कैबिनेट की सुरक्षा समिति (CCS) की बैठक हुई थी और अगली बैठक बुधवार को प्रस्तावित है। उस बैठक के बाद सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई गैर-सैन्य कदमों की घोषणा की थी, जिनमें सिंधु जल संधि पर रोक, अटारी बॉर्डर बंद करना और वीजा रद्द करना शामिल हैं।
सैन्य कार्रवाई के लिए खुली छूट, अब CCPA बैठक से उम्मीदें
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के साथ एक अहम बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सेना को “कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय तय करने की पूरी आज़ादी” दे दी है। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक के बाद CCPA की आज की मीटिंग को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
गौरतलब है कि 2019 में पुलवामा हमले के बाद भी CCPA की बैठक हुई थी, जिसमें पाकिस्तान को दिया गया “मोस्ट फेवर्ड नेशन” (MFN) का दर्जा वापस लेने का फैसला किया गया था। इसके बाद 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी।
CCPA की भूमिका क्या होती है?
यह समिति उन आर्थिक नीतियों और आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी बातों पर भी विचार करती है जिनका सीधा राजनीतिक असर होता है। इसके अलावा मंत्रालयों के बीच तालमेल बनाने और विदेश नीति से जुड़े मुद्दों पर भी CCPA विचार करती है, खासकर जब उनका देश की राजनीति पर असर हो सकता है।
CCPA में कौन-कौन हैं शामिल?
इस समिति के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू, एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी, शिपिंग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी शामिल हैं। इसके अलावा सहयोगी दलों के कुछ कैबिनेट मंत्रियों को भी इस समिति में जगह दी गई है।
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