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मणिपुर हिंसा: सिर में मारी गोली, आंख निकाली और पसलियां तोड़ीं; 3 साल के बच्चे से उग्रवादियों ने की हैवानियत

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Nov 25, 2024


पिछले एक साल से मणिपुर हिंसा की आग में झुलस रहा है। हाल ही में एक शिविर से छह लोगों को अगवा करने के बाद हत्या का मामला सामने आने के बाद राज्य में हिंसा की नई लहर देखने को मिली। कुकी उग्रवादियों ने तीन महिलाओं और तीन बच्चों की बेदर्दी से हत्या की। इसका खुलासा तीन शवों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ है।

पीटीआई, इंफाल। मणिपुर के जिरिबाम जिले में बच्चे के सिर में गोली मारी गई थी। कुकी उग्रवादियों ने तीन साल के बच्चे की आंख भी निकाल ली। दरिंदों ने पसलियां तोड़ दीं। पिछले हफ्ते मिले छह शवों में तीन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बर्बरता के साक्ष्य मिले हैं।

शवों के विभिन्न हिस्सों पर गोली लगने के कई निशान हैं। 11 नवंबर को उग्रवादी हमले के बाद से मैतेयी समुदाय की तीन महिलाओं और तीन बच्चों का पता नहीं चल पा रहा था। पिछले सप्ताह उनके शव जिरीबाम जिले में जिरी नदी और असम के कछार में पास की बराक नदी में पाए गए थे। शव मिलने के बाद हिंसा भड़क उठी थी।

बच्चे की दाहिनी आंख गायब

अधिकारियों ने रविवार को बताया कि तीन साल के बच्चे चिंगखेनगांबा सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि उसकी दाहिनी आंख गायब थी। उसके सिर में गोली के जख्म मिले। छाती में फ्रैक्चर और बांह और शरीर के अन्य हिस्सों पर भी घाव के निशान मिले। पोस्टमार्टम असम के कछार जिले के सिलचर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसएमसीएच) में किया गया।

मां को मारी चार गोलियां

रिपोर्ट में बताया गया है कि जब बच्चे का शव मिला वह सड़ने की स्थिति में था। गुवाहाटी स्थित फोरेंसिक विज्ञान निदेशालय से विसरा रिपोर्ट मिलने तक मौत के कारण का पता नहीं चल पाएगा। रिपोर्ट के अनुसार बच्चे की मां एल. हेतोनबी देवी को चार गोलियां मारी गईं।

अभी नहीं आई दो शवों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट

रिपोर्ट के अनुसार मौत के लगभग सात दिन बाद 18 नवंबर को शव एसएमसीएच लाया गया था। बच्चे की नानी रानी देवी को भी सिर में गोली मारी गई। उन्हें कुल पांच गोलियां लगीं। उनकी मृत्यु के कम से कम तीन से पांच दिन बाद 17 नवंबर को शव एसएमसीएच लाया गया। एक अन्य महिला और दो बच्चों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।

मणिपुर में अशांति के चलते ड्रग तस्करों ने तलाशा नया रास्ता

मणिपुर में डेढ़ साल से ज्यादा समय से जारी अशांति के चलते ड्रग तस्करों ने तस्करी का नया रास्ता तलाश लिया है। बंगाल पुलिस को अब राज्य में ड्रग्स की तस्करी के इस नए रूट और इसमें सक्रिय गिरोह का पता चला है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि पहले मणिपुर के रास्ते नशीली दवाओं की सबसे ज्यादा आवाजाही होती थी, जो ड्रग्स कारोबार का प्रमुख अड्डा था। मगर वहां अशांति के मद्देनजर अब वहां बड़े पैमाने पर चप्पे-चप्पे पर पुलिस की मौजूदगी है। तस्कर अपना काम नहीं कर पा रहे हैं, इस वजह से उन्होंने विकल्प के तौर पर नए रास्ते की तलाश की है।

इन राज्यों से बंगाल पहुंच रही नशे की खेप

अब तस्कर मादक पदार्थों की खेप राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से बंगाल पहुंचा रहे हैं। हाल में बंगाल पुलिस की एसटीएफ ने नदिया जिले के कालियागंज से दो ड्रग्स डीलरों हनीफ शेख और मोहम्मद इमरान को करीब 25 लाख रुपये मूल्य के 250 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ गिरफ्तार किया था। खुफिया सूत्रों का दावा है कि इनसे पूछताछ में पश्चिम और मध्य भारत के जरिए नशे के कारोबार के नए रूट का पता चला।
पूछताछ में जानकारी मिली कि हनीफ मध्य प्रदेश के उज्जैन से यह मादक पदार्थ लाया था। एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक, हनीफ पहले नशीली दवाओं का कच्चा माल मणिपुर से मंगाता था। लेकिन वहां अशांति के कारण हनीफ सहित इस अवैध कारोबार में सक्रिय गिरोह अब मध्य प्रदेश और राजस्थान के दूरदराज के गांवों से कच्चा माल इकट्ठा कर सड़क मार्ग से बंगाल ला रहे हैं। यहां से फिर राज्य के दूसरे हिस्सों में इसकी आपूर्ति की जाती है।
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