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भाषा और परिसीमन विवाद के बीच पीएम ने दिया महाकुंभ की एकता का संदेश, कमियां निकालने वालों को आड़े हाथ लिया

Byadmin

Mar 18, 2025


Maha Kumbh News प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को प्रयागराज में महाकुंभ के सफल आयोजन की सराहना की। उन्होंने इसकी सफलता का श्रेय देश की जनता प्रशासन और श्रद्धालुओं को दिया। पीएम नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को भारत की बढ़ती राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बताया। पीएम ने उत्तर प्रदेश और प्रयागराज के लोगों के प्रति गहरा आभार भी व्यक्त किया।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। तमिलनाडु में हिंदी विरोध और परिसीमन के नाम पर उत्तर पर दक्षिण भारत के बीच खाई पाटने की कोशिशों के बीच प्रधानमंत्री ने नरेन्द्र मोदी ने महाकुंभ से निकली एकता की अमृत को पवित्र प्रसाद बताया।

प्रधानमंत्री ने महाकुंभ को राष्ट्रीय चेतना के जागरण का विराट स्वरूप बताते हुए कहा कि पूरे विश्व ने इसको देखा। प्रधानमंत्री ने महाकुंभ में कमियां निकालने वाले विपक्षी नेताओं को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि भारत की क्षमताओं पर आशंका जताने वालों को भी उचित जवाब मिल गया है।

एकजुटता का विराट प्रदर्शन भारत की बड़ी जीत

लोकसभा में महाकुंभ के आयोजन पर वक्तव्य देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी दुनिया में बिखराव की स्थितियों के दौर में एकजुटता के विराट प्रदर्शन को भारत की बड़ी ताकत बताया। उनके अनुसार देश के कोने-कोने से विभिन्न भाषाएं, बोलियां बोलने वाले लोगों के छोटे-बड़े का भेदभाव किए बिना एक साथ संगम में डुबकी लगाने से साफ है कि हमारे भीतर एकता का अद्भुत तत्व रचा-बसा है।

अनेकता में एकता को समृद्ध बनाना हमारा दायित्व

उन्होंने कहा कि अनेकता में एकता की भारत की विशिष्टता को और समृद्ध बनाने की हमारा दायित्व है। प्रयागराज महाकुंभ को प्रधानमंत्री मोदी ने जागरूक होते देश के लिए एक अहम पड़ाव बताया। भक्ति आंदोलन और विवेकानंद के शिकागो भाषण को उन्होंने ऐसा ही अहम पड़ाव बताया। उनके अनुसार भक्ति आंदोलन ने मध्यकाल में आध्यात्मिक चेतना उभारने का काम किया, वहीं विवेकानंद का शिकागो भाषण इस आध्यात्मिक चेतना का जयघोष था, जिसने भारतीयों के आत्मसम्मान को जगा दिया।

महाकुंभ में देश का प्रतिबिंब नजर आता है

इसी तरह से आजादी के आंदोलन के दौरान भी कई अहम पड़ाव देखने को मिले, जिनसे प्रेरणा पाकर भारत ने आजादी हासिल की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ भी ऐसा ही एक पड़ाव है, जिसमें जागरूक होते देश का प्रतिबिंब नजर आता है। महाकुंभ की सफलता का श्रेय जनभागीदारी को देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह जनता जर्नादन का, जनता जनार्दन के संकल्पों के लिए और जनता जनार्दन की श्रद्धा से प्रेरित महाकुंभ था।
उन्होंने कहा कि राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा को अगले 1000 वर्षों के लिए भारत को तैयार करने वाले अपने पुराने बयान का हवाला देते हुए कहा कि महाकुंभ के आयोजन ने इस विचार को दृढ़ किया है, जो देश की सामूहिक चेतना और देश के साम‌र्थ्य को बताती है।
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