मध्य प्रदेश में कथित तौर पर पुलिस की मारपीट से दो लोगों की मौत का मामला सामने आया है.
आरोप है कि राजधानी भोपाल में 22 साल के इंजीनियरिंग के छात्र उदित गायकी की पुलिसकर्मियों ने पिटाई की, जिसके कुछ घंटे बाद उनकी मौत हो गई.
वहीं, अशोक नगर ज़िले में नौ अक्तूबर को 50 साल के लखन यादव की मौत हुई. परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई के बाद लखन की मौत हो गई.
पिपलानी थाना प्रभारी चंद्रिका यादव ने बीबीसी हिन्दी को बताया, “उदित गायकी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गंभीर चोट से हुई मौत की पुष्टि के बाद दो कॉन्स्टेबल पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है.”
अशोक नगर में ज़िला कलेक्टर ने लखन यादव की मौत के मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं.
दो अलग-अलग ज़िलों में हुई मौतों के बाद मध्य प्रदेश पुलिस पर गंभीर सवाल उठे हैं. पहले भी मध्य प्रदेश से इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं.
‘पुलिस ने किसी शातिर अपराधी की तरह मारा’
उदित के परिजनों का आरोप है कि वह कॉलेज से अपने डॉक्यूमेंट्स लेने गए थे.
मौत के बाद परिजनों ने शुक्रवार रात पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए थाने का घेराव किया.
उदित बीटेक फाइनल ईयर के छात्र थे और हाल में बेंगलुरु में नौकरी की तलाश कर रहे थे. तीन दिन पहले ही वह कॉलेज से कुछ डॉक्यूमेंट्स लेने के लिए भोपाल लौटे थे.
परिजनों के अनुसार, “9-10 अक्तूबर की रात दोस्तों के साथ लौटते समय पुलिस ने उसे रोक लिया और उसकी पिटाई की. कुछ घंटों बाद उदित की मौत हो गई.”
घटना भोपाल के पिपलानी थाना क्षेत्र के इंद्रपुरी सेक्टर-सी की है.
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. वीडियो में उदित बिना शर्ट के दिखाई दे रहे हैं, जबकि एक पुलिसकर्मी उन पर लगातार डंडे से वार करता दिख रहा है.
परिजनों ने बीबीसी से बातचीत के दौरान दावा किया कि वीडियो में उदित बिना शर्ट के दिखाई दे रहे हैं, जबकि एक पुलिसकर्मी उन पर लगातार डंडे से वार करता दिख रहा है.
बीबीसी हिन्दी से बात करते हुए उदित के मामा शुभम गावंडे ने कहा, “वह 22 साल का छात्र था, जिसे पुलिस ने किसी शातिर अपराधी की तरह मारा. ऐसा कौन सा गुनाह किया था उसने कि उसे इतनी बुरी तरह पीटा गया?”
यह कहते हुए शुभम रो पड़ते हैं. वह उस वक्त उदित के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए भोपाल के श्मशान घाट पहुंचे थे.
उन्होंने कहा, “बहुत सीधा बच्चा था. बेंगलुरु गया था नौकरी की तलाश में और तीन दिन पहले ही भोपाल आया था. उसे कॉलेज से कुछ डॉक्यूमेंट्स लेने थे. पुलिसवालों ने इतना मारा कि उसकी मौत हो गई.”
पोस्टमॉर्टम में गंभीर चोट से उदित की मौत की पुष्टि
शनिवार सुबह, उदित के परिवार ने बीबीसी से पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट साझा की.
इस रिपोर्ट में साफ़ तौर पर कहा गया है कि मौत का कारण ब्लंट ट्रॉमा (भारी चोट) से हुई ट्रॉमैटिक हेमरेजिक पैंक्रियाटाइटिस है- यानी शरीर के भीतर गंभीर चोट लगने से पैंक्रियाज़ फट गया और मौत हो गई.
रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि मृतक के शरीर पर ज़िंदा रहते हुए लगी चोटों के निशान पाए गए.
पोस्टमॉर्टम में मौत की प्रकृति को “होमिसाइडल” यानी हत्या बताया गया है.
बीबीसी से बात करते हुए पिपलानी थाना के प्रभारी चंद्रिका यादव ने कहा, “इस मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद दो कॉन्स्टेबलों के ख़िलाफ़, हत्या की धाराओं के तहत एफ़आईआर दर्ज की गई है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पैंक्रियाज़ के फटने से मौत होना बताया गया है.”
पुलिस का कहना है कि यह चोट कैसे आई यह जांच का विषय है.
उदित के मामा शुभम ने बीबीसी से कहा, “पुलिस का रवैया देखकर लग रहा है कि वह अपने ही कर्मचारियों का बचाव कर रही है. लेकिन हम उदित के लिए इंसाफ़ लेकर रहेंगे. पुलिस को किसने यह हक़ दिया कि किसी को इतनी बुरी तरह पीटो कि उसकी मौत हो जाए? हमारा इकलौता बेटा चला गया, अब इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा?”
पुलिस पर तालाब में ‘डुबा-डुबाकर’ मारने का आरोप
अशोक नगर में 50 साल के लखन यादव की मौत के बाद परिवार के लोगों ने पुलिस पर उन्हें तालाब में “डुबा-डुबाकर मारने का आरोप लगाया है.”
जिस रात उदित की मौत हुई उसी रात (9 अक्तूबर) अशोक नगर ज़िले के सढौरा थाना क्षेत्र के बमूरिया गांव में 50 वर्षीय लखन यादव की भी मौत हो गई.
लखन यादव की मौत के बाद उनके गांव में तनाव पसरा हुआ है.
परिजनों का आरोप है, “आठ पुलिसकर्मी रात में गांव पहुंचे, उनमें से कुछ वर्दी में थे और कुछ सिविल ड्रेस में थे और उन्होंने लखन को पकड़कर बुरी तरह पीटा.”
लखन के भाई अर्जुन सिंह यादव ने कहा, “मेरे भाई को डंडे और बेल्ट से पीटा गया. उन्हें तालाब में डुबो-डुबोकर मारा गया. मारने के बाद पुलिस उन्हें तालाब के पास ही छोड़ गई थी. उसके बाद पुलिस दो घंटे बाद लौटी और उन्हें अस्पताल ले गई, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी.”
इस घटना के ख़िलाफ़ शुक्रवार को अशोकनगर-गुना मार्ग पर परिजन ने चक्का जाम किया.
अशोक नगर के पुलिस अधीक्षक गजेंद्र सिंह कंवर ने पत्रकारों को बताया, “थाना सढौरा अंतर्गत बमौरिया गांव में लखन यादव का शव बरामद किया गया था. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिसवालों ने ऐसा किया था. ग्रामीणों द्वारा चक्काजाम भी किया गया था. उन्हें समझाया गया है कि कार्रवाई की जा रही है और जिन पुलिसवालों पर आरोप लग रहे हैं उन्हें निलंबित किया गया है.”
ग्रामीणों के विरोध के बाद अशोक नगर ज़िला कलेक्टर आदित्य सिंह ने मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं.
आदेश में कलेक्टर आदित्य सिंह ने कहा, “दिनांक 9 अक्तूबर की रात ज़िला अशोक नगर में लखन यादव, उम्र 50 वर्ष की पुलिस गश्त के दौरान मृत्यु होने की घटना सामने आई है. इससे ज़िले में कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हुई है. इस घटना की गंभीरता को देखते हुए घटना की मजिस्ट्रियल जांच कराया जाना आवश्यक समझता हूं.”
मध्य प्रदेश में पहले भी हुई हैं ऐसी घटनाएं
मध्य प्रदेश में पुलिस पर बर्बरता के कई आरोप लगे हैं. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और सीबीआई को कड़ी फटकार लगाई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार, 25 सितंबर को राज्य सरकार और सीबीआई पर कड़ी टिप्पणी की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जुलाई 2024 में गुना ज़िले के निवासी 24 वर्षीय देवा पारधी की हिरासत में मौत के आरोपों में शामिल दो पुलिसकर्मियों को गिरफ़्तार न करने की हरकत “गंभीर अवमानना” के बराबर है.
इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्न और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने की.
अदालत ने कहा, “चार महीने से अधिक समय बीत गया है और अदालत के निर्देशों का पालन नहीं किया गया है. ऐसा प्रतीत होता है कि आप अधिकारियों की रक्षा कर रहे हैं.”
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के कुछ दिन बाद, सीबीआई ने गुना ज़िले में हिरासत में हुई आदिवासी युवक देवा पारधी की मौत के मामले में अभियुक्त दो पुलिसकर्मियों में से एक सहायक उप-निरीक्षक को गिरफ़्तार किया था.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित.