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ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के केलॉग कॉलेज में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाषण के दौरान हंगामा हो गया और वहां मौजूद कुछ लोगों ने ‘गो अवे’ के नारे लगाए.
वामपंथी छात्र संगठन एसएफ़आई ने इस विरोध प्रदर्शन की जिम्मेदारी ली है जबकि बीजेपी ने कहा है कि बंगाली हिंदुओं ने विरोध किया.
हंगामा तब शुरू हुआ जब ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के औद्योगिकरण के बारे में दावे कर रही थी, उसी समय श्रोताओं में से कुछ लोगों ने भारतीय मल्टीनेशनल कंपनी के नैनो कार प्लांट के राज्य से बाहर जाने पर सवाल उठाया.
जिसका जवाब देते हुए ममता बनर्जी ने टाटा ग्रुप की ओर से राज्य में अन्य जगहों पर किए गए निवेश का ज़िक्र किया. हंगामा तब और बढ़ गया जब कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ बीते साल हुए बलात्कार और हत्या पर उनसे सवाल किया गया.
इस दौरान ममता बनर्जी ने विरोध के लिए वामपंथी छात्र संगठन पर राजनीति करने का आरोप लगाया और भविष्य में उनके नेताओं के साथ भी ऐसा होने की चेतावनी दी.
उन्होंने विरोध के लिए ‘अल्ट्रा लेफ़्ट और उनके सांप्रदायिक मित्रों’ को ज़िम्मेदार ठहराया. टीएमसी लगातार आरोप लगाती रही है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी और सीपीएम मिलकर उसे हराने की कोशिश कर रहे हैं.
बंगाली हिंदू या वामपंथी छात्र, हंगामे के पीछे कौन?
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यह विरोध प्रदर्शन किसने किया इसे लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं.
सीपीएम के छात्र संगठन स्टूडेंट फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडिया (एसएफ़आई) की यूके विंग ने इस विरोध प्रदर्शन की ज़िम्मेदारी लेते हुए अपने फ़ेसबुक हैंडल पर एक वीडियो जारी किया.
साथ ही एक बयान जारी कर वामपंथी छात्र संगठन ने कहा कि उसके सदस्यों ने ममता बनर्जी के ‘झूठ’ पर सवाल खड़ा किए और उनके ‘भ्रष्ट शासन’ का विरोध किया.
उधर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें कुछ लोग तख़्तियां लिए खड़े हैं.
मालवीय ने एक्स पर लिखा, “बंगाली हिंदुओं ने लंदन के केलॉग कॉलेज में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का विरोध किया. उन्होंने गुस्से में नारे लगाए और आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या, संदेशखाली में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध, हिंदुओं के जनसंहार और व्यापक भ्रष्टाचार के मुद्दों पर उन्हें घेरा.”
टीएमसी ने इस विरोध प्रदर्शन की निंदा की है. टीएमसी सांसद सौगत राय ने एएनआई से कहा, “मैं इस तरह के व्यवहार की पूरी तरह निंदा करता हूं. इस मामले में यूनिवर्सिटी प्रशासन और इंग्लैंड पुलिस को कदम उठाना है.”
हंगामे पर ममता बनर्जी ने क्या कहा
ममता बनर्जी के पूरे भाषण का पूरा वीडियो टीएमसी ने अपने यूट्यूब चैनल पर डाला है.
ममता बनर्जी ने भाषण में अपने शासन के दौरान पश्चिम बंगाल में हर क्षेत्र में हुए विकास के आंकड़े दिए और कहा कि कोलकाता उद्योग का गेटवे बन गया.
हंगामा उनके भाषण के आधे घंटे बाद शुरू हुआ जब श्रोताओं में से कुछ लोगों ने उनके दावों पर सवाल उठाए.
हालांकि बीच-बीच में टोका-टाकी जारी रही. किसी ने कोलकाता में आरजी कर अस्पताल में बलात्कार और हत्या के मामले को उठाया तो ममता बनर्जी ने कहा, “यह मामला अदालत में है, इस केस को केंद्र सरकार ने अपने हाथ में ले लिया है.”
इस बीच श्रोताओं में से किसी ने पूछा कि पश्चिम बंगाल में हिंदू उत्पीड़न हो रहा है और क्या वह कुछ कहना चाहेंगी. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं हर धर्म का समर्थन करती हूं. मैं हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी का सम्मान करती हूं.”
ममता बनर्जी ने साथ ही कहा कि इसे ‘राजनीतिक मंच मत बनाएं. आप बंगाल जाएं और अपनी पार्टी को और मजबूत करें.”
इस दौरान ममता बनर्जी ने एक फ़ोटो दिखाते हुए कहा, “आप मेरी यह तस्वीर देखिए, मुझे मारने की कोशिश कैसे की गई थी.”
हंगामा बढ़ने पर ममता बनर्जी ने कहा, “आप मुझे बोलने दें. आप मेरा नहीं, बल्कि अपने संस्थान का अपमान कर रहे हैं. ये लोग हर जगह ऐसा करते हैं, जहां भी मैं जाती हूं.”
उन्होंने परोक्ष रूप से सीपीएम और हिंदुत्वादी संगठनों पर निशाना साधते हुए कहा, “अल्ट्रा लेफ्ट और सांप्रदायिक मित्रों ऐसा व्यवहार मत करो.”
लोगों ने ”गो अवे’ के नारे लगाए तो इस पर ममता बनर्जी ने कहा कि ‘ये इनकी आदत हो गई है.’
एसएफ़आई ने क्या कहा?
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एसएफ़आई-यूके ने अपने एक बयान में कहा है, “ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में ममता बनर्जी के भाषण के ख़िलाफ़ एसएफ़आई-यूके ने प्रदर्शन किया. पश्चिम बंगाल में सामाजिक विकास के उनके दावों के सबूत मांगते हुए उनके सफ़ेद झूठ का खुलकर विरोध किया.”
बयान के अनुसार, “हमारे विचारों को शांतिपूर्वक ज़ाहिर करने देने की बजाय पुलिस बुला ली गई. हमने पीड़ित पर ही आरोप लगाने और आरजी कर मामले में बरती गई लापरवाही पर सवाल उठाए. जब ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में छात्रों और लोकतांत्रिक अधिकारों का समर्थन करने का दावा किया तो हमने पूछा कि पिछले छह सालों से यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के चुनाव क्यों नहीं हो रहे हैं.”
बयान में जादवपुर यूनिवर्सिटी में छात्रों पर कथित हमले को लेकर भी सवाल पूछने की बात कही गई है.
बयान के अनुसार, बनर्जी ने दावा किया कि राज्य में महिला सशक्तीकरण बढ़ा है, इस पर हमने पूछा कि पिछले साल स्कूल स्तर पर लड़कियों के ड्रॉपआउट दर में 19% की वृद्धि हुई है और राज्य में क्यों बाल विवाह की घटनाएं अधिक हो रही हैं.
एसएफ़आई-यूके ने कहा कि उसने ममता बनर्जी और टीएमसी के भ्रष्ट और अलोकतांत्रिक शासन का विरोध किया.
हाल में एक समय हॉल में विरोध करने वालों और टीएमसी के समर्थकों के बीच ज़ुबानी कहासुनी भी होने लगी. हालांकि बाद में हंगामा करने वालों को हॉल से हटा दिया गया और फिर कार्यक्रम आगे बढ़ा.
भारत की जीडीपी को लेकर ममता की टिप्पणी
इस कार्यक्रम के दौरान बातचीत में भारत की जीडीपी को लेकर की गई ममता बनर्जी की टिप्पणी को लेकर भी विवाद हो रहा है.
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने ममता बनर्जी के कार्यक्रम की एक वीडियो क्लिप साझा की है जिसमें इंटरव्यूअर के सवालों का वह जवाब दे रही हैं.
इंटरव्यूअर ने पूछा कि ब्रिटेन दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, भारत पांचवें नंबर पर है और जल्द ही वह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और मेरा अनुमान है कि 2060 तक भारत दुनिया की नंबर वन अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा.
इस पर ममता बनर्जी ने कहा, “मैं इससे असहमत हूं. बहुत सारी चीज़ें हैं जिन पर मुझे नहीं बोलना चाहिए. यह घरेलू मामला है और विदेश मामलों से जुड़ा है. मेरी कुछ और धारणा है…क्योंकि कोविड के बाद और जो कुछ भी दुनिया में उथल पुथल चल रही है उससे हर देश समस्याओं से जूझ रहा है. मैं अंदाज़ा लगा सकती हूं. हालात उतने भी अच्छे नहीं हैं. अगर आर्थिक युद्ध जैसे हालात हैं तो हम कैसे लक्ष्य तक पहुंचेंगे? हम केवल उम्मीद कर सकते हैं. ये सपना देख सकते हैं कि मेरा देश सबसे बढ़िया है.”
प्रदीप भंडारी ने कहा कि इंडिया गठबंधन के नेता विदेशी धरती पर भी भारत के बारे में अच्छा नहीं बोल सकते.
बीजेपी के एक अन्य राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने एक्स पर लिखा, “पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री विदेशी धरती पर भारत को कमतर करके दिखा रही हैं और खिंचाई कर रही हैं. भारत नंबर वन अर्थव्यवस्था बनने की संभावना पर नाख़ुशी ज़ाहिर करने वाला उनका बयान निंदनीय और हैरान करने वाला है.”
विनीत नाम के एक अन्य एक्स यूज़र ने लिखा, ममता बनर्जी को भारत से दिक्कत है. जिस संवैधानिक पद पर वह बैठी हैं, उसका अपमान है. विदेशी धरती पर कौन ऐसा बर्ताव करता है?
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़ रूम की ओर से प्रकाशित