इमेज कैप्शन, मध्य प्रदेश के वीआईटी कॉलेज में खाना और पानी की ख़राब गुणवत्ता के ख़िलाफ़ स्टूडेंट्स का ग़ुस्सा फूटा.
मध्य प्रदेश के सीहोर ज़िले स्थित वीआईटी कॉलेज के कैंपस में तोड़फोड़ और आगज़नी की घटना सामने आई है.
बताया जा रहा है कि आगज़नी करने वाले कोई और नहीं बल्कि कॉलेज के ही स्टूडेंट्स थे. यह स्टूडेंट्स बीते कई दिनों से कैंपस में ख़राब पानी और खाने की गुणवत्ता को लेकर परेशान थे.
इलाक़े के सब-डिविज़नल ऑफ़िसर आकाश अमलकर का कहना है कि छात्र पानी की समस्या से परेशान थे और लगातार बीमार पड़ रहे थे.
वहीं कॉलेज प्रशासन ने कहा है कि कुछ छात्रों में पीलिया के लक्षण दिखे थे लेकिन बीते दो दिनों से कोई मामला सामने नहीं आया था और कॉलेज बीमार स्टूडेंट्स का अच्छे तरीक़े से इलाज करा रहा था.
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इमेज कैप्शन, सिहोर में अष्टा इलाक़े के सब-डिविज़नल ऑफ़िसर आकाश अमलकर
ज़िला प्रशासन का क्या है कहना?
सब-डिविज़नल ऑफ़िसर आकाश अमलकर ने बताया, ”कल (मंगलवार) रात वीआईटी के छात्रों ने पानी और खाने की गुणवत्ता को लेकर मैनेजमेंट से चर्चा की लेकिन कोई समाधान न मिलने पर कॉलेज परिसर में तोड़फोड़ और आगज़नी की गई और इसकी सूचना हमें प्राप्त हुई.”
“सूचना मिलते ही स्थानीय थाने और आसपास के दूसरे थानों का बल मौके पर पहुंचा, पुलिस और प्रशासन की टीम भी पहुंची, प्रशासन द्वारा बच्चों को उचित संदेश दिए गए. साथ ही साथ मैनेजमेंट से भी चर्चा कर समाधान के प्रयास किए गए. वर्तमान स्थिति पूरी तरह काबू में है. पुलिस बल मौके पर उपस्थित है.”
सब-डिविज़नल ऑफ़िसर के मुताबिक़ प्रदर्शनकारी स्टूडेंट्स की संख्या तक़रीबन तीन से चार हज़ार थी.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने चश्मदीदों और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का हवाला देते हुए बताया है कि तोड़फोड़ में एक बस, दो चार पहिया वाहन, एक एम्बुलेंस, हॉस्टल की खिड़कियों के शीशे, एक आरओ प्लांट और कैंपस के दूसरे कुछ हिस्सों को नुक़सान पहुंचा है.
वहीं एक स्टूडेंट ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बताया है कि कॉलेज प्रबंधन ने सभी स्टूडेंट्स को पांच दिनों की छुट्टी दे दी है, साथ ही जिन्होंने भी तोड़फोड़ की है, उनके ऊपर कड़ी कार्रवाई की भी बात कही है.
स्टूडेंट ने बताया, ”प्रबंधन ने कहा है कि जो भी पानी के सैंपल इकट्ठा किए गए हैं, उसकी जांच की जाएगी”.
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इमेज कैप्शन, स्टूडेंट का दावा है कि कॉलेज में ख़राब पानी और खाने के कारण दो से तीन सौ स्टूडेंट बीमार पड़ चुके थे.
‘कई स्टूडेंट हो चुके थे बीमार’
छात्र का दावा है कि ख़राब पानी और खाने के कारण बीते कुछ दिनों में दो से तीन सौ बच्चे बीमार हो गए थे.
वहीं कॉलेज के रजिस्ट्रार केके नायर ने बीबीसी संवाददाता विष्णुकांत तिवारी से कहा, “पिछले दिनों लगभग दो दर्जन छात्रों में पीलिया जैसे लक्षण दिखाई दिए थे. रोज़ाना दो से तीन छात्रों को इस तरह की शिकायतें आ रही थीं. हमारे हॉस्टल में कुल 12,000 छात्र रहते हैं और जिन छात्रों ने हल्की थकान या पीलिया के लक्षण बताए, उन्हें पहले कॉलेज डिस्पेंसरी में उपचार दिया गया और इसके बाद एहतियातन चिरायु अस्पताल भेजा गया. सभी छात्र अब चिरायु अस्पताल से डिस्चार्ज होकर वापस आ चुके हैं.”
रजिस्ट्रार के मुताबिक़, पिछले दो दिनों में किसी भी छात्र में नया केस सामने नहीं आया है.
उन्होंने यह भी कहा कि “कैंपस में पानी की गुणवत्ता की जांच रोज़ाना तीन से चार बार की जाती है और सभी पानी के पॉइंट आरओ से जुड़े हुए हैं. अगर पानी में किसी तरह का संक्रमण होता, तो पीलिया के मामलों की संख्या सिर्फ़ 22 तक सीमित नहीं रहती.”
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इमेज कैप्शन, कॉलेज के रजिस्ट्रार के मुताबिक़ पिछले दिनों कॉलेज के दो दर्जन स्टूडेंट्स में पीलिया के लक्षण दिखाई दिए थे.
उन्होंने आगे बताया कि बीती रात कुछ भ्रामक और शरारती व्हाट्सऐप संदेश फैलाए गए, जिनमें “दावा किया गया कि तीन छात्रों की मौत हो गई है और सैकड़ों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसके बाद विरोध करने की बातें भी फैलाई गईं.”
“इसी संदेश के बाद छात्र-छात्राएं एकत्रित हुए और उनमें से कुछ शरारती तत्वों ने पहले कॉलेज में तोड़फोड़ की, उसके बाद कॉलेज के कैंपस में गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया”.
रजिस्ट्रार ने कहा कि ये संदेश पूरी तरह ग़लत, भ्रामक और अफ़वाह फैलाने वाले थे. कॉलेज प्रशासन स्थिति पर नज़र रखे हुए है और स्टूडेंट्स की सुरक्षा और स्वास्थ्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है.
राजनीतिक प्रतिक्रिया
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इमेज कैप्शन, कॉलेज में एक रात पहले हुई तोड़फोड़ और आगज़नी के बाद की तस्वीर.
इस पूरे मामले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर लिखा है, ”वीआईटी जो राज्य का प्रमुख शैक्षणिक संस्थान है, वहां पीलिया व्यापक रूप से फैल गया है. बड़ी संख्या में छात्र भोपाल, अष्टा और सीहोर के अस्पतालों में भर्ती हैं.”
“कई बच्चों के गंभीर रूप से बीमार होने की भी ख़बर है. यह घटना अत्यंत चिंताजनक है. बच्चों को स्वच्छ पानी और शुद्ध भोजन उपलब्ध न होना निंदनीय है. सरकार को इस पूरे मामले की निष्पक्ष जाँच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.”
वहीं सिहोर के ज़िलाधिकारी नितिन कुमार टाले ने आश्वासन दिया है कि बच्चों की जो भी समस्या है, उसे दूर करने की दिशा में काम हो रहा है.
उन्होंने कहा, ”खाने और पानी का सैंपल हम इकट्ठा करवा रहे हैं ताकि यहां जो भी कमियां हैं उसे पूरा कर सकें. प्रबंधन के साथ हमारी चर्चा जारी है.”
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित