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इंग्लैंड की गर्मी एक ही वक्त में आकर्षक भी हो सकती है और क्रूर भी, खासकर मेहमान क्रिकेट टीमों के लिए.
इसी मौसम में मामूली दिखने वाली लाल गेंद, बल्लेबाज़ पर फुफकारते हुए कोबरे की तरह हमला करती है.
जो टीम इस लाल गेंद पर नियंत्रण पा लेती है, वही सिरीज़ जीतती है.
टेस्ट क्रिकेट में जीत उसी टीम की होती है जिसके पास नियमित रूप से 20 विकेट चटकाने वाला गेंदबाज़ी आक्रमण होता है.
क्या डेब्यू कर रहे कप्तान शुभमन गिल के गेंदबाज़ हर टेस्ट में इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी को दो बार समेट पाएंगे?
20 जून से हेडिंग्ले में शुरू हो रही पांच टेस्ट मैचों की सिरीज़ का यही सबसे बड़ा सवाल है.
बीबीसी हिंदी ने इस चुनौती पर भारत के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ ईशांत शर्मा से बातचीत की, जिन्होंने 2014 में लॉर्ड्स में 7 विकेट लेकर इंग्लैंड की मज़बूत बल्लेबाज़ी को तहस-नहस कर दिया था और भारत को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई थी.
ईशांत का मानना है कि अगर भारतीय बल्लेबाज़ हर पारी में कम से कम 250 रन बना सकें, तो मौजूदा गेंदबाज़ी आक्रमण भारत को यह टेस्ट सिरीज़ जिताने की पूरी क्षमता रखता है.
हेडिंग्ले टेस्ट में भारत किन तीन तेज़ गेंदबाज़ों को उतारे?
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मैं कोई चयनकर्ता नहीं हूं, लेकिन अगर मेरी राय पूछी जाए तो मैं जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा को चुनूंगा.
बुमराह और सिराज के बारे में कुछ बताने की ज़रूरत नहीं है, दोनों चैंपियन गेंदबाज़ हैं.
तीसरे तेज़ गेंदबाज़ के तौर पर मैं प्रसिद्ध को चुनूंगा क्योंकि इंग्लैंड की परिस्थितियों में आपको ऐसे गेंदबाज़ की ज़रूरत होती है, जिसे पिच पर उछाल मिलती हो.
इसके अलावा, उन्होंने हाल ही में ख़त्म हुए आईपीएल में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 25 विकेट लिए हैं. इससे उनका आत्मविश्वास ज़रूर बढ़ा होगा.
मुझे लगता है कि अब वह रेड-बॉल क्रिकेट खेलने के लिए तैयार हैं. वह अब पहले से ज़्यादा अनुभवी और फिट हैं.
क्या आपको प्रसिद्ध कृष्णा की गेंदबाज़ी में कोई बदलाव नज़र आता है?
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वह हमेशा से अच्छे गेंदबाज़ रहे हैं. फ़र्क बस इतना है कि अब वह अपनी लेंथ को बेहतर ढंग से समझते हैं.
गुजरात टाइटंस के कोच आशीष नेहरा के साथ काम करना उनके लिए वरदान साबित हुआ.
नेहरा ने उन्हें सलाह दी कि वह थोड़ा फुलर लेंथ की गेंदबाज़ी करें क्योंकि उनकी नैचुरल लेंथ थोड़ी छोटी थी.
मैंने भी उन्हें यही कहा था कि फुलर लेंथ डालो और सीम को हिट करने की कोशिश करो.
अगर गेंद सीम पर गिरेगी तो दोनों ओर मूव कर सकती है. और तब कुछ न कुछ ज़रूर होगा.
क्या इंग्लैंड सिरीज़ में प्रसिद्ध कृष्णा के लिए आप कोई ख़ास लेंथ सुझाएंगे?
मुझे नहीं लगता कि उन्हें नई गेंद से गेंदबाज़ी करने का मौका मिलेगा. वह शायद फर्स्ट-चेंज के तौर पर आएंगे.
अगर वह 10 ओवर के बाद गेंदबाज़ी शुरू करते हैं, तो शुरुआत में उन्हें चार मीटर की लेंथ रखनी चाहिए और बाद में इसे पाँच मीटर की लेंथ के बॉल से मिक्स करना चाहिए.
इंग्लैंड में पिच से ज़्यादा अहमियत मौसम की होती है.
अगर आसमान बादलों से ढका हो तो मैं कहूंगा कि उन्हें और बाकी गेंदबाज़ों को तीन मीटर की लेंथ भी आज़मानी चाहिए और अपनी स्ट्रेंथ के हिसाब से गेंदबाज़ी करनी चाहिए.
2014 में आपने लॉर्ड्स टेस्ट में बाउंसर का बेहतरीन इस्तेमाल किया था. क्या आप चाहेंगे कि भारतीय गेंदबाज़ भी इस बार वैसी ही रणनीति अपनाएं?
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बिल्कुल. बाउंसर को एक सरप्राइज़ हथियार की तरह इस्तेमाल करना चाहिए.
लेकिन ये सब मैच की स्थिति पर निर्भर करता है. अगर कोई बल्लेबाज़ फ्रंटफुट पर आराम से खेलने लग रहा हो, तो बाउंसर से उसे पीछे धकेला जा सकता है.
गेंदबाज़ों को दो-तीन बाउंसर छोटे अंतराल में फेंकने चाहिए. सिर्फ़ कंधे की ओर नहीं, बल्कि पसलियों की ओर भी.
लेकिन अगर हालात स्विंग और सीम के मुफ़ीद हैं, तो बाउंसर की ज़रूरत नहीं.
हां,अगर धूप है और पिच से मदद नहीं मिल रही, तब बाउंसर काफ़ी कारगर साबित हो सकता है.
बुमराह के वर्कलोड को किस तरह से मैनेज किया जा सकता है?
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यह शेड्यूल, एक मैच में बुमराह ने कितने ओवर फेंके और उनकी फिटनेस पर निर्भर करता है.
मैच में आप पहले से तय योजना नहीं बना सकते कि उन्हें सिर्फ़ चार ओवर का स्पेल कराओ और फिर आराम दो.
कई बार हालात ऐसे होते हैं जब उन्हें सात या नौ ओवर का स्पेल डालना पड़ सकता है.
मेरी राय में यह फ़ैसला बुमराह पर छोड़ देना चाहिए क्योंकि वह अपने शरीर को अच्छी तरह समझते हैं.
जब मैं उनके साथ खेला, तो महसूस किया कि वह बेहद समझदार गेंदबाज़ हैं.
2018 की ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सिरीज़ में हमने कभी उन्हें यह नहीं कहा कि किस लेंथ पर गेंदबाज़ी करनी है. यहां तक कि विराट कोहली ने भी उन्हें पूरी छूट दी थी.
उन्होंने चार टेस्ट में 21 विकेट लिए. इसीलिए उन्हें पूरी आज़ादी मिलनी चाहिए. मुझे यक़ीन है कि वह हमें यह टेस्ट सिरीज़ जिता सकते हैं.
आप बॉलिंग ऑलराउंडर के तौर पर किसे चुनेंगे?
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मैं शार्दुल ठाकुर को चुनूंगा. इंग्लैंड की परिस्थितियों में ज़्यादातर गेंदबाज़ी तेज़ गेंदबाज़ ही करेंगे.
अगर टीम रवींद्र जडेजा को चुनती है, तो शार्दुल को भी टीम में लिया जाना चाहिए. और अगर टीम कुलदीप यादव को खेलाती है, तो नितीश रेड्डी को लाना चाहिए.
अगर जडेजा खेलते हैं, तो आप चार मुख्य तेज़ गेंदबाज़ों के साथ जा सकते हैं क्योंकि जडेजा अच्छी बल्लेबाज़ी कर सकते हैं.
ऐसे में शार्दुल फिट बैठते हैं क्योंकि वह एक दिन में 15 ओवर डाल सकते हैं और इससे बुमराह को रिकवरी का समय मिलेगा.
शार्दुल उन खिलाड़ियों में हैं जो हमेशा टीम के लिए लड़ते हैं और कुछ अलग करने की कोशिश करते हैं.
गेंदबाज़ी के दौरान आप शुभमन गिल से कोई ख़ास रणनीति अपनाने की उम्मीद करते हैं?
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टेस्ट क्रिकेट में चीजों को सरल रखना चाहिए. उन्हें सिर्फ़ दो या ज़्यादा से ज़्यादा तीन लेंथ पर गेंदबाज़ी करानी चाहिए — चार मीटर,पाँच मीटर और बाउंसर.
अगर गेंद रिवर्स स्विंग हो रही है, तो वसीम अकरम और वकार यूनुस की तरह यॉर्कर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
भारत-इंग्लैंड सिरीज़ के लिए कोई भविष्यवाणी?
मैं कोई भविष्यवाणी नहीं करना चाहूंगा. हमारी बल्लेबाज़ी लाइनअप काफी युवा है.
अगर वे हर पारी में करीब 250 रन बना पाते हैं, तो मुझे लगता है हमारे गेंदबाज़ इतने अच्छे हैं कि सिरीज़ जिता सकते हैं.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित