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भोपाल में ड्रग्सकांड के आरोपी मछली परिवार पर बड़ा एक्शन, आलीशान कोठी पर चला प्रशासन का बुलडोजर

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Aug 21, 2025


भोपाल में ड्रग्स और दुष्कर्म के आरोपी मछली परिवार की आलीशान कोठी को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया। जांच का दायरा बढ़ने पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पुलिस जांच को अधूरा मानकर दोबारा हस्तक्षेप किया है। आयोग की टीम ने पीड़िताओं से मुलाकात की और पुलिस जांच में कमियों को उजागर किया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ड्रग्स और दुष्कर्म कांड के आरोपी मछली परिवार की हटाई खेड़ा स्थित आलीशान कोठी को प्रशासन और नगर निगम की टीम ने धारशायी दिया। नगर निगम की चार मशीनों के पंजों ने आरोपियों के घर को तोड़ दिया।

इस दौरान मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस, प्रशासन और नगर निगम के अधिकारी भी पहुंचे। इस आलीशान हवेली में कई कमरे बने हुए थे।

फरहान के आपराधिक नेटवर्क व आरोपितों के मछली से जुड़े तारों की फिर होगी जांच

भोपाल के टीआईटी कॉलेज में दुष्कर्म-ब्लैकमेलिंग कांड में अब जांच का दायरा और भी गहराने वाला है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पुलिस जांच को अधूरा और लापरवाह मानते हुए दूसरी बार हस्तक्षेप किया है। इसी सिलसिले में आयोग की टीम दोबारा भोपाल पहुंची है।

टीम ने बुधवार को पीड़िताओं से भी मुलाकात कर बात की। साथ ही अलग-अलग थानों में दर्ज प्रकरणों के जांच अधिकारियों और पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र से विस्तृत चर्चा कर बताया कि पहली जांच में कहां-कहां गंभीर कमियां रहीं और अब दोबारा किन बिंदुओं पर जांच होना है।

आयोग की टीम इससे पहले जून में भोपाल का दौरा कर चुकी थी, जिसमें क्लब-90 को इस पूरे कांड का अड्डा बताया गया था। बाद में उस क्लब को जमींदोज भी किया गया था। उधर एक जुलाई को आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें पुलिस की कार्रवाई को अपर्याप्त करार दिया गया था।

अवैध कारोबार से जुड़ा संगठित नेटवर्क

इसमें बताया गया था कि पुलिस ने आरोपित फरहान के आपराधिक नेटवर्क और उसके तारों की गहराई से जांच नहीं की। आयोग ने शंका जताई थी कि फरहान का भोपाल और आसपास के क्षेत्रों में अवैध कारोबार से जुड़ा एक संगठित नेटवर्क है। खासतौर पर मछली कारोबारी शारिक अहमद उर्फ शारिक मछली से संपर्क को लेकर पुलिस जांच या तो बेहद सतही तरीके से की गई या फिर नजरअंदाज कर दिया।

पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा की बात

रिपोर्ट में आयोग की टीम ने कॉलेज की एंटी रैगिंग सेल की जांच न होने की बात भी कही थी। साथ ही पीड़िताओं को आरोपितों के स्वजन से सुरक्षा व उन्हें पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने के लिए भी कहा था। इसके जो पीड़िताएं डर के कारण अपनी पढ़ाई छोड़ चुकी हैं, उन्हें दोबारा कॉलेज में प्रवेश दिलवाने के लिए कहा गया है।

पहले दिन पुलिस अधिकारियों से मुलाकात के बाद गुरुवार को दौरे के अंतिम दिन टीम पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों से मिल सकती है। साथ ही कॉलेज का दौरा कर सकती है।

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