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मनमोहन सिंह का 26 तारीख से ये कैसा संयोग! बंटवारे के बाद अमृतसर में बसा परिवार, फिर संभाला देश, पढ़ें पूरी कहानी

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Dec 27, 2024


डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर पूरे देश में शोक की लहर है। मनमोहन सिंह की जिंदगी में 26 तारीख का ऐसा संयोग है, जो जन्म से लेकर मृत्यु तक उनके साथ रहा।
डॉ. सिंह का जन्म 26 तारीख को हुआ था। उनका निधन भी 26 तारीख को ही हुआ। मनमोहन सिंह के निधन पर 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। भारत की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में उनका काफी योगदान था।

पंजाब प्रांत में हुआ जन्म

डॉ. सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को हुआ था। वह अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के गाह गांव में जन्मे थे। लेकिन जब देश का बंटवारा हुआ, तो उनका परिवार अमृतसर में आकर बस गया। गाह गांव अब पाकिस्तान का हिस्सा है।

गाह गांव के जिस स्कूल में कभी मनमोहन पढ़ते थे, आज उसे मनमोहन सिंह गवर्नमेंट बॉयज स्कूल के नाम से जाना जाता है। अमृतसर में आने के बाद मनमोहन सिंह ने पंजाब यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। 1952 में उन्होंने यहां से इकोनॉमिक्स में बैचलर और 1954 में मास्टर्स पूरा किया।

ऑक्सफोर्ड से भी की पढ़ाई

मास्टर्स करने के बाद वह 1957 में कैम्ब्रिज चले गए। यहां से उन्होंने 1962 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में डीफ‍िल के लिए दाखिला लिया। बाद में उन्हें दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से ऑफर मिला और वह प्रोफेसर बन गए।
डॉ. सिंह को कॉमर्स मिनिस्ट्री में बतौर एडवाइजर नौकरी मिल गई। यहां से उनका ब्यूरोक्रेसी का करियर शुरू हो गया। जिन मंत्री ललित नारायण ने उन्हें ये पद दिलाया था, एक बार मनमोहन सिंह से उन्ही की ठन गई।

वित्त मंत्रालय में मिली एंट्री

इसके बाद मनमोहन सिंह को वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बना दिया गया। यहां से वह भारत के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर, रिजर्व बैंक के गवर्नर और प्लानिंग कमीशन के प्रमुख भी बने।
1991 में चंद्रशेखर की सरकार गिरने के बाद मनमोहन सिंह को यूजीसी का अध्यक्ष बना दिया गया। इसके बाद नरसिंहा राव की सरकार बनी। तब वित्त मंत्री के लिए किसी योग्य व्यक्ति की तलाश थी। पहला नाम आरबीआई के पूर्व गवर्नर आईजी पटेल का था। लेकिन उन्होंने यह पद लेने से इंकार कर दिया।

दो बार देश की संभाली कमान

इसके बाद मनमोहन सिंह का नाम आगे बढ़ाया गया। इस तरह मनमोहन सिंह देश के वित्त मंत्री बने। 2004 में जब लोकसभा चुनाव हुए, तो जनता ने कांग्रेस को बहुमत दिया। सोनिया का काफी विरोध हुआ, तो उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह को चुन लिया।
मनमोहन सिंह ने देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। 2009 में वो दूसरी बार पीएम बने। जवाहर लाल नेहरू के बाद मनमोहन दूसरे ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर दो कार्यकाल पूरा किया। उन्हें अपने फैसलों के लिए काफी अडिग माना जाता है। 26 दिसंबर 2024 को मनमोहन सिंह ने देश को अलविदा कह दिया।
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