डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले में जव्वाडु पहाड़ियों के पास एक प्राचीन शिव मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है। इस दौरान मंदिर के गर्भगृह के नीचे दबे एक मिट्टी के घड़े को मजदूरों निकाला। जब घड़े को खोलकर देखा तो उसमें 100 से अधिक प्राचीन सोने के सिक्के मिले हैं।
दरअसल, यह मंदिर कई सदियों पुराना माना जाता है, जो चोल राजा राजराजा चोलन तृतीय के शासनकाल का है। पुलिस ने बताया कि मंदिर के गर्भगृह की आंतरिक संरचना के चल रहे जीर्णोद्धार के दौरान छिपे हुए घड़े का पता चला है।
इसकी सूचना पुरातत्व विभाग को दी गई। मंदिर के गर्भगृह से निकले सिक्के का पता चलते ही मौके पर राजस्व विभाग और हिंदू धार्मिक एवं धर्मार्थ बंदोबस्ती (एचआर एंड सीई) विभाग के अधिकारी पहुंचे और सिक्के को कब्जे में ले लिया। घड़े में मिले सिक्कों की कुल संख्या 103 है।
राजराजा चोलन तृतीय के शासनकाल का मंदिर
समचार एजेंसी पीटीआई भाषा को मंदिर पोलूर पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह मंदिर सैकड़ों साल पुराना है और माना जाता है कि इसका निर्माण चोल सम्राट राजराजा चोलन तृतीय के शासनकाल में हुआ था। मंदिर में जीर्णोद्धार का कार्य चल रहा है। इसी दौरान यह ऐतिहासिक खोज सामने आई है।
चोल वंश के समय का बताया जा रहा है मंदिर पोलूर पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह मंदिर सैकड़ों साल पुराना है और माना जाता है कि इसका निर्माण चोल सम्राट राजराजा चोलन तृतीय के शासनकाल में हुआ था। मंदिर में चल रहा जीर्णोद्धार कार्य इसी दौरान यह ऐतिहासिक खोज सामने आई है।
पोलूर पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ‘सोमवार को निर्माण कार्य के दौरान मिट्टी के घड़े से लगभग 103 सोने के सिक्के मिले।’ उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग और हिंदू धार्मिक तथा धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के अधिकारियों को सूचित किया गया और उन्होंने सिक्कों को अपने अभिरक्षण में ले लिया। इस संबंध में पुलिस ने कोई मामला दर्ज नहीं किया है। सोने के सिक्कों के इतिहास का पता लगाया जाएगा।