ओलंपियन मनु भाकर बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड 2024 की विजेता चुनी गई हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई वोटिंग के बाद उनके नाम की घोषणा की गई.
दिल्ली में आयोजित समारोह में बीबीसी के डायरेक्टर जनरल टिम डेवी और भारतीय मुक्केबाज़ मैरी कॉम ने मनु भाकर को ये अवॉर्ड दिया.
अवॉर्ड मिलने के बाद मनु भाकर ने कहा, “बीबीसी का इस अवॉर्ड के लिए शुक्रिया. यह उतार-चढ़ाव वाला सफर रहा है. मैंने बहुत सारे मैच जीते हैं, लेकिन यहां आपके सामने खड़ा होना मेरे लिए गर्व की बात है.”
उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि इससे ना सिर्फ़ देश की महिलाओं को बल्कि उन खिलाड़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी जिनका सपना कुछ बड़ा करने का है.”
मनु भाकर ने 2024 के पेरिस ओलंपिक में दो मेडल जीते थे.
किसी भी ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली वह पहली भारतीय महिला खिलाड़ी हैं.
वर्ष 2021 में मनु भाकर को बीबीसी इमर्जिंग प्लेयर ऑफ़ द ईयर का अवॉर्ड भी मिल चुका है.
इस समारोह में अवनि लेखरा को बीबीसी पैरा-स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड, मिताली राज को लाइफ़टाइम अचीवमेंट का अवॉर्ड दिया गया. वहीं बीबीसी इमर्जिंग प्लेयर अवॉर्ड 18 वर्षीय तीरंदाज़ शीतल देवी को मिला है.
इनके अलावा प्रीति पाल और तुलसीमदि मुरुगेशन को बीबीसी स्टार परफ़ॉर्मर 2024 और नसरीन शेख के साथ तानिया सचदेव को बीबीसी चेंजमेकर 2024 अवॉर्ड दिया गया है.
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भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विजेताओं को बधाई दी.
बीबीसी को भेजे संदेश में उन्होंने कहा, “मैं बीबीसी की पूरी टीम को इस सराहनीय कार्यक्रम ‘बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर’ का आयोजन करने के लिए बधाई देती हूँ.”
“इस पहल के ज़रिए जिन शानदार प्रदर्शन करने वाली खिलाड़ियों को सम्मान दिया गया है, उन्होंने न केवल खेल के क्षेत्र में उपलब्धियाँ हासिल कीं, बल्कि उन्होंने युवा लड़कियों को भी निडर होकर अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया.”
बीबीसी के डायरेक्टर जनरल टिम डेवी ने दिल्ली में इस पूरे कार्यक्रम की मेज़बानी की.
उन्होंने कहा, “ओलंपिक में मनु भाकर का ऐतिहासिक प्रदर्शन भारतीय खेल के लिए निर्णायक क्षण है. एक प्रतिभाशाली युवा निशानेबाज़ से रिकॉर्ड तोड़ने वाली ओलंपियन तक उनकी यात्रा ने भारत ही नहीं, यहाँ के बाहर भी एथलीटों को प्रेरित किया है.”
“हम पैरा स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर का अवॉर्ड अवनि लेखरा को देकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं. उनके धैर्य और रिकॉर्ड तोड़ने वाली सफलता पैरा स्पोर्ट्स को अधिक समावेशी और उत्कृष्ट बनाने का रास्ता दिखाती रही है.”
उन्होंने कहा, “भारत में दर्शकों के प्रति बीबीसी की प्रतिबद्धता हमारे संबंधों को ख़ास बनाती है. हमें भारत की असाधारण महिला खिलाड़ियों की उपलब्धियों का जश्न मनाने पर गर्व है.”
कलेक्टिव न्यूज़रूम ने बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर के पाँचवें संस्करण को प्रोड्यूस करने के साथ ही इसका प्रबंधन भी किया है.
कलेक्टिव न्यूज़रूम की सीईओ रूपा झा ने कहा, “मैं खेलों में भारतीय महिलाओं पर इन पुरस्कारों के प्रभाव को देखकर काफ़ी ख़ुश हूँ. ये अवॉर्ड उनकी उपलब्धियों को बढ़ावा दे रहे हैं, बाधाओं को तोड़ रहे हैं और भावी पीढ़ी को प्रेरित कर रहे हैं.”
“ये अवॉर्ड सिर्फ़ पहचान के लिए नहीं है, बल्कि इसका मक़सद भारत और इसके इतर खेल परिदृश्य पर अपनी छाप छोड़ना है.”
इस साल की थीम है ‘चैंपियंस चैंपियन’. ये उन अनसंग हीरोज़ के बारे में है, जो मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को तैयार करने में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं.
बीबीसी ने दृष्टिबाधित एथलीटों के गाइड रनर्स पर एक विशेष डॉक्यूमेंट्री बनाई है. ये बीबीसी की सभी छह भारतीय भाषाओं और अंग्रेज़ी में उपलब्ध है.
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मनु भाकर बीबीसी इंडियन स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर की विजेता हैं.
उन्होंने ये अवॉर्ड जीतने के बाद कहा, “उन सब लड़कियों और बच्चों के लिए जो ये सुन रहे हैं, कड़ी मेहनत कभी भी जाया नहीं जाती है, आप जितनी मेहनत करोगे उनके रिजल्ट जरूर मिलेंगे. अंतर इस बात से पड़ता है कि आप कितना धैर्य दिखाते हो.
ओलंपियन मनु भाकर ने कहा, “एक वक्त ऐसा आया था जब गिव अप करना चाहती थी, अगर उस वक्त मैंने गिव अप कर दिया होता तो आज मैं यहां आपके सामने नहीं खड़ी होती. ना मुझे पेरिस में मेडल मिले होते और ना ही मैं स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड ले रही होती.
मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए दो मेडल अपने नाम किया था.
प्रोफ़ेशनल शूटिंग में आने के दो साल बाद ही मनु ने भारतीय सीनियर टीम के लिए डेब्यू किया और 2018 में वो कॉमनवेल्थ गेम्स में पहुंचीं.
उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में गोल्ड मेडल जीता.
मनु ने 2021 तक शूटिंग के कई वर्ल्ड कप इवेंट्स में 9 गोल्ड और दो सिल्वर मेडल हासिल किए.
लेकिन टोक्यो में मनु जिन तीनों इवेंट्स में हिस्सा ले रही थीं उनके क्वालीफाइंग राउंड भी पार नहीं कर पाईं.
इसके बाद आलोचना हुई. लेकिन मनु ने पहले से कहीं ज़्यादा मज़बूती के साथ वापसी की.
2024 पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचते हुए मनु भाकर ने शूटिंग में दो ब्रॉन्ज मेडल जीते और वो एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बनीं.
इस समारोह में अवनि लेखरा को बीबीसी पैरा-स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर का अवॉर्ड भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने दिया.
अवनि लेखरा इस समारोह में खुद शामिल नहीं हुई थीं. उनकी जगह ये पुरस्कार उनके मैनेजर ने लिया.
अवनि ने इस अवॉर्ड से सम्मानित होने पर कहा, “बीबीसी इंडिया का पैरा स्पोर्ट्सवुमन ऑफ़ द ईयर अवॉर्ड जीतना मेरे लिए वास्तव में सम्मान की बात है. मैं बीबीसी इंडिया की शुक्रगुज़ार हूँ कि उन्होंने इतने बड़े स्तर पर मुझे सम्मानित किया.”
2012 में अवनि लेखरा के परिवार का कार एक्सीडेंट हुआ. एक्सीडेंट के कारण अवनि को रीढ़ की हड्डी में चोट लगी और कमर से नीचे का हिस्सा पैरालाइज्ड हो गया.
इस एक्सीडेंट के बाद अवनि को सब कुछ नए सिरे से सीखना पड़ा जिसमें कैसे बैठना है, वो भी शामिल था.
2015 में अवनि के पिता ने उन्हें घर से बाहर भेजने के लिए स्पोर्ट्स अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया.
अवनि ने स्विमिंग, आर्चरी और एथलेटिक्स में हाथ आजमाया लेकिन शूटिंग में उन्हें अपना लक्ष्य मिला.
2017 में अवनि ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मेडल जीता, जब वह 2017 वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट वर्ल्ड कप के 10 मीटर एयर राइफल में सिल्वर मेडल जीतने में कामयाब रहीं.
इसके बाद अवनि ने गोल्ड मेडल जीतने का सपना देखा और उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में उसे पूरा किया. टोक्यो में वो गोल्ड के अलावा ब्रॉन्ज़ जीतने में भी कामयाब रहीं.
पेरिस पैरालंपिक में भी उन्होंने अपनी कामयाबी का सफ़र जारी रखते गोल्ड मेडल जीता.
बीबीसी इमर्जिंग प्लेयर अवॉर्ड 18 वर्षीय तीरंदाज़ शीतल देवी को मिला है. ये अवॉर्ड उन्हें भारत की सबसे कम उम्र की पैरालंपिक पदक विजेता के रूप में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के लिए दिया गया है.
सिर्फ़ तीन वर्षों में उन्होंने कई बड़ी उपलब्धियाँ हासिल कीं.
उन्होंने 2024 पेरिस पैरालंपिक में ब्रॉन्ज़ मेडल जीता, 2022 के एशियन पैरा गेम्स में दो गोल्ड और एक सिल्वर मेडल अपने नाम किया. वहीं, वर्ल्ड पैरा आर्चरी चैंपियनशिप में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था.
जम्मू की 17 वर्षीय शीतल एक बहुत ही रेयर बीमारी फोकोमेलिया के साथ पैदा हुई थीं.
इसी के कारण वह बिना बांह वाली प्रतिस्पर्धा करने वाली दुनिया की पहली- और एकमात्र सक्रिय महिला तीरंदाज़ बन गईं.
शीतल देवी एक कुर्सी पर बैठकर अपने दाहिने पैर से धनुष उठाती हैं और अपने दाहिने कंधे का उपयोग करते हुए स्ट्रिंग को वापस खींचती हैं. इसके बाद जबड़े की ताक़त का इस्तेमाल करते हुए तीर छोड़ती हैं.
पूरे करियर में शानदार प्रदर्शन करने के लिए पूर्व क्रिकेटर मिताली राज को बीबीसी लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया गया.
मिताली राज 2004 से 2022 तक भारतीय महिला क्रिकेट टीम की रिकॉर्ड 18 साल तक कप्तान रहीं.
ये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट इतिहास में कप्तानी करने का सबसे लंबा समय है. उन्होंने लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड जीतने पर कहा, “बीबीसी और जूरी को मुझे बीबीसी लाइफ़टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड देने के लिए शुक्रिया. मुझे उम्मीद है कि यह पुरस्कार कई लड़कियों को इस खूबसूरत खेल को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा.”
मिताली राज ने महज 16 साल की उम्र में भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए डेब्यू किया था. महिला वनडे क्रिकेट में मिताली सबसे ज्यादा रन बनाने वालीं खिलाड़ी हैं.
23 साल के लंबे करियर के दौरान मिताली ने 50 से ज्यादा के औसत से 7,805 रन बनाए हैं. मिताली ने 7 शतक और 64 अर्धशतक लगाए हैं. महिला वनडे क्रिकेट में मिताली के नाम सबसे ज्यादा अर्धशतक हैं.
2002 में मिताली ने इंग्लैंड के खिलाफ 214 रन की पारी खेली और वो टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वालीं पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं. 2024 तक ये रिकॉर्ड मिताली के नाम ही रहा. 2024 में शेफाली वर्मा ने दोहरा शतक लगाकर इस रिकॉर्ड की बराबरी की.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित